बांकेबिहारी मंदिर के पास स्थित इस बावड़ी की खोदाई के दूसरे दिन रविवार को चार कक्ष, सुरंग जैसी संरचना और गहरी ऐतिहासिक संभावनाएं सामने आईं। अधिकारियों का कहना है कि बावड़ी की खुदाई का काम अभी जारी रहेगा।
150 साल पुरानी तीन मंजिला बावड़ी का खुलासा : खुदाई में मिले चार कमरे और सुरंग, डीएम ने किया निरीक्षण
Dec 23, 2024 11:55
Dec 23, 2024 11:55
बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व
शनिवार को बांकेबिहारी मंदिर के समीप खाली प्लॉट में पुरानी बावड़ी का पता चला। प्रशासन और नगर पालिका की टीम ने रविवार सुबह खुदाई शुरू की। जिसमें तीन मंजिला संरचना सामने आई। जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई मौके पर पहुंचे। डीएम ने बताया कि बावड़ी का क्षेत्रफल अभिलेखों में 400 वर्ग मीटर दर्ज है और यह संरचना बिलारी के राजा के नाना के समय की बताई जा रही है।
जल्द शुरू होगी पूजा-अर्चना
खोदाई में पता चला कि बावड़ी की दो मंजिलें संगमरमर से बनी हैं, जबकि तीसरी मंजिल ईंटों की है। इसमें एक कूप (कुआं) और चार कक्ष मौजूद हैं। सुरंगनुमा रास्ते भी मिले हैं। जिनका अध्ययन किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से सर्वेक्षण कराने का प्रस्ताव जरूरत पड़ने पर भेजा जाएगा। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बावड़ी और इसके पास स्थित प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाकर इसे साफ-सुथरा और पूजा-अर्चना के योग्य बनाया जाएगा।
इतिहास के गर्भ में छिपा रहस्य
सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम ने समाधान दिवस के दौरान डीएम को बावड़ी की जानकारी दी थी। इसके बाद एडीएम न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा और तहसीलदार धीरेंद्र सिंह को खोदाई का आदेश दिया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बावड़ी धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकती है। संगमरमर की संरचना और सुरंगों के मिलने से इसके उपयोग और निर्माण काल के बारे में और भी रहस्य उजागर हो सकते हैं।
Also Read
23 Dec 2024 03:40 PM
मुरादाबाद की MP/MLA कोर्ट ने अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ गैर हाजिर रहने के कारण गैर-जमानती वारंट (Non-Bailable Warrant) जारी किया है... और पढ़ें