चैत्र नवरात्र 2024 : ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, ऐसे करें प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा

ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, ऐसे करें प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा
UPT | वासंतीय नवरात्र-दुर्गा पूजा

Apr 08, 2024 10:40

क्ति उपासना का व्रत वासंतीय नवरात्र-दुर्गा पूजा का शुभारंभ कलश स्थापना के साथ होगा। इसको चैती दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता...

Apr 08, 2024 10:40

Short Highlights
  • प्रथम स्वरूप शैलपुत्री देवी की पूजा से होंगे धन-धान्य 
  • मंगल ग्रह और मेष राशि के व्यक्ति करें बगलामुखी की आराधना 
  • शैलपुत्री देवी को लगाए अनार के साथ पिपरमेंट युक्त पान का भोग
Navratri 2024 : इस बार वासंतीय नवरात्र का प्रारंभ कल मंगलवार 9 अप्रैल से हो रहा है। इसी दिन हिंदू नववर्ष की भी शुरूआत हो रही है। मंगलवार 9 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से विक्रम-संवत 2081 का शुभारंभ होगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हिंदू नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। इसी दिन से शक्ति उपासना का व्रत वासंतीय नवरात्र-दुर्गा पूजा का शुभारंभ कलश स्थापना के साथ होगा। इसको चैती दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। 

मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप शैलपुत्री देवी का 
पंडित भारत भूषण के अनुसार मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप शैलपुत्री देवी का है। जिनकी पूजा से कर्ज, बीमारियां व शनि प्रकोप से बचाव तथा धन, धान्य की वृद्धि होती है। शैलपुत्री प्रकृति की देवी हैं इसलिए कृषि व बागवानी का कार्य करने वाले के लिए तुलसी का पौधा का लगाया अत्यन्त शुभकारी माना गया है। शैलपुत्री देवी का सामान्य मंत्र है 'ऊँ शैलपुत्र्यै नमः' तथा शैलपुत्री देवी के भोग का विशेष समय दोपहर 11 बजे से तीन बजे तक का है। शैलपुत्री देवी को अनार के साथ पिपरमेंट युक्त मीठे पान का भोग श्रद्धापूर्वक लगाने से कर्ज और रोग से मुक्ति के योग बनते हैं। 

इस बार ऐसे विशेष रूप से करें देवी की आराधना 
मंगलवारीय, प्रथम नवरात्र को शैलपुत्री देवी की आराधना के साथ मंगल ग्रह और मेष, वृश्चिक राशि से सम्बंधित व्यक्ति महाविद्या बगलामुखी देवी की आराधना भी अवश्य करें।  
मन्त्र जपें - 
ॐ बगलामुखी देव्यै नम: 
मंगल मन्त्र - ॐ भोम भोमाय नम:
 
लाल व पीले रंग के वस्त्र धारण कर
इस दिन लाल व पीले रंग के वस्त्र धारण कर मंगल ग्रह और महाविद्या बगलामुखी का मन्त्र जपें। जिससे अपने मजबूत मनोबल, कार्यों में सफलता तथा विरोधियों पर विजय प्राप्त करने के लिए आशीर्वाद माँ से प्राप्त कर सकें। मेष, वृश्चिक राशि के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों को मंगल ग्रह सम्बन्धी पीड़ा दूर करने, मनोबल को मजबूत करने और जीवन में सफलता के लिए महाविद्या बगलामुखी देवी की आराधना और मंगल ग्रह के उपाय व मंगल सम्बन्धी अपने नियत कर्म अवश्य करने चाहिए।  
 

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