अफगान क्रिकेट टीम के सफर में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अलावा ग्रेटर नोएडा व लखनऊ का भी बहुत बड़ा हाथ है। ग्रेटर नोएडा का शहीद पथिक स्पोर्ट्स कांम्पलेक्स शुरू में अफगानिस्तान टीम का होम ग्राउंड रहा।
आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में धमाल : अफगानिस्तान क्रिकेट टीम सेमीफाइनल में, तालिबान ने कहा-तहेदिल से शुक्रिया हिन्दुस्तान! जानिए यूपी से कनेक्शन..
Jun 26, 2024 08:03
Jun 26, 2024 08:03
THIS is what it means 🥹#T20WorldCup #AFGvBAN pic.twitter.com/wOAiJoWjjK
— ICC (@ICC) June 25, 2024
ग्रेटर नोएडा और लखनऊ में निखरे क्रिकेटर
अफगान क्रिकेट टीम के सफर में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अलावा ग्रेटर नोएडा व लखनऊ का भी बहुत बड़ा हाथ है। ग्रेटर नोएडा का शहीद पथिक स्पोर्ट्स कांम्पलेक्स शुरू में अफगानिस्तान टीम का होम ग्राउंड रहा। बाद में उसने लखनऊ में अपने अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी की। यहां उसने विदेशी टीमों के साथ खेलकर अपने हुनर को निखारा।
हम भारत के शुक्रगुजार हैं : सुहेल शाहीन
तालिबान के राजनीतिक कार्यालय प्रमुख सुहेल शाहीन ने कहा कि, "हम भारत के बेहद शुक्रगुजार हैं। उन्होंने अफगान क्रिकेट टीम के विकास में लगातार मदद की है। हम इसकी तहेदिल से सराहना करते हैं।"
Khost Lights Up! 🔆
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राजनीतिक अस्थिरता में भारत बना सहारा
अफगानिस्तान में राजनीतिक उठापटक के कारण उसके साथ खेलने को कोई भी बड़ा देश राजी नहीं था। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अफगानिस्तान क्रिकेट को हर तरह से सहारा दिया। उसने यहां न सिर्फ ठहरने और सुकून से खेलने का इंतजाम किया बल्कि खेल का माहौल भी दिया। अफगानिस्तान टीम के जांबाजों ने मौके का पूरा फायदा उठाया और खुद को हर तरह से निखारा और साबित किया।
पाक के शरणार्थी कैंपों में सीखा क्रिकेट
युद्ध के हालात में लगातार बम विस्फोट, गोलीबारी और राजनीतिक अस्थिरता के कारण अफगानिस्तान में खेलना तो दूर सुकून भरे पलों की कल्पना भी मुश्किल थी। अमेरिकी सेना लंबे समय तक अफगानिस्तान में डेरा डाले रही। तालिबान और कट्टरपंथी गुटों के साथ उनका खूनी संघर्ष तारीखों में दर्ज है। काबुल में अमन, दोस्ती और भाईचारे की दास्तां सुनाई जाती थी, इसी कारण बहुत से सिख व्यापार करने के लिए वहां खिंचे चले जाते थे। पर उसकी जगह गोलियों, विस्फोटों और बारूद की गंध ने ले ली थी। बहुत सारे लोगों को अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इनमें टीम के सबसे बड़े स्टार खिलाड़ी राशिद खान समेत कई खिलाड़ियों के परिवार शामिल रहे। बहुतों का बचपन सीमा से सटे पाकिस्तान में बीता, जहां उन्होंने जाना कि क्रिकेट भी कोई खेल है। वहीं उन्होंने क्रिकेट का ककहरा सीखा।
खेल ने दिए निराशा में खुशी के पल
हालात बेहतर हुए और तालिबान की ताकत कमजोर होने पर शरणार्थी लौटने लगे। पर क्रिकेट का शौक उन्हें लग चुका था। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के मैनेजर रहे तबाब जफरजई बताते हैं कि फुटबॉल की जगह धीरे-धीरे क्रिकेट लोगों की पसंद बनने लगा था। इस खेल ने लोगों को एक साथ बैठने और खुश होने के मौके दिए। मैदानों और समाज की उदासीनता क्रिकेट की वजह से कम हुई। लोगों के भीतर का गुस्सा और गुबार खेल के जरिये निकलने का मौका मिल गया था।
अफगानिस्तान को एकजुट किया
सबसे बड़ी बात है कि तालिबान ने संगीत, जश्न, खुशी का खुलेआम इजहार करने पर पाबंदी लगा रखी थी। इसका उल्लंघन करने पर सख्त सजाएं मुकर्रर थी। लेकिन क्रिकेट के मामले में लोगों को कुछ भी करने की अघोषित छूट थी, बल्कि कई मौकों पर तालिबानी लड़ाके अपने डेरों में घंटों हवाई फायर कर खुशी का इजहार करते थे। यह क्रिकेट को तालिबान का अघोषित समर्थन था। इसने लोगों का डर खत्म किया और क्रिकेट ने देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। लैटिन अमेरिकी देशों की तरह फुटबॉल की बात आने पर धर्म, पंथ, रंग सब पीछे छूट जाते हैं। ठीक ऐसे ही अफगानिस्तान में क्रिकेट का जुनून हर तरह की बंदिशों को तोड़ चुका है।
Scenes in 🇦🇫 🎉 pic.twitter.com/qWi6kMVAVI
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) June 25, 2024
ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश को हराकर सेमीफाइनल में बनाई जगह
टी-20 वर्ल्ड कप के सुपर-8 मुकाबले में अफगानिस्तान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहले ऑस्ट्रेलिया को हराया उसके बाद रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। टी-20 वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ है जब अफगानिस्तान की टीम किसी आईसीसी इंवेट के सेमीफाइनल में पहुंची है। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया की टीम भी टी-20 विश्व कप से बाहर हो गई है।
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