मृत्यु के बाद 6 घंटे में नेत्रदान होना जरूरी है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति की सूचना विभाग को मिलना जरूरी है। परिवार नजदीकी नेत्र बैंक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या 108 पर सूचना दे सकता है।
एलएलआरएम में नेत्रदान पखवाड़ा : नेत्रदान करके दूसरे की जिंदगी में भरे उजाले के रंग
Sep 04, 2024 23:42
Sep 04, 2024 23:42
- लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के नेत्र रोग विभाग में आयोजन
- नेत्र रोग विभाग ने नेत्रदान जागरूकता रैली भी निकाली
- व्यक्ति की मृत्यु के बाद छह घंटे में नेत्रदान होना जरूरी
नेत्रदान में समय का अधिक महत्व
प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेत्रदान में समय का अधिक महत्व है। मृत्यु के बाद 6 घंटे में नेत्रदान होना जरूरी है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति की सूचना विभाग को मिलना जरूरी है। परिवार नजदीकी नेत्र बैंक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या 108 पर सूचना दे सकता है। समय पर सूचना मिलने से मेडिकल टीम तुरंत परिवार से संपर्क कर नेत्र लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रदान मृत्यु के बाद किया जा सकने वाला सर्वोत्तम दान है। इन्हें केवल मानव शरीर से ही नेत्रदान प्रक्रिया को पूरा करके प्राप्त किया जा सकता है।
पीड़ित व्यक्ति के जीवन में रंग भर सकते हैं
इस अवसर पर नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार सिंह ने लोगों को नेत्रदान करने हेतु प्रेरित किया एवं उनको समझाया कि वह किस प्रकार किसी कॉर्निया अंधता से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में रंग भर सकते हैं। इस क्रम में नेत्र रोग विभाग में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के छात्र एवं छात्राओं द्वारा एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें एमबीबीएस के छात्र एवं छात्राओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान डॉ. मरियम, द्वितीय स्थान डॉ. रिंकी और तीसरे स्थान पर डॉ. अवनी एवं सांत्वना पुरस्कार डॉ. खुशी को दिया गया। कार्यक्रम में नेत्र रोग विभाग के डॉ. अलका गुप्ता, डॉ.प्रियांक, डॉ.जय द्विवेदी, डॉ. प्रियंका एवं विभाग के परास्नातक छात्रों और आई बैंक की काउंसलर मीनाक्षी ने भाग लिया।
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