उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसी सीटें थी जिनपर प्रदेश के साथ ही पूरे देश की नजर थी। नगीना लोकसभा सीट उनमें से एक थी। इस सीट से आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद...
चंद्रशेखर आजाद बने सांसद : लोकसभा चुनाव में पहली बार दर्ज की जीत, भाजपा के ओम कुमार को हराया
Jun 04, 2024 18:08
Jun 04, 2024 18:08
चंद्रशेखर ने क्यों चुना नगीना सीट
चंद्रशेखर आजाद मूलतः सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नगीना लोकसभा सीट को चुना। इसके पीछे की यह वजह है कि इस सीट पर 22 प्रतिशत दलित आबादी है। आजाद भी दलित के उत्थान के लिए काम करने का दावा करते हैं। इसलिए उन्होंने इस सीट को चुनाव लड़ने के लिए चुना। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी भी दलित समाज के लिए तत्पर रहने का दावा करती है। बसपा के टिकट पर सुरेंद्र पाल सिंह भी चुनावी मैदान में थे। जिस कारण इस सीट का चुनाव काफी मजेदार हो गया था।
चंद्रशेखर आजाद से कैसे जुड़ा 'रावण' नाम
चंद्रशेखर आजाद एक समय पर अपनी नाम के साथ रावण लिखा करते थे। चंद्रशेखर आजाद 'रावण' अपने नाम के साथ 'रावण' लिखते थे। लेकिन इस बात की जानकारी कभी भी सार्वजनिक नहीं की कि उन्होंने अपने नाम के साथ रावण क्यों लिखा। मीडिया ने कई बार यह सवाल पूछा कि आप अपने नाम के साथ 'रावण' क्यों लिखते हैं तो उन्होंने कहा कि यह बात निजी है, और इसे नहीं बताया जा सकता है। हालांकि बाद में उन्होंने अपने नाम से रावण हटा दिया। उन्होंने कहा कि 'रावण' नाम पर लोग राजनीति कर रहे थे, इसलिए उन्होंने यह नाम अपने नाम से हटा दिया।
साल 2020 में बनाई पार्टी
चंद्रशेखर आजाद कई सालों तक प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों में शोषित वंचित बहुजन समाज के लिए काम करते हैं। चंद्रशेखर देश के बड़े नेताओं में शामिल कांशीराम को अपना आदर्श मानते हैं। उन्हीं के नाम पर वो राजनीति करते आएं हैं। साल 2020 में उन्होंने खुद की अपनी पार्टी बना ली। जिसका नाम उन्होंने आजाद सामाज पार्टी रखा। 15 मार्च 2020 को उन्होंने आधिकारिक तौर पर पार्टी का गठन किया। इससे पहले भीम आर्मी नाम का संगठन चलाते थे। जो शोषित समाज के लिए काम करता था। सबसे पहले साल 2019 में चंद्रशेखर आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की योजना बनाई। लेकिन सपा और बसपा गठबंधन का वोट बंट न जाएं, इसलिए चुनाव लड़ने से पीछे हट गया। इस चुनाव में उन्होंने नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा।
कई आंदोलन में रहे शामिल
विरोध प्रदर्शन को लेकर ही देश भर में चंद्रशेखर आजाद जाने जाते हैं। देश और प्रदेश की कई ऐसे आंदोलन और संघर्ष रहे हैं, जिसमें आजाद ने अहम भूमिका निभाई हैं। हाथरस की एक 19 वर्षीय लड़की की सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी। उस मामले में परिवारवालों को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। जब मामले ने तूल पकड़ा तो चंद्रशेखर आजाद को नजरबंद कर दिया गया। देश के अलग-अलग हिस्सों और खासकर दिल्ली के बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में भी वो शामिल हुए थे। इस आंदोलन में उन्होंने जमकर तीन कृषि कानूनों का विरोध किया था। इस मामले में आजाद गिरफ्तार भी हो गए थे।
आजाद पर दर्ज हैं 38 मुकदमे
नगीना लोकसभा से नामांकन के वक्त चंद्रशेखर आजाद ने अपना हलफनामा दाखिल किया था। उस हलफनामे के अनुसार चंद्रशेखर आजाद पर कुल 38 मुकदमे दर्ज हैं। प्रदेश की अलग-अलग जिलों में उनके खिलाफ मामला दर्ज है। सबसे ज्यादा सहारनपुर में 26 मामले दर्ज हैं। संपत्ति की बात करें तो आजाद के पास 0.205 हेक्टेयर जमीन है साथ ही चंद्रशेखर के पास 18 हजार रुपये नकद और उनके बैंक अकाउंट 1.93 लाख रुपये जमा हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी के पास 15 हजार रुपये नकद और बैंक अकाउंट्स में करीब 4.30 लाख रुपये हैं। इसके अलावा आजाद के पास पचास ग्राम सोना है और उनकी पत्नी के पास 400 ग्राम सोने के आभूषण हैं।
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