आमतौर पर तुलसी-विवाह का त्यौहार एक दिन का होता है पर कुछ स्थानों पर यह आयोजन पञ्च- दिवसीय मनाया जाता है जो एकादशी से प्रारम्भ होकर कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है।
Dev Uthani Ekadashi 2024 : देव उठनी एकादशी 12 नवम्बर को लग रहे ये शुभ योग, ऐसे जगाए अपने देव
Nov 08, 2024 09:37
Nov 08, 2024 09:37
- एकादशी को हर्षण योग के साथ बन रहा सर्वार्थसिद्धि योग
- मंगलवार की शाम 4 बजे तक रहेगी प्रबोधनी एकादशी तिथि
- गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की जुटेगी भारी भीड़
इस प्रकार उठाएं अपने देव, प्रबोधिनी एकादशी पर
उन्होंने बताया कि प्रात: जल्दी उठ कर स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल पर षोडशोपचार द्वारा भगवान विष्णु जी की अर्चना करें, शंख में गाय के दूध आदि से उनका स्नान कराएं। संध्या समय गेरू से विष्णु जी का चित्र बना कर छलनी के नीचे दीपक प्रज्वलित कर के गन्ना, सफ़ेद मूली, आंवला, सिंघाड़े, शकरगंद, मिष्ठान्न, फल आदि जो भी खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो अर्पित करें। तत्पश्चात भगवान विष्णु जी की पूजा व आरती करें। इस दिन विशेष रूप से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मन्त्र का जप करें।
करें तुलसी जी का विशेष पूजन/ विवाह इस प्रकार
तुलसी के पौधे के चारों ओर केले या गन्ने से मंडप बना कर बन्दनवार से सजाएं, साथ में आंवले का गमला भी लगाएं। रंगोली से अष्टदल कमल बना कर शंख, चक्र और गाय के पैर बनाएं। तुलसी पंचोपचार पूजन करें तथा का वस्त्र, आभूषण से सजाकर श्रृंगार सामग्री अर्पित कर चारों ओर दीप जलाएं। इस प्रकार विवाह जैसा आयोजन कर तुलसी जी का विवाह शालिग्राम के साथ किया जाता है।
देव उठानी एकादशी पूजन मुहूर्त - 12 नवम्बर
लाभामृत मुहूर्त - प्रात: 10:41 से अपरान्ह 01:26 तक
शुभ मुहूर्त - अपरान्ह 02:46 से शाम 04:07 तक
लाभ मुहूर्त - शाम 07:07 से रात्रि 08:47 तक
तुलसी विवाह मुहूर्त - 13 नवम्बर
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त गोधूलि काल में शाम 05:08 से 05:48 तक रहेगा।
आमतौर पर तुलसी-विवाह का त्यौहार एक दिन का होता है पर कुछ स्थानों पर यह आयोजन पञ्च- दिवसीय मनाया जाता है जो एकादशी से प्रारम्भ होकर कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है।
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