भारतीय किसान यूनियन द्वारा आयोजित महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान एकत्र हुए। इस महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों की समस्याओं को उजागर करते हुए गंभीर आरोप लगाए।
राकेश टिकैत का बड़ा बयान : ईवीएम को बताया भाजपा की मौसी, किसानों की समस्याओं पर उठाए सवाल
Oct 24, 2024 19:40
Oct 24, 2024 19:40
फसलें छोड़ने का सवाल
टिकैत ने आगे कहा कि "क्या बिजनौर और बहराइच के किसान अपनी फसल छोड़कर बाहर चले जाएं?" उन्होंने इन जनपदों में भेड़ियों और तेंदुओं के बढ़ते आतंक की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और व्यापारी हितों को तरजीह दे रही है। उन्होंने कहा, "यह किसानों की नहीं, व्यापारियों की सरकार है।"
सरकार की नीतियों पर सवाल
राकेश टिकैत ने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि "सरकार की नीतियां अधिकारियों के कलम से तय होती हैं, जो सभी को दिखाई देती हैं। खासकर दिल्ली की नीतियां लखनऊ को काम करने की अनुमति देती हैं। यदि लखनऊ कुछ करना चाहता है, तो दिल्ली में बैठे व्यक्ति उसे करने नहीं देते।"
ईवीएम पर तीखा हमला
जब उनसे उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने चुनावों को बीमारी बताते हुए कहा, "हम तो इससे दूर ही रहते हैं।" उन्होंने ईवीएम पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि "बीमारी तो ईवीएम में है। वोट किसी को भी दो, जीतते ये ही हैं। पहले से ही इसे इंजीनियर प्रोग्राम किया जाता है। ईवीएम भाजपा की मौसी है, ये कमाकर इन्हें ही देंगी।"
भाजपा का चुनावी फॉर्मूला
टिकैत ने यह भी कहा कि "जहां जिस पार्टी की सरकार रहती है, वहां एंटी गवर्नमेंट माहौल बनता है।" उन्होंने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पहले कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन किसानों के आंदोलन के बाद भाजपा सत्ता में आई। उन्होंने भाजपा के चुनावी फॉर्मूले का जिक्र करते हुए कहा, "भाजपा वाले मास्टर हो गए हैं। वह चुनाव आयोग का डंडा और बुद्धि लगाकर आराम से चुनाव जीत जाएंगे। यही उनका फॉर्मूला है कि उन्हें चुनाव जीतना है और सत्ता नहीं छोड़नी है।"
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