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Narendra Modi-3.0 : मोदी सरकार में मंत्री बने जितिन प्रसाद, वरूण गांधी का टिकट काटकर भाजपा ने खेला था बड़ा दांव
Jun 09, 2024 22:22
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कांग्रेस से शुरू किया था राजनीतिक सफर
जितिन प्रसाद के परिवार की उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गहरी पैठ है। वह लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर में भी अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर 1973 को हुआ था। उन्होने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ। उनके पिता और दादा दोनों ही कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार के साथ-साथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे। जितिन प्रसाद के दादा ज्योति प्रसाद भी कांग्रेस नेता थे। जितिन प्रसाद के पिता को कांग्रेस का थिंक टैंक भी कहा जाता था। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद की पहल पर ही शाहजहांपुर में कृषभ खाद फैक्ट्री, रिलायंस थर्मल प्लांट जैसे प्लांट लगे थे।
2004 में पहली बार बने थे सांसद
जितिन प्रसाद ने वर्ष 2004 में शाहजहांपुर और 2009 में धौरहरा निर्वाचन क्षेत्रों से कांग्रेस पार्टी ने उन्हे अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसके बाद उन्होने चुनाव जीता था। जितिन प्रसाद ने 2021 में भाजपा का दामन थाम लिया था। जितिन प्रसाद पीलीभींत लोकसभा सीट से चुनाव में मैदान में थे। वह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री एक मात्र कैबिनेट मंत्री हैं, जिन्हे चुनाव में टिकट दिया गया था। जितिन प्रसाद को योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय दिया गया था। जितिन प्रसाद ने दून स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया और उसके बाद उन्होने दिल्ली से एमबीए किया है।
यूपीए की सरकार में दोनों बार बने मंत्री
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद लखीमपुर की धौरहरा सीट से चुनाव जीतकर सांसद चुने गए थे। जितिन प्रसाद यूपीए सरकार की 2004 और 2009 के कार्यकाल में मंत्री रहे चुकें हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण वह लोकसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2017 का विधानसभा चुनाव उन्होने लड़ा, मगर वह चुनाव भी वो हार गए। इसके बाद वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्हे हार का सामना करना पड़ा। बताया गया है कि बार-बार चुनाव हारने के कारण उनका कांग्रेस पार्टी में महत्व कम हो गया। इसके बाद वर्ष 2021 में जितिन प्रसाद ने भाजपा पार्टी का दामन थाम लिया। जिसके बाद उन्होने वर्ष 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने उन्हे उत्तर प्रदेश विधान परिषद भेज दिया।
भाजपा ने पीलीभींत से वरुण गांधी की टिकट काटकर जितिन प्रसाद को दिया
2022 विधानसभा चुनाव में फिर से यूपी में बीजेपी की सरकार बनी और योगी सरकार में जितिन प्रसाद को पीडब्ल्यूडी मंत्रालय दिया गया। जिसके बाद 2024 लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद वरुण गांधी की टिकट काटकर जितिन प्रसाद को दिया था। जिसके बाद जितिन प्रसाद चुनावी मैदान में उतरे और भारी मतों से सपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिंल की।
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