मिडिल ईस्ट युद्ध से मेरठ चिंतित : स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर संकट, जानें इजरायल में कितना होता है निर्यात

स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर संकट, जानें इजरायल में कितना होता है निर्यात
UPT | मिडिल ईस्ट युद्ध से मेरठ चिंतित

Oct 05, 2024 16:59

इजराइल का हमास, लेबनान और अब ईरान के साथ युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी के मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री भी इससे काफी प्रभावित हुई है। संभावना जताई जा रही है कि अगर युद्ध और लंबा खिंचा तो खेल उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है...

Oct 05, 2024 16:59

Meerut News : इजराइल का हमास, लेबनान और अब ईरान के साथ युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं लेबनान में हिजबुल्लाह लीडर हसन नसल्लाह की मौत ने आग और भड़का दी है। सबको पता है कि जब युद्ध छिड़ता है तो देश में त्रास्दी आती है। आप सोच रहे होंगे कि युद्ध तो दूसरे देशों में हो रहा है तो हमें भला हमें क्या फर्क पड़ सकता है। ऐसा नहीं है। युद्ध बेशक दूसरे देशों में हो रहा है, लेकिन भारत भी इससे अछूता नहीं है। यूपी के मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री भी इससे काफी प्रभावित हुई है। संभावना जताई जा रही है कि अगर युद्ध और लंबा खिंचा तो खेल उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है।

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यूपी के उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छी मांग
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश का उद्योग क्षेत्र अपने विशेष गुणों के लिए जाना जाता है। 75 ज़िलों में फैले इस राज्य में विभिन्न उद्योगों को मिलने वाले प्रोत्साहन से औद्योगिक परिदृश्य में उल्लेखनीय परिवर्तन हो रहा है। कई ज़िले ऐसे हैं जहां स्थानीय कारीगरों के कौशल ने उन्हें एक नई पहचान दी है। इनके द्वारा निर्मित उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अच्छी मांग है। उदाहरण के लिए, मेरठ में स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग,  मुरादाबाद की हैंडीक्राफ्ट्स, आगरा की लेदर इंडस्ट्री ने राज्य को विशेष स्थान दिलाया है। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश का उद्योग क्षेत्र निरंतर विकास की ओर अग्रसर है।



प्रदेश की खेल राजधानी मेरठ
मेरठ उत्तर भारत की एक नई खेल राजधानी के रूप में उभर रहा है। यह ऐतिहासिक और पौराणिक शहर खेल जगत में अपनी पहचान बना चुका है, जिससे इसकी धाक विदेशों तक सुनाई दे रही है। जब भी देश में या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेला जाता है, तो कई खिलाड़ी मेरठ में निर्मित उपकरणों का उपयोग करते हैं। यहां के खेल सामानों का निर्यात दुनिया के 100 से अधिक देशों में होता है, चाहे वह इनडोर खेल हों या आउटडोर। इस प्रकार, मेरठ खेल उद्योग में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है। मेरठ से हर साल करीब 800 करोड़ का खेल सामान विदेशों में निर्यात होता है।

मिडिल ईस्ट युद्ध से होगा नुकसान
लेकिन इजरायल का हमास, लेबनान और अब ईरान के साथ युद्ध छिड़ने के बाद कारोबार को नुकसान होने की संभावना है। सबसे पहला नुकसान तो स्वेज नहर से जाने वाले सामान से हुआ। बता दें कि मेरठ से यूरोप के लिए काफी मात्रा में खेल का सामान भेजा जाता है। स्वेज नहर के जरिए पानी के जहाज कंटेनर 18 से 22 दिन में पहुंच जाते थे। लेकिन युद्ध छिड़ने के बाद इस मार्ग को बदलना पड़ा। अब सामान को कंटेनरों को यूरोप पहुंचने में 40 से भी ज्यादा दिन लग रहें हैं। 

युद्ध के बाद इतने करोड़ का सामान भेजा
इजरायल में बॉक्सिंग और फिटनेस से संबंधित कई सामान भेजे जाते हैं, जिसमें मेरठ की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालांकि, हाल के युद्ध के बाद परिस्थितियां बदलने लगी हैं, जिससे व्यापार में कुछ चुनौतियां सामने आई हैं। इजराइल में पिछले साल 15 करोड़ का खेल का सामान भेजा गया था। लेकिन इस बार के हालात कुछ और हैं। अबकी बार इजराइल में 15 करोड़ से घटकर मात्र आठ करोड़ का सामान भेजा गया है। वहीं यूनाइटेड अरब अमीरात में करीब 28 करोड़ 44 लाख का खेल का सामान सप्लाई हुआ।

यूनाइटेड अरब अमीरात और अन्य देशों में खेल सामान की सप्लाई का डाटा सामने आया है। यह डाटा पूरे देश से सप्लाई होने वाले खेल के सामान का है, लेकिन इसमें मेरठ की भागीदारी 60 फीसदी से ज्यादा का है।
  • इजराइल : लगभग 8 करोड़ का सामान।
  • यूनाइटेड अरब अमीरात : लगभग 28 करोड़ 44 लाख का खेल सामान सप्लाई।
  • सऊदी अरब : लगभग 14 करोड़ का सामान।
  • तुर्की : करीब 6 करोड़ 86 लाख का सामान।
  • कतर : लगभग 3 करोड़ 80 लाख का सामान।
  • ओमान : करीब 3 करोड़ 16 लाख का सामान।
  • कुवैत : लगभग 2 करोड़ 2 लाख का सामान।
  • लेबनान : करीब 68 लाख का सामान।
  • बहरीन : लगभग 42 लाख का सामान।
5 गुना बढ़ा जहाजों का किराया
युद्ध से पहले, कंटेनर पानी के जहाजों के माध्यम से स्वेज नहर के रास्ते यूरोप पहुंचते थे, और उस समय किराया 800 डॉलर था। लेकिन जब कंटेनर लाल सागर से जाने लगे, तो दूरी बढ़ने के साथ ही किराया भी बढ़ गया। अब वही कंटेनर दूसरे रास्ते से यूरोप पहुंचने में 4000 डॉलर का खर्च करता है। यदि यूरोप में खेल का सामान तेजी से पहुंचाना है, तो हवाई यात्रा का किराया भी बढ़ गया है। इसके अलावा, कुरियर कंपनियों ने अपने दरों में आठ गुना तक की वृद्धि कर दी है, जिससे लागत और भी अधिक बढ़ गई है।

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मेरठ में कब शुरू हुआ स्पोर्ट्स बनाने का कारोबार
बता दें कि देश के आज़ादी के बाद सियालकोट से आए शरणार्थियों ने स्पोर्ट्स बनाने के कारोबार की शुरुआत की थी और यह सिलसिला आज भी जारी है। अब यह उद्योग वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान बना चुका है। कई प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, करण शर्मा, समीर रिज़वी, रिंकू सिंह, ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या जैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी खिलाड़ी मेरठ में बने बल्लों का उपयोग करते हैं। यह सब इस उद्योग की बढ़ती प्रतिष्ठा और गुणवत्ता को दर्शाता है।

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