प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिये भर्तियों पर विचार किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना और युवाओं का भविष्य दोनों कमजोर किया। अब यूपी पुलिस में ...
यूपी पुलिस में आउटसोर्सिंग से भर्ती : प्रियंका गांधी का भाजपा पर तंज, बोलीं-हर संस्था को कमजोर किया जा रहा
Jun 13, 2024 17:23
Jun 13, 2024 17:23
अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना को कमजोर किया
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा -"उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिये भर्तियों पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जिलों के अधिकारियों को पत्र भेजा गया था जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है। भाजपा सरकार ने अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना और युवाओं का भविष्य दोनों कमजोर किया। अब यूपी पुलिस में यही खेल करने का प्रयास चल रहा है। भाजपा की सरकारें देश की हर एक संस्था को बेहतर बनाने की जगह उन्हें कमजोर करने का काम कर रही हैं।"
समझ से परे है प्रदेश पुलिस की सफाई
प्रियंका गांधी ने आगे कहा-"प्रदेश पुलिस की तरफ से जो सफाई पेश की गई है, वह समझ से परे है। एक के बाद एक पेपर लीक, अग्निवीर, लाखों खाली पद और अब पुलिस भर्ती में आउटसोर्सिंग की खबरों से प्रदेश के करोड़ों युवा आक्रोशित हैं। भाजपा को सामने आकर इस बारे में स्पष्ट जवाब देना चाहिए।"
यूपी पुलिस का वायरल हो रहा है पत्र
उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) में आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा एक पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र में सब इंस्पेक्टर स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती करने पर विचार किया जा रहा है। आउटसोर्सिंग से भर्तियों पर राय के लिए एडीजी स्थापना की ओर से सभी एडीजी, पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा गया था।
वायरल पत्र के अनुसार आउटसोर्सिंग से भर्ती अभियान में सहायक उपनिरीक्षक लिपिक, सहायक उपनिरीक्षक लेखा और सहायक उपनिरीक्षक गोपनीय जैसे पद शामिल हैं, जिनके लिए आवेदन 17 जून 2024 तक खुले हैं। यह पत्र पुलिस उपमहानिरीक्षक (स्थापना) प्रभाकर चौधरी द्वारा जारी किया गया था। बुधवार रात किसी तरह यह पत्र सार्वजनिक हो गया। जब यह प्रकाश में आया तो विपक्षी नेताओं और युवाओं ने इसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करना शुरू कर दिया। डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया है कि चतुर्थ श्रेणी यानि चपरासी स्तर पर आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की भर्ती पहले से कराई जाती है। यह भी बताया है कि यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है।चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से प्रचलित है। त्रुटिवश चतुर्थ कर्मचारियों के स्थान पर मिनिस्टीरियल स्टॉफ के लिए जारी पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
— UP POLICE (@Uppolice) June 12, 2024
इस प्रकार का कोई भी प्रकरण पुलिस विभाग एवं शासन स्तर पर विचाराधीन नही है।#UPPolice pic.twitter.com/aRqa7Nh0YF
यूपी पुलिस की ने सोशल मीडिया में जारी की सफाई
यूपी पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा गया कि पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र प्रसारित किया जा रहा है, अवगत कराना है कि यह पत्र गलती से जारी हो गया है। पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए भर्ती अभियान जारी है। हालांकि, गलती से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बजाय मिनिस्टीरियल कर्मचारियों के लिए एक पत्र जारी किया गया था, और अब इस पत्र को रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने पुष्टि की कि पुलिस विभाग या शासन स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मामले को तूल पकड़ता देख डीजीपी प्रशांत कुमार ने मीडिया को संबोधित किया और मामले पर सफाई दी। प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। यह पत्र प्रशासनिक त्रुटि के कारण जारी हुआ था।
ये था मामला
दरअसल, एडीजी स्थापना की ओर से सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर और कप्तानों को सब इंस्पेक्टर स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती पर राय के लिए एक पत्र भेजा गया था। इस पत्र में कहा गया था कि क्या सहायक उप निरीक्षक (लिपिक), सहायक उप निरीक्षक (लेखा), सहायक उप निरीक्षक (गोपनीय) के पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती की जा सकती है। इस पत्र के वायरल होते ही हड़कंप मच गया।
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