स्मृति ईरानी ने स्वीकार की हार : बोलीं-यह जीतने वालों को बधाई देने का दिन, जानें 'क्योंकि...' से केंद्रीय मंत्री तक कैसा रहा सफर

बोलीं-यह जीतने वालों को बधाई देने का दिन,  जानें 'क्योंकि...' से केंद्रीय मंत्री तक कैसा रहा सफर
UPT | Smriti Irani Biography

Jun 04, 2024 18:54

मध्यवर्गीय परिवार से निकलकर छोटे पर्दे और फिर देश की राजनीति का चमकता सितारा बनीं स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराया, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा ने उन्हें करीब एक लाख 45 हजार वोटों से हरा दिया।

Jun 04, 2024 18:54

Smriti Irani Biography : अमेठी सांसद स्मृति ईरानी लोकसभा चुनाव हार गई हैं। स्मृति ईरानी को इस बार 3 लाख 40 हजार 693 मत मिले जबकि किशोरी लाल शर्मा को 4 लाख 86 हजार 166 मत मिले। अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कहा, "मुझे लगता है कि आज जनता का आभार व्यक्त करने का दिन है, जो जीते उन्हें बधाई देने का दिन है। संगठन का स्वभाव विश्लेषण करने का है और संगठन विश्लेषण करेगा।" आइए जानते हैं कि अमेठी की पूर्व सांसद का कैसा रहा अब तक का सफर...

मॉडलिंग से की करियर की शुरुआत 
स्मृति ने मॉडलिंग से शुरुआत की और बाद में अभिनय की दुनिया में कदम रखा, उसके बाद वे राजनीति में सफलतापूर्वक उतरीं। उन्होंने कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन उन्हें शोहरत मिली धारावाहिक क्योंकि सास भी कभी बहू थी में काम करने से, 'क्योंकि...' की 'तुलसी विरानी' घर-घर में  पहचानी जानी जाने लगीं।। इसके बाद स्मृति ईरानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, उन्होंने जिस काम में हाथ डाला उसमें उनको सफलता मिलती गई। एक मायने में साल 2000 से 2008 वो समय था जब उन्हे देश के हर घर में पहचाना जाने लगा और उनकी इसी शोहरत ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया। यहां से उनके लिए राजनीति में प्रवेश करने का दरवाजा खुला और फिर चल पड़े कदम जनसेवा की ओर।

किशोरावस्था से ही थीं RSS की सदस्य 
स्मृति ईरानी टीवी शो के सेट को छोड़कर अचानक राजनीति में नहीं आईं। उनका भाजपा से लंबे समय से जुड़ाव रहा है। वह किशोरावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सदस्य थीं।

उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था-"मैं बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का हिस्सा रही हूं। मेरे दादा स्वयं स्वयंसेवक थे और मेरी मां जनसंघी थीं। 'क्योंकि...' में 'तुलसी' के रूप में शुरुआत करने से पहले, मैं संघ परिवार और जनसंघ की असली 'तुलसी' रही हूं।" 

'क्योंकि' से पहले भी कई जगह नौकरी की
एकता कपूर से  'क्योंकि...' में साल 2000 में बड़ा ब्रेक मिलने से पहले स्मृति ईरानी ने कई तरह की नौकरियां कीं। उन्होंने जेट एयरवेज में होस्टेस के तौर पर आवेदन किया था, लेकिन असफल रहीं और फास्ट फूड चेन मैकडॉनल्ड्स में काम किया। उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन टॉप 10 स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाईं। उन्हें एकता कपूर ने तब पहचाना जब उन्हें नीलम कोठारी की जगह एक एपिसोड के लिए होस्ट के तौर पर बुलाया गया।

2003 में भाजपा में शामिल हुईं
उन्होंने कई सालों तक तुलसी का किरदार निभाया। लेकिन साथ ही साथ उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में भी काम करना जारी रखा। वह आधिकारिक तौर पर 2003 में भाजपा में शामिल हुईं। वह जल्दी ही पार्टी में शीर्ष पर पहुंच गईं, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनीं और एक साल बाद ही महाराष्ट्र युवा विंग की उपाध्यक्ष बनीं। 2010 में, वह भाजपा की महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनीं। 2011 में, स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्यसभा सदस्य के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद अपने पहले चुनावी पद पर नियुक्त किया गया।

2014 में अमेठी से हार गईं लेकिन बन गईं मंत्री  
उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं तब स्पष्ट हो गई थीं जब उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़ा था, जो पिछले चार दशकों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ खड़े होकर, वह एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हार गईं। लेकिन उन्हें अपने प्रयासों के लिए पुरस्कृत किया गया जब उन्हें नई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री नियुक्त किया गया। स्मृति  ईरानी जुलाई 2016 तक इस पद पर रहीं, जब उन्हें कपड़ा मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (भारत) का भी कार्यभार संभाला। 

