Rampur News : अजहर इनायती के आवास पर ‘एक शाम प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन

अजहर इनायती के आवास पर ‘एक शाम प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन
UPT | ‘एक शाम प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर के नाम’

Jul 14, 2024 23:19

लखनऊ यूनिवर्सिटी में उर्दू के विभागाध्यक्ष,  राज्य सरकार की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी टास्क फोर्स के सदस्य और उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के एक्जीक्यूटिव मेंबर प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर के सम्मान में...

Jul 14, 2024 23:19

Rampur News : लखनऊ यूनिवर्सिटी में उर्दू के विभागाध्यक्ष,  राज्य सरकार की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी टास्क फोर्स के सदस्य और उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के एक्जीक्यूटिव मेंबर प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर के सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर अजहर इनायती के आवास पर खुसूसी महफिल का आयोजन किया गया। 

सह संयोजक काशिफ खां भी हुए शामिल
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां भी शामिल हुए। विख्यात इस्लामी स्कॉलर प्रोफेसर अब्बास रजा ने अपनी शायरी की कई पुस्तकें अजहर इनायती को भेंट की। एक शाम प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर के नाम के मौके पर शायरी भी हुई, जिसमें नात, मनकबत और मर्सिये पेश किए गए।
प्रोफेसर अब्बास रजा नैय्यर जलालपुरी ने शायरी पेश किया कि सर है तेग़ ए जफ़ा के साये में, इश्क़ है करबला के साये में। हो न हो क़त्ल हो गया सूरज, धूप बैठी है आ के साये में।

कलाम रज़ा सिरसवी का शायरी पेश किया
अज़हर इनायती ने नाते पाक के शायरी पढ़े जो अज़हर उनकी मिदहत कर रहे हैं, तो ये समझो इबादत कर रहे हैं। बग़ावत है अगर इंकारे बैअत, तो ज़ालिम हम बग़ावत कर रहे हैं। अब्बास हैदर एहतेशाम सहरी ने अपनी वालिद मरहूम तनवीर सहरी का कलाम इस तरह सुनाया। बातिल का नाम सारे जहाँ से मिटा गई, मज़लूमियत् हुसैन की दुनिया पे छा गई। फिसको फुजूर कुफ़र्रो ज़लालत के दौर में, बस एक हुसैनियत् थी जो उम्मत बचा गई। सैयद हसन मेहदी ने कलाम रज़ा सिरसवी का शायरी पेश किया। गूंजी ब वक़्ते अस्र सदा मैं हुसैन हूँ, काटो न मेरा खुश्क गला मैं हुसैन हूँ। अम्मा किसी ने पानी की एक बूंद भी न दी, मैं बार बार कहता रहा मैं हुसैन हूँ।

अमेरिका यूएई समेत कई देशों में शायरी कर चुके हैं अजहर इनायती
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां ने बताया कि 15 अप्रैल 1946 को रामपुर में जन्मे अज़हर इनायती को बचपन से ही शायरी का शौक था। 12 साल की उम्र में ही रामपुर के ख्याति नाम शायर जनाब महशर इनायती को उन्होंने अपना उस्ताद मान लिया और अपना नाम भी अज़हर अली खां से 'अज़हर इनायती' रख लिया। निहायत सलीकेदार और उम्दा शायरी करने वाले अज़हर साहब ग़ज़ल को टूट कर चाहने वाले शायर हैं। अमेरिका, क़तर, दुबई, अबूधाबी , शारजाह और दुनिया के कोने- कोने में जाकर अज़हर साहब ने शायरी की है। शायरी की दुनिया में अजहर इनायती रामपुर का गौरव हैं।

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