डॉ. फैयाज अहमद फैजी ने कहा कि अब तक मुसलमानों की हर संस्था पर अशराफ वर्ग यानी विदेशी मूल के मुसलमानों का एक छत्र कब्जा रहा है
Meerut News : वक़्फ़ संशोधन विधेयक को पसमांदा मुसलमानों का समर्थन
Oct 26, 2024 12:40
Oct 26, 2024 12:40
- वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में चल रहा डिजिटल अभियान
- घरों पर चिपकाए जा रहे समर्थन के लिए क्यूआर कोड
- पसमांदा मुस्लिम विद्धानों का तर्क वक्फ संशोधन जरूरी
वक्फ बोर्ड के समर्थन में डिजिटल अभियान
वक्फ बोर्ड के समर्थन में मुस्लिम संगठन डिजिटल अभियान चलाए हुए हैं। वे जहां लाउडस्पीकर लेकर गली-गली घूम रहे हैं। वहीं क्यूआर कोड भी घरों पर चस्पा कर रहे हैं। इस विधेयक के संदर्भ में सत्ता पक्ष और विपक्ष के अपने अपने विरोधी तर्क हो सकते है लेकिन जिस मुस्लिम समुदाय के लिए ये विधेयक लाया जा रहा है उस वर्ग के भीतर इस विधेयक को लेकर अलग अलग प्रतिक्रियाएँ दिखायी दे रही है।
पसमांदा मुसलमानों को वक्फ के विवादों से मुक्ति
पसमांदा मुस्लिम अधिकार कार्यकर्ता डॉ. फैयाज अहमद फैजी का कहना है कि वक्फ संसोधन विधेयक बदलाव क्रांतिकारी हैं। इससे वक्फ की संपत्तियों के पंजीकरण, सत्यापन, लेनदेन में पारदर्शिता आएगी और इससे गरीब मुसलमानों को वक्फ के विवादों से मुक्ति मिलेगी।
नए वक्फ बोर्ड बिल में महिलाओं के साथ पसमांदा मुसलमानों के लिए प्रावधान
डॉ. फैयाज अहमद फैजी ने कहा कि अब तक मुसलमानों की हर संस्था पर अशराफ वर्ग यानी विदेशी मूल के मुसलमानों का एक छत्र कब्जा रहा है लेकिन नए वक्फ बोर्ड बिल के प्रस्तावों में महिलाओं के साथ-साथ पसमांदा वर्ग के मुसलमानों के लिए प्रावधान किए गए हैं। इससे महिलाओं-पसमांदा वर्ग के लोगों की बेहतरी की राह खुलेगी। इसी प्रकार आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता इरफान जामियावाला ने सरकार की ओर से प्रस्तावित वक्फ बिल संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। वक्फ बोर्ड पर 15 प्रतिशत आबादी वाले अग्रणी
सुविधा संपन्न मुसलमानों का कब्जा
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड पर 15 प्रतिशत आबादी वाले अशरफ (अग्रणी सुविधा संपन्न) मुसलमानों का कब्जा है। मौलाना सज़्ज़ाद नुमानी, मौलाना असद मदनी व उनकी कंपनी के लोग वक्फ संपत्तियों पर सांप की तरह कुंडली मारे बैठे हैं, जबकि 85 प्रतिशत पसमांदा (अति पिछड़ा व शोषित वंचित) मुसलमान यानी पसमंदा मुसलमान को वर्षो से मृग तृष्णा दिखाया जा रहा है, मुसलमान को वक्फ संपत्तियों से कोई लाभ नहीं मिल रह है उनका मानना है कि इस विधेयक का विरोध करने वाले मौलाना अरशद मदनी जैसे लोगों की दलीलें मतलबपरस्ती वाली हैं।
पसमांदा मुसलमान इस संशोधन को खुलकर सपोर्ट कर रहा
इरफान जामियावाला व अन्य पसमंदा आंदोलन के लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वक्फ से संबंधित संपत्तियों के संबंध में जो निर्णय लिया है, वह पसमांदा मुसलमानों के हित में है। इसलिए पसमांदा मुसलमान इस संशोधन को खुलकर सपोर्ट कर रहा है। वक़्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिम समाज के अत्यंत पिछड़े वर्ग को उम्मीद की किरण दिखाई देती है। वक़्फ़ की संकल्पना जिस नेक इरादे के साथ की गयी उसमें समय के साथ तमाम बुराइयाँ घर कर गयी। वक़्फ़ के आड़ में कई जगहों पर भू-माफिया पैदा हो गये। जिन्होंने क़ब्रिस्तानों पर क़ब्ज़ा कर लिया और सरकार से मिलने वाले हर लाभ का ख़ुद फ़ायदा उठाया।
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