बड़ी खबर : संभल की शाही जामा मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे होगा, जिला अदालत ने दिया आदेश 

संभल की शाही जामा मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे होगा, जिला अदालत ने दिया आदेश 
UPT | संभल जिले की शाही जामा मस्जिद

Nov 19, 2024 20:46

पश्चिमी यूपी में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि की अवतार भूमि संभल शहर में ऐतिहासिक विरासत के रूप में स्थित विवादित जामा मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष को सिविल कोर्ट में बड़ी जीत मिली है। अदालत ने संभल की शाही जामा मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे कराने का आदेश दिया है।

Nov 19, 2024 20:46

Sambhal News : यूपी के संभल जिले की जामा मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से दाखिल एक याचिका में दावा किया गया है कि वर्तमान में जामा मस्जिद के नाम से पहचाने जाने वाला यह स्थल पहले एक हिंदू मंदिर था, जिसे आक्रमणकारी बाबर ने 1529 में तोड़कर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। इस याचिका में कोर्ट से मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई थी, जिसे मंगलवार को संभल की जिला अदालत ने स्वीकार कर लिया और एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे के आदेश दिए। 

क्या है पूरा मामला
पश्चिमी यूपी में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि की अवतार भूमि संभल शहर में ऐतिहासिक विरासत के रूप में स्थित विवादित जामा मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष को सिविल कोर्ट में बड़ी जीत मिली है। अदालत ने संभल की शाही जामा मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे कराने का आदेश दिया है। हिंदू पक्ष ने संभल की शाही जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा किया था। इसको लेकर अदालत में याचिका दाखिल की गई थी। हिंदुओं का दावा है कि वो इमारत पौराणिक हरिहर मंदिर की है जबकि इस्लामी राज में उसे मस्जिद का रूप दिया गया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है इमारत 
जामा मस्जिद की जगह श्री हरिहर मंदिर होने का दावा जिला कोर्ट में किया गया था। हालांकि फिलहाल विवादित इमारत एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है। सूत्रों के मुताबिक वहां पांचों वक्त की नमाज तो होती है लेकिन गैर मुस्लिम के प्रवेश पर पाबंदी है। संभल के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के निर्णय के मुताबिक शाही मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे यानी वकील कमिश्नर से सर्वे कराने को कहा गया है। कोर्ट का कहना है कि इससे विवाद में न्याय करना आसान होगा।

बुलाई गई अतिरिक्त फोर्स
एडवोकेट हरिशंकर जैन की याचिका पर अदालत ने यह फैसला दिया है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा है कि सर्वेक्षण की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई जाए। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर के मुताबिक शाही मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे आज शाम शुरू हो सकता है। इसके मद्देनजर जिला प्राशसन ने अतिरिक्त फोर्स बुलाई है। अदालत के इस फैसले के बाद से यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। अब सर्वेक्षण की प्रक्रिया और इसके परिणाम इस विवाद को आगे किस दिशा में ले जाएँगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

एक्स पर दी जानकारी
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अपने एक्स हैंडल पर कोर्ट के फैसले को साझा करते हुए बताया कि उनके द्वारा दायर याचिका पर अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश जारी किया है। याचिका में उन्होंने दावा किया है कि यह स्थल प्राचीन काल में हरिहर मंदिर के नाम से जाना जाता था। विष्णु शंकर ने कहा कि साल 1529 में बाबर ने उस स्थान को तोड़ कर मस्जिद बनवाई थी। इसी पोस्ट में उन्होंने हिन्दुओं की आस्था का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी मान्यता है कि उस स्थान पर भविष्य में कल्कि भगवान अवतार लेंगे। 

मीडिया से बातचीत में विष्णु शंकर जैन ने बाबर को एक क्रूर आक्रमणकारी बताते हुए कहा कि उन्होंने ऐतिहासिक साक्ष्यों और हिंदू आस्थाओं के आधार पर यह याचिका दाखिल की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार, पुरातत्व विभाग (ASI), संभल के जिलाधिकारी और जामा मस्जिद कमेटी को इस मामले में पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता ने मस्जिद के तौर पर इस स्थान के उपयोग पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह ASI द्वारा संरक्षित स्थल है। उनका दावा है कि हरिहर मंदिर को वर्तमान समय में गलत ढंग से मस्जिद के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। याचिका में उन्होंने कोर्ट से माँग की कि भारतीय सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के आदेश 26 के नियम 9 और 10 के तहत एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर विवादित स्थल का सर्वे कराया जाए। कोर्ट ने उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए सर्वेक्षण के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है। 

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