2024 के चुनावी समर के दौर में रामपुर में खम ठोंकने वाले आजम खां, उनकी पत्नी और बेटा जेल में हैं। आजम परिवार के बिना संसदीय सीट की राजनीति क्या होगी ? कौन होगा उनका उत्तराधिकारी ?
UP Politics : क्या दत्तक पुत्री एकता कौशिक संभालेंगी आजम की राजनीतिक विरासत ?
Mar 22, 2024 18:23
Mar 22, 2024 18:23
- नफासत, कभी चाकू की धार, कभी तीखी जुबां के चलते हाट सीट रही रामपुर
- रामपुर में खम ठोंकने वाले आजम परिवार के जेल में रहते रामपुर का पहला चुनाव
- सपा के साथ गठबंधन के चलते आजम के परम्परागत विरोधी नवाब भी खामोश रहेंगे
बहू का परिवार उनके समर्थन में ही नहीं
रामपुर की सियासत और आजम खां की राजनीति को करीब से समझने वाले कहते हैं कि इस चुनाव में उनके परिवार में कोई ऐसे व्यक्ति नहीं है, जिसे वह चुनाव में उतार सकें। आजम की अपनी बहू के परिवार के उनके मरासिम बिलकुल अच्छे नहीं है। बल्कि यूं कहें कि उनकी बहू का परिवार उनके समर्थन में ही नहीं है। ऊपर से रामपुर विधानसभा सीट से आजम खां की सदस्य रद्द होने के बाद जिस तरह से भाजपा के आकाश सक्सेना हनी ने उप चुनाव जीता और अब्दुला आजम को सजा होने के बाद रिक्त हुई स्वार सीट से अपना दल (एस) के शफीक अहमद अंसारी ने चुनाव जीता उससे आजम खां की मौजूदगी में ही उनका किला दरकने का संकेत मिला था। सिर्फ इतना नहीं, 2019 में जब आजम खां की संसद की सदस्यता रद हुई थी, उस समय भाजपा के घनश्याम लोधी ने जीत हासिल कर ली थी।
आवाम कोई नया गुल खिलायेगी
ये तीन चुनावों के परिणाम इस बात की तस्दीक करते थे कि रामपुर जिले में आजम खां का जादुई तिलस्म पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन इस बार तो वह सीतापुर जेल में, उनकी पत्नी तजीन फातिमा रामपुर जेल में और बेटा अब्दुलाह आजम बरेली जेल में बंद हैं। ऐसे में संसदीय सीट पर सपा का प्रत्याशी कौन होगा ? परिवार के जेल में रहते क्या रामपुर की आवाम कोई नया गुल खिलायेगी या आजम खां की पैरोकार बनेगी। इस सवाल से भी अधिक गहरा सवाल ये था कि सपा मुखिया अखिलेश यादव क्या आजम खां की बात को अहमियत देंगे ? क्योंकि वह कभी दलीय मीटिंगों में यह कहते रहे हैं कि रामपुर में कोई ठोस प्रत्याशी नहीं है लेकिन शुक्रवार को सीतापुर जेल मे आजम खां से मुलाकात करते उन्होंने इन कयासों को झुठला दिया। अब यह संकेत साफ हैं कि रामपुर संसदीय सीट पर सपा का प्रत्याशी वही होगा जिसे आजम खां चाहेंगे।
एकता कौशिक का नाम सुझाया
समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि जेल में मुलाकात के दौरान आजम खां ने रामपुर संसदीय सीट पर अपने उत्तराधिकारी के रूप में एकता कौशिक को मैदान में उतारने पर जोर दिया है। वैसे, एकता कौशिक की कोई राजनीतिक पहचान नहीं है लेकिन इतनी पहचान तो है कि वह आजम के पुत्र अब्दुल्ला आजम की गहरी मित्र हैं। एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान एकता कौशिक ही