इस बार के लोकसभा चुनाव में एनडीए का वोट प्रतिशत चार से पांच प्रतिशत घट सकता है। यूपी में एनडीए को 46 से 48 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है। जबकि पिछली बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।
UPT Exit Poll के बड़े संकेत : एनडीए का वोट प्रतिशत गिरा लेकिन सीट पिछली बार के बराबर, इंडिया गठबंधन को फायदा, बसपा के जनाधार का सबसे बड़ा नुकसान
Jun 03, 2024 17:49
Jun 03, 2024 17:49
- मोदी-योगी का कितना चला जादू, NDA या INDIA उत्तर प्रदेश किसके साथ
- चुनाव से पहले एकतरफा मानी जा रही तमाम सीटों पर कड़ी टक्कर
- टिकट बदलने की रणनीति सपा को कुछ जगह मुकाबले में ले आई
- राहुल के उतरने से यूपी में कांग्रेस के मत प्रतिशत में मामूली सुधार
- गठबंधन की सियासत से रालोद को नुकसान साफ दिख रहा
- प्रत्याशी की जाति समेत ये रहे यूपी में इास बार के निर्णायक फैक्टर
एनडीए का घट सकता है वोट प्रतिशत
इस बार के लोग सभा चुनाव में एनडीए का वोट प्रतिशत चार से पांच प्रतिशत घट सकता है। यूपी में एनडीए को 46 से 48 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है। जबकि पिछली बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। इंडिया गठबंधन को 36 से 38 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं। इंडिया गठबंधन का वोट प्रतिशत बढ़ा है। पिछली बार गठबंधन अलग था, इसलिए कितना बढ़ा, ये कह पाना मुश्किल है। बसपा समेत अन्य दलों को 12 से 15 प्रतिशत वोट मिलेंगे। इनमें बसपा 9 से 10 फीसदी वोट पाएगी। उसको सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
यूपी का किंग कौन?
एनडीए : 61 (+/-4)
इंडिया : 18 (+/-3)
अन्य/बसपा : 1 (+/-1)
UPT Exit Polls 2024 : यूपी का किंग कौन? एनडीए पिछले लोकसभा चुनावों का अपना प्रदर्शन (64 सीट) दोहराने के करीब। सपा-कांग्रेस को फायदा, बसपा को नुकसान। pic.twitter.com/1L0IOBqyjJ
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चुनाव आगे बढ़ा, फंसती गई भाजपा
चुनाव से पहले एकतरफा मानी जा रही तमाम सीटों पर अंतिम चरण आते-आते कड़ी टक्कर देखने को मिली। यहां तक कि जिन सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने प्रचार किया, वहां भी भाजपा प्रत्याशी मुकाबले को एकतरफा बनाने में कामयाब नहीं हुए। इनमें कानपुर और गाजीपुर जैसी सीटें शामिल हैं। भाजपा के तीन केंद्रीय मंत्रियों की सीट फंसती दिख रही हैं। दूसरी ओर राहुल और अखिलेश यादव के खुद चुनाव लड़ने से इंडिया गठबंधन को मजबूती मिलती दिख रही है। राहुल के उतरने से यूपी में कांग्रेस के मत प्रतिशत में मामूली सुधार आने के संकेत हैं। टिकट बदलने की रणनीति सपा को कुछ जगह मुकाबले में ले आई।
पश्चिम में इंडिया, अवध में एनडीए आगे, पूरब में कांटे की टक्करUPT Exit Polls 2024 : UPT Exit Polls 2024 : वाराणसी में भाजपा के नरेंद्र मोदी का पलड़ा भारी, इंडिया गठबंधन के बीच अजय राय से है मुकाबला।
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पश्चिम यूपी में गठबंधन की सियासत से रालोद को नुकसान साफ दिख रहा है। सहारनपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल समेत कई सीटों पर सपा-कांग्रेस या तो आगे दिख रही हैं या कड़ी टक्कर दे रही है। इसके अलावा बरेली, पीलीभीत, आगरा, फतेहपुर सीकरी जैसी वर्चस्व वाली सीटों पर भी भाजपा मुकाबले को एकतरफा बनाने में नाकामयाब रही। गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और मथुरा में भाजपा बढ़त में दिख रही है। अवध में लखनऊ सीट पर भाजपा की साफ बढ़त दिख रही है लेकिन सीतापुर, कानपुर, धौरहरा, हरदोई, शाहजहांपुर, उन्नाव और फर्रुखाबाद में भाजपा कांटे की लड़ाई में फंसती दिख रही है। रायबरेली में राहुल गांधी के पक्ष में जनता का रुझान ज्यादा है तो अमेठी में स्मृति ईरानी को किशोरी लाल शर्मा से कड़ी टक्कर मिली रही है। पूर्वांचल में वाराणसी, गोरखपुर जैसी सीटें भाजपा की ओर जाती दिख रही हैं तो गाजीपुर, फूलपुर जैसी सीटों पर इंडिया गठबंधन मजबूती से ताल ठोंक रहा है।
UPT Exit Polls 2024 : मैनपुरी में इंडिया गठबंधन की डिंपल यादव का पलड़ा भारी,भाजपा के जयवीर सिंह से है मुकाबला।#UttarPradeshTimes #UttarPradesh #ExitPoll #जन_की_बात_एग्जिट_पोल2024 #loksabhaelaction2024 #ElectionResults #INDIAAlliance #BJP #Mainpuri #DimpleYadav #JaiveerSingh… pic.twitter.com/Zxr4XE37LW
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सबसे भरोसेमंद और सटीक सर्वे
उत्तर प्रदेश टाइम्स के सर्वे में हर लोकसभा सीट के 1000 से लेकर 1200 लोगों को शामिल किया गया। हर सीट पर ग्रामीण इलाके से लेकर शहरी क्षेत्र तक हर जाति-वर्ग और उम्र के लोगों से सवाल पूछे गए। प्रदेश में 86 हजार से अधिक लोगों ने व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन इसमें हिस्सा लेकर अपनी राय रखी। इसके बाद पेशेवर राजनीतिक विश्लेषकों ने डाटा का विश्लेषण किया।
