सपा के पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने संभल दंगे को लेकर सीबीआई जांच मांग की, सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ हुआ मुकदमे में समर्थन उतरते कहा प्रशासन का खुद को सेव करने का है तरीका संभल में हुए दंगे के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
संभल हिंसा : सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर FIR, पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन उतरे समर्थन में
Nov 25, 2024 19:57
Nov 25, 2024 19:57
दंगे में पुलिस की भूमिका पर सवाल
डॉ. हसन ने आरोप लगाया कि इस घटना में पुलिस ने अत्यधिक शक्ति का इस्तेमाल किया है, जिससे कई लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, "पुलिस ने सीधे गोली क्यों चलाई? रबर बुलेट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? पुलिस की गोली से सीधा सीने में चोट आई है, जिससे मौतें हुई हैं। अगर भीड़ को कंट्रोल करना ही था, तो पुलिस को घुटने से नीचे गोली मारनी चाहिए थी।" उन्होंने इसे प्रशासन की गलती बताते हुए कहा कि इस घटना के पीछे कहीं न कहीं एक साजिश की बू आती है, जो हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है।
सर्वे के समय पर उठाए सवाल
डॉ. हसन ने सवाल किया कि प्रशासन ने इतनी सुबह दोबारा सर्वे करने का आदेश क्यों दिया था। उनके अनुसार, इस कार्रवाई में साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "हम महसूस करते हैं कि कहीं न कहीं मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है ताकि एक मिसाल कायम की जा सके और हिंदुस्तान में राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।"
सीबीआई जांच की मांग
डॉ. हसन ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यह मामला सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि सीबीआई इस मामले की जांच करे ताकि यह पता चल सके कि आखिर दंगा क्यों भड़का। जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।"
प्रशासन पर अव्यवस्था का आरोप
पूर्व सांसद ने प्रशासन पर अफवाहों को नियंत्रित करने में असफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बेकसूर लोगों पर निशाना साधा है और अफवाहों को फैलने से रोकने में नाकाम रही है। साथ ही, उन्होंने पुलिस की गोलीबारी की निंदा करते हुए कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उचित उपाय नहीं अपनाए गए।
संविधान और लोकतंत्र पर चिंता
डॉ. हसन ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इसे हिटलर शाही की वापसी करार दिया। उन्होंने कहा, "क्या अब संविधान की धज्जियां उड़ाई जाएंगी? क्या लोकतंत्र में इस तरह की ज्यादती की अनुमति है?" उनके अनुसार, पुलिस ने जो कार्यवाही की है, वह संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।