2019 में राहुल गांधी को हराकर इतिहास रचा
2019 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने एक बार फिर अमेठी से चुनाव लड़ा और राहुल गांधी के खिलाफ उनके निर्वाचन क्षेत्र में आक्रामक प्रचार किया। राहुल गांधी को हराकर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में महिला एवं बाल विकास मंत्री और कपड़ा मंत्री बनीं। 2022 में उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार दिया गया।

2024 में बीजेपी ने स्मृति को फिर अमेठी से दिया टिकट
नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी को 2019 के आम चुनाव में स्मृति ईरानी ने जीत हासिल की थी। 2019 में मौजूदा सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगभग 55,000 वोटों से हराने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को एक बार फिर 2024 में अमेठी से मैदान में उतारा। 

मवई में घर बनवाकर जनता से किया वादा पूरा किया
2019 में अमेठी में एक स्थायी निवास बनाने की अपनी योजना की घोषणा करने के बाद,स्मृति ईरानी ने 2021 में गौरीगंज तहसील के मवई गांव में 11 बिस्वा (1,650 वर्ग गज या 14850 वर्ग फुट) जमीन खरीदी और एक शानदार घर बनाया, जहां उन्होंने हाल ही में गृह प्रवेश समारोह किया है। दरअसल स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी की जनता से वादा किया था कि अगर मैं अमेठी की सांसद बनूंगी तो अमेठी की जनता को सांसद से मिलने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा और वो अपने सासंद से अमेठी में ही मिलेगा और उस वादे को पूरा करते हुए स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र में अपना घर बनवा लिया। उस घर में  विधि विधान से पूजा अर्चना कर प्रवेश किया। 
 
स्मृति ईरानी से जुड़ी खास बातें

मिस इंडिया 1998 फाइनलिस्ट : स्मृति ईरानी का इंडस्ट्री में सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। अभिनेत्री अपने सपनों को पूरा करने के लिए बहुत कम उम्र में मुंबई आ गई थीं। काफी संघर्षों के बाद उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा। स्मृति ने मिस इंडिया 1998 में हिस्सा लिया और फाइनलिस्ट में से एक बनीं। इसके बाद उन्होंने कुछ मॉडलिंग कैंपेन किए।

अभिनय में करियर : बहुत मेहनत के बाद, स्मृति एक्टिंग ऑडिशन में सफल रहीं और एकता कपूर के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की मुख्य अभिनेत्री बन गईं। टीवी शो में तुलसी विरानी के रूप में उनके अभिनय कौशल को नेटिज़ेंस ने खूब पसंद किया। उन्हें टीवी शो क्या हादसा क्या हकीकत, एक थी नायका और अन्य में भी देखा गया था।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार : बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्हें 2001 से 2005 तक भारतीय टेलीविजन अकादमी (ITA) द्वारा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में सम्मानित किया गया था। 2000 के दशक में 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी'में तुलसी की भूमिका के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले।

उनका पहला उपन्यास : स्मृति ईरानी ने लेखन में भी हाथ आजमाया है और 2021 में अपनी पहली किताब लिखी है। उनकी पहली किताब ‘लाल सलाम’ को दर्शकों से खूब सराहना और प्यार मिला। यह किताब अप्रैल 2010 में दंतेवाड़ा में हुए माओवादी हमले और केंद्रीय पुलिस बलों की भूमिका पर आधारित है।

निजी जीवन के बारे में : अभिनेत्री से राजनेता बनीं स्मृति ईरानी ने 2001 में पारसी व्यवसायी जुबिन ईरानी से शादी की। उनके दो बच्चे हैं ज़ोहर और ज़ोइश। जुबिन की पहली शादी से बेटी शैनेल भी उनके साथ ही रहती थी। शैनेल ने हाल ही में शादी की और इस शादी में राजनीति और फिल्म जगत की कई हस्तियां शामिल हुईं। 2018 में अपनी आस्था के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा था कि वह एक हिंदू हैं, जिन्होंने एक पारसी से शादी की है और सिंदूर लगाना एक हिंदू के रूप में उनकी आस्था है।

मराठी-पंजाबी-बंगाली परिवार में हुआ जन्म
स्मृति मल्होत्रा ( शादी के बाद स्मृति जेड ईरानी) का जन्म एक मिश्रित मराठी-पंजाबी-बंगाली परिवार में हुआ। उनके पिता आधे पंजाबी, आधे महाराष्ट्रीयन हिंदू अजय कुमार मल्होत्रा और मां  बंगाली हिंदू शिबानी नी बागची हैं। तीन बहनों में स्मृति सबसे बड़ी हैं। उनकी मां जनसंघ की सदस्य थीं और उनके दादा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे।

नौकरी के लिए बीच में ही छोड़ दी थी पढ़ाई
स्मृति ईरानी की शिक्षा होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल, नई दिल्ली में हुई। उन्होंने 1991 में 10 वीं की परीक्षा पास की। 1993 में 12 वीं की परीक्षा पास की। बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग में दाखिला लिया। उन्होंने  बी.कॉम. प्रथम वर्ष की परीक्षा दी थीं, लेकिन तीन वर्षीय डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया था। नौकरी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।

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