बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय को संचालन का प्राधिकार पत्र प्रदान किया गया है। इससे अब प्रदेश में एक और निजी विश्वविद्यालय का संचालन शुरू होगा। यह फैसला प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया...
यूपी में एक और निजी यूनिवर्सिटी : बिजनौर में खुलेगा विवेक विश्वविद्यालय, 71 महाविद्यालयों को राजकीय दर्जा
Nov 22, 2024 20:21
Nov 22, 2024 20:21
सीएम की अध्यक्षता में लिए दो फैसले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में प्रदेश में उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में 71 नवनिर्मित और निर्माणाधीन महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय के रूप में संचालन की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा, बिजनौर जिले में विवेक विश्वविद्यालय के गठन को भी मंजूरी दी गई। ये कदम प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती उच्च शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे।
प्रदेश के 3 विश्वविद्यालय टॉप 100 में शामिल
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय को संचालन का प्राधिकार पत्र प्रदान किया गया है, जिससे अब प्रदेश में एक और निजी विश्वविद्यालय का संचालन शुरू होगा। इस कदम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जो सरकारी विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार लाएगी। मंत्री ने बताया कि पिछले दो-ढाई सालों में यूपी के विश्वविद्यालयों ने सर्वाधिक ग्रेड प्राप्त किए हैं। फिलहाल, यूपी के 7 विश्वविद्यालय नैक ग्रेडिंग में ए डबल प्लस और 4 विश्वविद्यालय ए प्लस श्रेणी में शामिल हैं। इसके साथ ही, 6 निजी विश्वविद्यालय ए प्लस और 4 निजी विश्वविद्यालय ए ग्रेड में आए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पहले यूपी का कोई भी विश्वविद्यालय टॉप 500 में शामिल नहीं था, लेकिन अब प्रदेश के 3 विश्वविद्यालय टॉप 100 में शामिल हो गए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक विश्वविद्यालय स्थापित करना है।
71 महाविद्यालयों को राजकीय दर्जा
बैठक के बाद उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 171 राजकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 71 महाविद्यालय नवनिर्मित या निर्माणाधीन हैं। इन महाविद्यालयों में से 17 पहले संगठक महाविद्यालय के रूप में चयनित थे, जिनका संचालन पहले विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता था। हाल ही में कुछ विश्वविद्यालयों ने इन महाविद्यालयों के सुचारू संचालन में असमर्थता जताई थी, जिसके बाद यह प्रस्ताव लाया गया कि अब इन महाविद्यालयों का संचालन सीधे प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।
रोजगार के मिलेंगे अवसर
मंत्री ने आगे बताया कि अब तक इन महाविद्यालयों में संविदा पर नियुक्तियां की जाती थीं, लेकिन अब इन 71 महाविद्यालयों में प्रत्येक महाविद्यालय में 71 प्राचार्य के पद, 1136 सहायक आचार्य के पद (प्रत्येक महाविद्यालय में 16 पद), 639 क्लास थ्री और 710 क्लास फोर के पद सृजित होंगे। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
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