कभी राम मंदिर को बनाने का सपना संजोने वाले भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक लालकृष्ण आडवाणी के दिल की कैफियत का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है। फिलहाल तो आडवाणी के घर पर जश्न का माहौल है। इस खुशी के पीछे वजह है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है।
अतीत के झरोखे से : कभी बिहार में लालू ने जिन्हें कराया था गिरफ़्तार, अब भारत रत्न से नवाजे जाएंगे आडवाणी
Feb 03, 2024 17:45
Feb 03, 2024 17:45
- राम मंदिर आंदोलन के अगुआ आडवाणी की समस्तीपुर से हुई थी गिरफ़्तारी
- हाई अलर्ट पर था समस्तीपुर
- लालू ने अधिकारियों को दिया था टास्क
राम मंदिर आंदोलन के अगुआ आडवाणी की समस्तीपुर से हुई थी गिरफ़्तारी
वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को शुरू की गई थी। इस रथ यात्रा को 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचना था। लालकृष्ण आडवाणी कार सेवा में शामिल होने वाले थे। देश के अलग-अलग भागों से होते हुए यह रथ यात्रा बिहार में गया से शुरू हुई जो बिहार के अलग-अलग जिले से होते हुए 22 अक्टूबर 1990 की देर शाम समस्तीपुर पहुंची। 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर के पटेल मैदान में लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा एक विशाल जनसभा को संबोधित किया जाना था। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी, आरएसएस, विद्यार्थी परिषद सहित संघ के तमाम आनुषांगिक संगठनों के द्वारा ज़बर्दस्त तैयारी की गई थी।
यह रथ यात्रा जब हाजीपुर के बाद समस्तीपुर की सीमा में कोठिया के पास पहुंची वहीं से जय श्रीराम के नारों के साथ लगातार कार्यकर्ताओं का हुजूम स्वागत कर रहा था। हर चौक-चौराहे पर लोग उस रथ पर पुष्प वर्षा और रथ की आरती उतारते थे।
हाई अलर्ट पर था समस्तीपुर
22 अक्टूबर 1990 की देर शाम समस्तीपुर के सर्किट हाउस रथ पहुंचा और रात्रि विश्राम यहीं करना था। इसके बाद अगले सुबह पटेल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए यात्रा आगे बढ़ती। लालकृष्ण आडवाणी सर्किट हाउस के उस समय के कमरा नंबर सात में रुके थे। इस दौरान पूरा समस्तीपुर शहर हाई अलर्ट पर था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती थी। लालकृष्ण आडवाणी जब विश्राम करने चले गए तो सभी प्रमुख कार्यकर्ता भी वहां से कार्यक्रम की तैयारी में चले गए।
लालू ने अधिकारियों को दिया था टास्क
बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय में तैनात तत्कालीन डीआईजी रामेश्वर उरांव, आईएसएस अधिकारी आरके सिंह को भेजा था जो सर्किट हाउस के कमरा संख्या सात में पहुंचे और आडवाणी को उनकी गिरफ़्तारी की जानकारी दी।
जब रथ यात्रा समस्तीपुर के कोठिया में प्रवेश किया था तो उसी वक्त गिरफ्तारी करने की योजना थी,लेकिन जन सैलाब को देखते हुए वहां गिरफ्तारी नहीं हो पाई। रात्रि 11 बजे वे सर्किट हाउस पहुंचे। 23 अक्टूबर की सुबह सभा होने वाली थी। अगले सुबह पटेल मैदान में एक हेलीकाप्टर पहुंचा। इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी सर्किट हाउस पहुंच कर की गई।
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