UPT Exit Polls 2024 : मेरठ में भाजपा के अरुण गोविल और इंडिया गठबंधन के बीच सुनीता वर्मा की कड़ी टक्कर। #UttarPradeshTimes #UttarPradesh #ExitPoll #जन_की_बात_एग्जिट_पोल2024 #loksabhaelaction2024 #ElectionResults #INDIAAlliance #BJP #ArunGovil #SunitaVerma @arungovil12 pic.twitter.com/A0SCWuOi44
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ये रहे चुनाव के निर्णायक फैक्टर
इस चुनाव में कम मतदान प्रतिशत सबसे बड़ा फैक्टर बनकर उभरा है। जनता का मूड भांपने में प्रत्याशियों से लेकर चुनावी पंडित तक परेशान हैं। दूसरा सबसे बड़ा निर्णायक फैक्टर प्रत्याशी की जाति का रहा है। बसपा और सपा ने अंतिम दौर में जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी उतारने के लिए टिकट बदले हैं। इस बार यूपी में धर्म के आधार पर वोटिंग तो हुई लेकिन इसे निर्णायक फैक्टर नहीं कहा जा सकता। विकास के मुद्दे चुनाव की लहर में कमजोर पड़े हैं। इसके अलावा राम मंदिर का मुद्दा भी मतदान के दिन लोगों की जुबान और दिमाग पर चढ़ता नहीं दिखा।
क्या मोदी-योगी का जादू चला?
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने अपने-अपने दलों के नेताओं को योग्य माना। भाजपा को वोट देने वाले मतदाता यूपी में योगी आदित्यनाथ के काम से संतुष्ट नजर आए। क्षेत्रीय स्तर पर प्रत्याशी से नाराजगी के बावजूद योगी और मोदी को मजबूत करने का हवाला दिया। दूसरी ओर सपा, कांग्रेस और बसपा के मतदाता भी बदलराव की उम्मीद से अपनी पार्टी के सर्वोच्च नेताओं पर भरोसा जताते दिखे।
UPT Exit Polls 2024 : लखनऊ में भाजपा के राजनाथ सिंह का पलड़ा भारी, इंडिया गठबंधन के बीच रविदास मेहरोत्रा से है मुकाबला।
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क्या राहुल विकल्प हो सकते हैं?
कांग्रेस और सपा के वर्चस्व वाले इलाकों में अखिलेश यादव का प्रभाव ज्यादा नजर आया। सर्वे में शामिल लोगों ने माना कि इंडिया गठबंधन यूपी में भाजपा को मजबूत टक्कर दे रहा है। अखिलेश के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्हें यूपी का नेता बताया जबकि राहुल गांधी के यूपी से चुनाव लड़ने पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। राहुल गांधी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में लोगों ने कहा कि वे पिछली बार से ज्यादा परिपक्वता से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प फिलहाल नहीं दिखते।
UPT Exit Polls 2024 : कैसरगंज में भाजपा के करण भूषण सिंह का पलड़ा भारी, इंडिया गठबंधन के बीच राम भगत मिश्रा से है मुकाबला।
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हकीकत नेताओं के दावे से उलट
भाजपा के नेता, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सभी यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के नेता 79 सीटें जीतने का दावा कर रहे थे। हकीकत इसके उलट है। पूरे यूपी में सर्वे में यह बात सामने आई कि नेताओं के दावे पर पब्लिक का यकीन नहीं है। वे इसे जुमलेबाजी मानते हैं। यूपी में मतदान प्रतिशत कम होने की एक वजह यह भी है कि आम मतदाताओं ने नेताओं के बयानों और दावों को जमीनी स्तर का नहीं, बल्कि हवा हवाई माना है।
UPT Exit Polls 2024 : कैराना में भाजपा के प्रदीप चौधरी और इंडिया गठबंधन के बीच इकरा हसन की कड़ी टक्कर। #UttarPradeshTimes #UttarPradesh #ExitPoll #जन_की_बात_एग्जिट_पोल2024 #loksabhaelaction2024 #ElectionResults #INDIAAlliance #BJP #PradeepChoudhary @Iqra_Munawwar_ @MpPradeepch pic.twitter.com/KDO2TnQ88s
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उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत
प्रथम चरण : 61.11%
दूसरा चरण : 55.19%
तीसरा चरण : 57.55%
चौथा चरण : 58.22%
पांचवां चरण : 58.02%
छठा चरण : 63.37%
सातवां चरण : 54%
(डिस्क्लेमर : आंकड़ों को जुटाने, विश्लेषण और प्रस्तुतिकरण में पूरी सावधानी बरती गई है। यह सर्वे चुनाव परिणाम से पूर्व जनता की राय जानने के लिए किया गया है। इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। मतगणना के बाद परिणाम सर्वे के नतीजों से अलग हो सकते हैं। यह एग्जिट पोल है और इसकी चुनाव परिणाम से तुलना नहीं की जा सकती। इसमें चार से पांच प्रतिशत तक मार्जिन एरर संभव है।)
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कम वोटिंग प्रतिशत ने हालांकि सभी दलों की चिंता बढ़ा दी है लेकिन भाजपा की जीती तीनों सीटों पर सबसे कम वोटिंग के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। गाजियाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मात्र 33.30 मतदान होने के कारण प्रत्याशी और उनके समर्थकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। और पढ़ें