मुरादाबाद में एयरपोर्ट विस्तार की योजना को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। जमीन आरक्षित करने के उद्देश्य से किसानों से सहमति पत्र प्राप्त किए जा रहे हैं।
बदलता उत्तर प्रदेश : मुरादाबाद एयरपोर्ट विस्तार की योजना हुई तेज, किसानों से मांगा जा रहा सहमति पत्र
Sep 28, 2024 16:37
Sep 28, 2024 16:37
विस्तार के लिए ली जा रही है जमीन
मुरादाबाद के भदासना गांव में वर्तमान में स्थित हवाई अड्डा 157.65 एकड़ में फैला हुआ है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने नवंबर 2023 में एक पत्र लिखकर अतिरिक्त 500 एकड़ जमीन की मांग की थी ताकि हवाई अड्डे का विस्तार किया जा सके। इस पत्र में विस्तार के लिए सरकारी और निजी दोनों प्रकार की जमीन को आरक्षित करने की आवश्यकता जताई गई थी। इसके तहत आसपास के छह गांवों—भदासना, सिरसखेड़ा, हरसेनपुर, नियामतपुर, इकरौटिया, मूढापांडे और टाहमदन—की जमीन इस परियोजना के लिए शामिल की जाएगी।
डीएम अनुज कुमार सिंह ने इस कार्य की जिम्मेदारी सदर तहसील के अधिकारियों को सौंपी है। एडीएम फाइनांस सत्यम मिश्रा के नेतृत्व में इस योजना पर तेजी से काम हो रहा है, जिसमें किसानों से सहमति पत्र लिया जा रहा है। प्रशासन का लक्ष्य यह है कि जल्द से जल्द सभी किसानों से सहमति प्राप्त कर ली जाए ताकि हवाई अड्डे के विस्तार का कार्य प्रारंभ किया जा सके।
विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
मुरादाबाद के लिए यह हवाई अड्डे का विस्तार विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा प्रस्तावित योजना में न केवल अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य है, बल्कि हवाई अड्डे पर हवाई जहाजों के रुकने की भी सुविधा विकसित की जाएगी। यह विस्तार न केवल मुरादाबाद और आसपास के क्षेत्रों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि इससे पर्यटन, व्यापार और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
हवाई अड्डे का विस्तार मुरादाबाद जिले के विभिन्न हिस्सों को प्रमुख शहरों से बेहतर ढंग से जोड़ने में सहायक होगा। वर्तमान में मुरादाबाद से लखनऊ के लिए सप्ताह में तीन दिन उड़ान सेवा उपलब्ध है। अब मुरादाबाद से कानपुर, देहरादून, और गाजियाबाद के लिए भी हवाई सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। यह सेवाएं आने वाले समय में हवाई यात्रा के माध्यम से यात्री संख्या में वृद्धि और यातायात में सुधार लाएंगी।
किसानों की भूमिका
मुरादाबाद एयरपोर्ट के विस्तार के लिए कुल 2260 किसानों की जमीन ली जानी है। इसमें से कुछ जमीन सरकारी है, जो कि सड़क, गूल और अन्य सरकारी भूमि के अंतर्गत आती है। कुल 24 हेक्टेयर सरकारी जमीन भी इस परियोजना में शामिल होगी। सरकारी और निजी जमीनों के साथ, किसानों से सहमति पत्र लेना महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि इस जमीन को भविष्य के विस्तार के लिए आरक्षित रखा जाएगा।
तहसीलदार और सरकारी अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
डीएम अनुज कुमार सिंह ने विशेष रूप से इस परियोजना की जिम्मेदारी तहसीलदार और अन्य सरकारी अधिकारियों को सौंपी है, जो लगातार किसानों से संवाद कर रहे हैं और उनकी सहमति प्राप्त कर रहे हैं। एडीएम फाइनांस सत्यम मिश्रा के अनुसार, सहमति पत्र लेने की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है और इसे जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा। प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों की सभी चिंताओं का निवारण किया जाए ताकि इस परियोजना में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।
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