सरकारी स्कूल में धर्म के आधार पर भेदभाव : मुस्लिम छात्रों को टोपी पहनने को कहती शिक्षक, हिंदू स्टूडेंट के मिटा देती तिलक

मुस्लिम छात्रों को टोपी पहनने को कहती शिक्षक, हिंदू स्टूडेंट के मिटा देती तिलक
UPT | यह मेटा एआई द्वारा जनरेट की गई सांकेतिक तस्वीर है

Aug 25, 2024 14:33

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बनेड़ा गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय में हाल ही में एक विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम महिला शिक्षक पर धार्मिक भेदभाव के आरोप लगाए जा रहे हैं।

Aug 25, 2024 14:33

Short Highlights
  • सरकारी स्कूल में धर्म के आधार पर भेदभाव
  • हिंदू छात्रों के तिलक मिटाने का आरोप
  • बीएसए ने दिए जांच के आदेश
Bijnor News : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बनेड़ा गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय में हाल ही में एक विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम महिला शिक्षक पर धार्मिक भेदभाव के आरोप लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह महिला शिक्षक मुस्लिम छात्रों को स्कूल में टोपी पहनने का निर्देश देती हैं, जबकि हिंदू छात्रों को तिलक लगाकर स्कूल आने से मना करती हैं। यह स्थिति तब बनी जब हिंदू छात्रों ने शिकायत की कि उनकी अध्यापिका आयशा ने उनके माथे से तिलक हटा दिया और उन्हें टोपी पहनने के लिए भी मजबूर किया गया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं।

हिंदू छात्रों के तिलक मिटाने का आरोप
इस विवाद के बाद, स्कूल प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। हिन्दू छात्रों और उनके अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि न केवल उन्हें तिलक लगाने की अनुमति नहीं दी जाती, बल्कि उनके माथे से तिलक भी हटा दिया जाता है। इसके विपरीत, मुस्लिम छात्रों को टोपी पहनने की छूट दी जाती है और उन्हें जुमे के दिन मस्जिद में नमाज पढ़ाने के लिए ले जाया जाता है। इस भेदभावपूर्ण व्यवहार ने छात्रों और उनके परिवारों के बीच गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। 

बीएसए ने दिए जांच के आदेश
प्रशासनिक जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें बीएसए योगेंद्र कुमार ने पूरे मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एबीएसए को जांच का आदेश दिया है। बीएसए ने स्पष्ट किया है कि विद्यालय में किसी भी धार्मिक प्रतीक या परंपरा को लागू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, खासकर जब यह अन्य छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन करती हो। इसके साथ ही, उन्होंने मुस्लिम शिक्षक को स्कूल में उचित ड्रेस कोड के तहत आने की निर्देश दिए हैं और इस मुद्दे पर कड़ी निगरानी रखने का आश्वासन दिया है।

हिंदू संगठनों ने की कृत्य की आलोचना
आरएसएस और अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस मुद्दे को उजागर किया है और मुस्लिम शिक्षक की भेदभावपूर्ण मानसिकता की आलोचना की है। आरएसएस के खंड कार्यवाह रोहित ने भी इस मामले की गंभीरता को सामने रखा है और स्कूल प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सहायक अध्यापक मुख्तार अहमद द्वारा मुस्लिम छात्रों को जुमे के दिन मस्जिद में जबरन नमाज पढ़ाने के आरोप भी लगे हैं। यह आरोप स्कूल के भीतर धार्मिक गतिविधियों के फैलाव को लेकर चिंता को बढ़ाते हैं। प्रशासन का कहना है कि इस मामले की भी जांच की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी शिक्षक या कर्मचारी धार्मिक प्रथाओं को स्कूल के नियमों से बाहर न ले जाए।

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