Mohanlalganj Lok Sabha Seat : आरके चौधरी ने कौशल किशोर दी शिकस्त, मायावती से अनबन के चलते छोड़ी थी बसपा

आरके चौधरी ने कौशल किशोर दी शिकस्त, मायावती से अनबन के चलते छोड़ी थी बसपा
UPT | आरके चौधरी ने कौशल किशोर दी शिकस्त

Jun 04, 2024 20:27

मोहनलालगंज सीट से सपा के आरके चौधरी ने भाजपा के कौशल किशोर को हरा दिया है। भाजपा उम्मीदवार कौशल किशोर इस बार जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए। आरके चौधरी समाज के वंचित वर्ग में अपने अम्बेडकरवादी और समाजवादी विचारों के लिए जाने जाते हैं। लोग उन्हें बहुजन नायक के तौर पर पहचानते हैं। मायावती के साथ मनमुटाव के चलते...

Jun 04, 2024 20:27

RK Chaudhary Biography :  फैजाबाद में जन्मे आरके चौधरी ने अपना राजनीतिक सफर बहुजन समाज पार्टी से शुरू किया था। आरके चौधरी बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वह तीन बार सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। इस बार सपा के अखिलेश यादव ने उन्हें मैदान में उतारा है। 
 
यूपी के बड़े मंत्रियों में शुमार है नाम
आरके चौधरी का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े मंत्रियों में शुमार रहा है। बसपा के टिकट पर वो चार बार मंत्री रह चुके हैं। वह मोहनलाल गंज सीट से तीन बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं और तीनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्हें कांशीराम का करीबी माना जाता था। चौधरी बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य भी थे। उन्होंने 2002 और 2007 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मंझनपुर (1993) और मोहनलालगंज (1996) से विधानसभा सीट जीती। अगले चुनाव में, वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़े और मामूली अंतर से हार गए। मायावती के साथ मनमुटाव के चलते 2019 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और लोकसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वन, पर्यावरण, लघु उद्योग, सहकारिता, अम्बेडकर ग्रामीण विकास, खेल और युवा कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया। वह समाज के वंचित वर्ग में अपने अम्बेडकरवादी और समाजवादी विचारों के लिए जाने जाते हैं। लोग उन्हें बहुजन नायक के तौर पर पहचानते हैं।

बीएस-4 संगठन के माध्यम से आंदोलन शुरू किया
वह सामाजिक संगठन बीएस-4 (बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। बीएस-4 संगठन के माध्यम से चौधरी ने "डायवर्सिटी मिशन" नाम से एक आंदोलन शुरू किया। इसका लक्ष्य जनसंख्या के आधार पर जाति समूहों की भागीदारी प्राप्त करना है। वह भारत में आरक्षण लागू किये जाने का समर्थन करते हैं।  मिशन का नारा है "जिसकी जितनी संख्या भारी, उतनी ही घनी आबादी।"

चौधरी का मानना है कि देश की प्रगति और देश के बहुसंख्यक लोगों की भागीदारी तभी हो सकती है जब अंबेडकरवादी और समाजवादी विचारधारा के लोग संगठित होकर पूंजीवादी सामंतवादी और मनुवादी विचारधारा के कमजोर वर्गों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करें।

व्यक्तिगत परिचय
उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में टोनिया गांव में  6 दिसंबर 1954 को  जन्मे आरके चौधरी ग्रेजुएट प्रोफेशनल हैं। उन्होंने  बी.एससी. और एल.एल.बी.करने के बाज वकालत को पेशा अपनाया। चुनावी हलफनामे के अनुसार वर्तमान में वो पेशेवर तौर पर पेंशनभोगी और कृषि से जुड़े हैं। आर.के. चौधरी के खिलाफ (2) मामले हैं।

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