मेरठ के दो पुलिसकर्मी राजस्थान में एक संगठित लूट गिरोह का संचालन कर रहे थे, जिसके खुलासे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
मेरठ पुलिस विभाग में मची खलबली : राजस्थान में लूट गैंग चला रहे थे दो पुलिसकर्मी, ऐसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़...
Oct 26, 2024 15:25
Oct 26, 2024 15:25
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कैसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़?
राजस्थान पुलिस के अनुसार, घटना तब सामने आई जब एक रोडवेज बस, जो चुरू से झंझुन जा रही थी, के पास ये पुलिसकर्मी पहुंच गए। बस में सफर कर रहे बुलंदशहर निवासी जखिया और उनकी पत्नी नाजरीन को कुछ समय के लिए जबरन बस से नीचे उतारा गया और गाड़ी में बिठा लिया गया। यह घटना देख आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। राजस्थान पुलिस ने इलाके में नाकेबंदी की और एक लाल रंग की संदिग्ध कार को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान गाड़ी में बैठे आरोपी बैरिकेड्स को तोड़ते हुए भागने की कोशिश कर रहे थे, पर पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि इन आरोपियों का मकसद दंपत्ति से पांच लाख रुपये की फिरौती वसूलना था।
गिरोह को दी गई पुलिस ट्रेनिंग
रिंकू सिंह गुर्जर और अमित खटाना ने अपने गिरोह के सदस्यों को लूट और पुलिस से बचने की तकनीकों में प्रशिक्षित किया था। इनमें से एक गाजियाबाद की निवासी मीनू रानी है, जो एक अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी और गिरोह का हिस्सा बन चुकी थी। इसके अलावा, कंकरखेड़ा के निवासी आकाश, दिल्ली के अनुज और हापुड़ के मुनकाद को भी गिरोह में शामिल कर उन्हें आपराधिक ट्रेनिंग दी गई। इस गिरोह का उद्देश्य मुनाफा कमाना था, जिसके लिए उन्होंने अपने अनुभव का दुरुपयोग किया।
6 आरोपी गिरफ्तार, मेरठ पुलिसकर्मियों पर सस्पेंशन की कार्रवाई
राजस्थान पुलिस ने मेरठ पुलिसकर्मियों सहित गिरोह के कुल 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए लोग हैं - कांस्टेबल रिंकू सिंह गुर्जर, हेड कांस्टेबल अमित खटाना, गाजियाबाद की मीनू रानी, दिल्ली निवासी अनुज, हापुड़ के मुनकाद और मेरठ के आकाश। इन सभी को राजस्थान पुलिस द्वारा अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं, मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने इन दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मेरठ पुलिस विभाग में मची खलबली
इस घटना के बाद मेरठ पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस बात का खुलासा होते ही मेरठ पुलिस की छवि पर गहरा असर पड़ा है। राजस्थान पुलिस ने अपनी जांच के दौरान यह पाया कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने न केवल अपराध किए, बल्कि अन्य सदस्यों को भी ट्रेनिंग देकर अपराध में शामिल किया। इस मामले के सामने आने के बाद मेरठ पुलिस की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
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