आजम परिवार की पैरवी में लगी रहीं, हालांकि जांच एजेसियों ने उनके नोएडा, गाजियाबाद के घरों में भी छापा मारा था। सपा सूत्रों का कहना है कि एकता आजम खां को ‘बब्बा’ कहकर बुलाती हैं और आजम भी उन्हें पुत्री की तरह स्नेह करते हैं। इतनी ही उनकी राजनीतिक पहचान है। सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में सपा नेतृत्व एकता कौशिक को रामपुर से प्रत्याशी घोषित कर देगा।
भाजपा भी चौकन्नी है
रामपुर उत्तर प्रदेश का ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां सिर्फ 45 फीसदी मुसलमान और 5 फीसदी यादव मतदाता है। अब तक यहां का मुसलमान समाजवादी पार्टी कमिटमेन्ट दिखाता रहा है। इस सीट पर ब्राह्मण और क्षत्रिय मतदाताओं की तादाद भी खासी है। ऐसे में भाजपा अपने पन्ना प्रमुखों और पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के जरिये यहां की राजनीति पर नजर रखे हुये है। इस सीट पर उप चुनाव में जीते भाजपा के घनश्याम लोधी राजनीति के शुरुआती दौर में आजम खां के राजनीतिक स्कूल के छात्र रहे हैं, ऐसे में वह किस तरह से आजम के किले में सेंध लगा रहे हैं, भाजपा इस पर भी नजर बनाये हुये है। सूत्रों का कहना है कि इस सीट की निगरानी भाजपा के शीर्ष स्तर पर हो रही है। भाजपा अपने घोषित मिशन-80 को पूरा करने की दिशा में इस सीट पर कोई चूक नहीं करना चाहती है। घनश्याम लोधी की छवि भी हार्ड लाइनर की नहीं है, भाजपा इसी फायदा उठाने के लिए मुस्लिम इलाकों में पैठ बढ़ा रही है।
2022 (उप) | घनश्याम लोधी | भाजपा |
2019 | मो.आजम खां | सपा |
2014 | डॉ.नेपाल सिंह | भाजपा |
2009 | जयाप्रदा नाहटा | सपा |
2004 | जयाप्रदा नाहटा | सपा |
1999 | बेगम नूर बानो | कांग्रेस |
1998 | मुख्तार अब्बास नकवी | भाजपा |
1996 | बेगम नूर बानो | कांग्रेस |
1991 | राजेन्द्र कुमार शर्मा | भाजपा |
1989 | जुल्फखार अली खां | कांग्रेस |
1984 | जुल्फखार अली खां | कांग्रेस |
1980 | जुल्फखार अली खां | कांग्रेस |
1977 | राजेन्द्र कुमार शर्मा | बीएलडी |
1971 | जुलफ्खार अली खां | कांग्रेस |
1967 | एऩएसजेड खान | कांग्रेस |
1962 | सैयद अहमद महदी | कांग्रेस |
1957 | सैयद अहमद महदी | कांग्रेस |
1952 | मौलाना अब्दुल कलाम आजाद | कांग्रेस |
रामपुर संसदीय सीट की विधानसभा
स्वार, चमरौवां, बिलासपुर, रामपुर और मिलाक विधानसभा मिलाकर रामपुर संसदीय सीट बनी है।
2022 और उपचुनाव के परिणाम
स्वार विधानसभा से सपा के अब्दुल्ला आजम जीते। सदस्यता गई। उपचुनाव में अपना दल (एस) शफीक अहमद अंसारी जीते। चमरौवां से सपा के नसीर अहमद खां चुनाव जीते थे। बिलासपुर सीट भाजपा के बलदेव सिह औलख ने जीती थी। मिलाक (सु) से भाजपा के राजबाला सिंह जीते थे। रामपुर सदर से मोहम्मद आजम खां सपा के टिकट पर जीते, लेकिन सजा होने पर सदस्यता गई और यहां भाजपा से आकाश आनंद जीते थे।
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