चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस : CEC बोले-इस बार बना वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड, यही है हमारे लोकतंत्र की ताकत

 CEC बोले-इस बार बना वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड, यही है हमारे लोकतंत्र की ताकत
UPT | चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Jun 03, 2024 13:42

सीईसी ने कहा कि कर्मियों के सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम की वजह से हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए। हमने 2019 में 540 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में 39 पुनर्मतदान देखे।

Jun 03, 2024 13:42

New Delhi : लोकसभा चुनावों के नतीजे आने से एक दिन पहले इलेक्शन कमीशन की दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।  मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि इस बार वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है। उन्होंने आगे कहा कि यह उन आम चुनावों में से एक है, जिसमें हमने हिंसा नहीं देखी। इसके लिए दो साल की तैयारी की जरूरत थी। 

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा-'हमने 642 मिलियन गौरवान्वित भारतीय मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह आपको कुछ छोटे आंकड़े देने के लिए है। यह सभी G7 देशों - अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कनाडा... सभी के मतदाताओं का 1.5 गुना है। हम मतदाताओं की तुलना कर रहे हैं, न कि निर्वाचकों की और यह यूरोपीय संघ के 27 काउंटियों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। ' 

हम हमेशा से यहीं थे कहीं गायब नहीं हुए
सीईसी ने लापता सज्जन वाले मीम्स पर कहा - 'हमारे बारे में कहा गया- जेंटलमेन लापता हो गए हैं। इसी दौरान वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा से यहीं थे कहीं गायब नहीं हुए।
  सीईसी ने कहा-'यह भारत के मतदाताओं की अविश्वसनीय शक्ति रही है। 312 मिलियन गौरवान्वित महिला मतदाता हैं। यह भी दुनिया में अब तक का सबसे अधिक है। यह 2019 के चुनावों से बड़ा है। कुल और महिला मतदाताओं दोनों से। हमें इसका आनंद लेना चाहिए।'

हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए
सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव कर्मियों के सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम की वजह से हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए। हमने 2019 में 540 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में 39 पुनर्मतदान देखे। इसमें भी 39 में से 25 पुनर्मतदान तो सिर्फ दो राज्यों में हुए।

जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान  
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीईसी ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे। चुनाव प्रक्रिया को स्पष्ट करने के लिए चुनाव आयोग ने शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किया, कई के खिलाफ टीमें दर्ज की गईं और शीर्ष अधिकारियों का तबादला किया गया। आचार संहिता के दौरान सभी विकास कार्य रुक जाते थे, चुनाव आयोग ने 95-98 प्रतिशत परियोजनाओं में आवेदन के 48 घंटे के भीतर अनुमति दी। जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ, कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "हम बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे।"
सीईसी राजीव कुमार ने कहा-"चुनाव आयोग ने इस चुनाव के दौरान लगभग 10,000 करोड़ रुपये की जब्ती का रिकॉर्ड बनाया। यह 2019 में जब्त की गई राशि का लगभग 3 गुना है। स्थानीय टीमों को अपना काम करने के लिए सशक्त बनाया गया।"
 
जयराम रमेश के आरोप पर बोले-सभी पर संदेह करना सही नहीं

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस आरोप पर कि केंद्रीय गृह मंत्री ने डीएम/आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) को फोन किया, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "ऐसा कैसे हो सकता है?...क्या कोई उनको (डीएम/आरओ) प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया, हम उसको सज़ा देंगे...यह ठीक नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और सभी को शक के दायरे में ले आएं।"

मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित करने के लिए अपनाई जाने वाली मतगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। यह घड़ी की सटीकता के समान काम करती है। अगर पोस्ट पोल हिंसा कहीं भी होती है तो इसके लिए हमने पहली बार निर्णय लिया है कि MCC के बाद भी कुछ राज्यों में पैरामिलिट्री फोर्स रहेगी। "

सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी
लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी। उसके आधे घंटे बाद ही हम ईवीएम की गिनती शुरू कर देंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है।"

मतदान के बाद पहली बार आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस 
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब चुनाव आयोग आम चुनावों में मतदान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। 1952 से अब तक किसी भी लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग ने मतदान के बाद और नतीजों से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। इससे पहले चुनाव आयोग ने 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें लोकसभा और 4 राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया गया था।

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