संतकबीरनगर में धनतेरस का पर्व मंगलवार को पारंपरिक तरीके से धूमधाम से मनाया गया, जिसके साथ ही 5 दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हुई। इस अवसर पर बाजारों में रौनक बनी रही ...
धनतेरस पर 150 करोड़ का कारोबार : देर रात तक गुलजार रहे जिले के बाजार, उमड़ी खरीदारों की भीड़
Oct 30, 2024 16:51
Oct 30, 2024 16:51
बर्तनों की खनक से गूंजे शहर के बाजार
इस दिन आभूषणों और वाहनों की बिक्री में विशेष बढ़ोतरी देखी गई। दोपहिया और चार पहिया वाहनों के साथ-साथ कपड़ों, बर्तनों और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की भी अच्छी खासी मांग रही। व्यापारियों का अनुमान है कि इस बार जिले में लगभग 150 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। धनतेरस के साथ ही दीवाली के 5 दिवसीय पर्व की शुरुआत का उल्लास हर तरफ देखने को मिला और बाजारों में बर्तनों की खनक लगातार गूंजती रही।
आभूषण और वाहनों की बिक्री में दिखी सबसे अधिक तेजी
व्यापारियों के अनुसार धनतेरस पर जिलेभर में खरीदारी का माहौल बहुत उत्साहजनक रहा। सराफा, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और बाइक्स की खूब बिक्री हुई। उन्होंने बताया कि इस पर्व पर लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है, जिससे व्यापारी वर्ग में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा आने वाले दो दिनों में और भी खरीदारी होने की संभावना है, जिससे कारोबार और बढ़ने की उम्मीद है।
झाड़ू की जमकर खरीदारी
धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदारी को शुभ माना जाता है, इसलिए बाजार में कई जगह झाड़ू की दुकानों की धूम मची रही। लोगों ने झाड़ू की जमकर खरीदारी की और हर वर्ग के लोग इसमें उत्सुकता दिखाते नजर आए। इसके साथ ही, आभूषणों और चांदी के सिक्कों की भी खूब बिक्री हुई। इस पर्व पर लोग अपने घरों में सुख-समृद्धि लाने के लिए झाड़ू खरीदने के लिए खास तौर पर आए थे।
कारोबार से उत्साहित हैं व्यापारी
धनतेरस पर्व पर धातु खरीदना शुभ माना जाता है, जिसके चलते लोगों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार सोने-चांदी के आभूषण खरीदे। शहर की सर्राफा और बर्तन की दुकानों पर भीड़ जमा रही। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की दुकानों पर भी लोगों ने जमकर खरीदारी की। गोला बाजार, समय माता तिराहा, मोती चौक और बाईपास सहित अन्य क्षेत्रों में दुकानों के बाहर ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रहीं। ग्राहकों की उमड़ी भीड़ ने दुकानदारों के चेहरे पर खुशी ला दी। बर्तनों के अलावा, दीपावली के अवसर पर घर सजाने के लिए रंगीन बल्ब, वंदनवार, कंदील और झूमर जैसी वस्तुओं की भी बिक्री हुई। इसके अलावा, दीये, खील-खिलौने, मिठाई आदि की भी मांग देखी गई, जिससे पर्व का उल्लास और बढ़ गया।