अल्बानिया की राजधानी तिराना के प्रेसिडेंशियल पैलेस में रामपुर की शाही विरासत का शानदार प्रदर्शन किया गया, जिसने वहां की प्रमुख हस्तियों और मंत्रियों को प्रभावित किया।
अल्बानिया में रामपुर की शाही विरासत का भव्य प्रदर्शन : नवेद मियां और दीक्षु कुकरेजा की हुई सराहना, जानें रजा लाइब्रेरी की वैश्विक पहचान
Oct 03, 2024 16:07
Oct 03, 2024 16:07
मशहूर मॉडल ने बढ़ाई कार्यक्रम की शान
नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि बुधवार रात आयोजित इस कार्यक्रम में रामपुर की शाही कला, संस्कृति और फैशन के साथ शाही दस्तरख्वान के व्यंजनों ने सभी का दिल जीत लिया। इस दौरान अल्बानिया की मशहूर मॉडल ने रामपुरी गरारा पहनकर कार्यक्रम की शान बढ़ाई। अल्बानियाई परंपरागत नृत्य और संगीत ने माहौल को और भी शानदार बना दिया। कार्यक्रम में शिरकत करने वाले मंत्रियों में पर्यटन, संस्कृति, और अर्थव्यवस्था जैसे विभागों के प्रमुख शामिल थे, जिन्होंने रामपुर की शाही विरासत की तारीफ की। हालांकि, अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा स्वास्थ्य कारणों से कार्यक्रम में नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजन से जुड़कर इसे सफल बनाने के लिए नवेद मियां और दीक्षु कुकरेजा को बधाई दी।
रामपुर के शाही दस्तरख्वान की धूम
इस कार्यक्रम में रामपुर से विशेष रूप से पहुंचे शेफ मोहम्मद फैजी द्वारा तैयार किए गए शाही व्यंजनों को काफी सराहा गया। रामपुरी रखनी पुलाव, सब्ज बिरयानी, तार गोश्त, मुर्ग मुसल्लम, अफगानी मुर्ग बर्रा, शाही मूंग दाल, नहारी और पसंदा सालन ने वहां उपस्थित मेहमानों का दिल जीत लिया। इसके साथ ही रामपुर चपली कबाब, काकोरी कबाब और शाह पसंद पनीर टिक्का भी बेहद पसंद किए गए। मिठाइयों में रामपुरी गुलत्थी, सूजी हलवा और शीर कोरमा ने खासा आकर्षण बटोरा। नवेद मियां के पीआरओ ने बताया कि रामपुर की शाही रसोई भारतीय, फारसी और मध्य एशियाई पाक परंपराओं का अनूठा मिश्रण है। इस रसोई की विशेषता नाजुक मसाले, सुगंधित जायके और जटिल व्यंजन विधियों में छिपी है, जिसे नवेद मियां ने वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया।
संगीत और शाही विरासत का संगम
जब मेहमान शाही दस्तरख्वान का लुत्फ उठा रहे थे, तब सखावत हुसैन खां की गायिकी ने माहौल को और भी सुरम्य बना दिया। रामपुर-सहसवान घराने की यह धरोहर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की परंपरा को दर्शाती है। सखावत हुसैन खां के सुरों ने रामपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया।
रजा लाइब्रेरी की वैश्विक पहचान
रामपुर की प्रसिद्ध रजा लाइब्रेरी का जिक्र भी इस आयोजन में किया गया। नवेद मियां ने लाइब्रेरी का इतिहास बताते हुए कहा कि यह पुस्तकालय भारतीय, फ़ारसी, और मध्य एशियाई संस्कृति का समृद्ध प्रतीक है। यहां की पांडुलिपियाँ और दुर्लभ चित्र भारतीय इतिहास और संस्कृति का अमूल्य खजाना हैं।
रामपुर की शाही विरासत का महत्व
स्वतंत्रता से पहले और बाद में भी रामपुर की सांस्कृतिक धरोहर ने उसे एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। साहित्य, कला, संगीत और राजनीति के क्षेत्र में रामपुर का योगदान अद्वितीय रहा है, जिसे इस आयोजन के जरिए दुनिया के सामने और भी भव्यता से पेश किया गया।
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