छात्रों के लिए बड़ी खबर : एक साल बर्बाद होने का डर खत्म, अब साल में दो बार मिलेगा एडमिशन और रोजगार पाने का मौका

एक साल बर्बाद होने का डर खत्म, अब साल में दो बार मिलेगा एडमिशन और रोजगार पाने का मौका
UPT | विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी।

Jun 11, 2024 20:17

UGC प्रमुख ने बताया कि अब कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव भी साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इससे छात्रों को साल में दो बार रोजगार पाने का अवसर मिलेगा...

Jun 11, 2024 20:17

New Delhi News : देश भर के सभी छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढने वाले छात्र साल में दो बार एडमिशन ले सकते है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षा संस्थानों को साल में दो बार, जनवरी/फरवरी और जुलाई/अगस्त में, प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। UGC के चेयरमैन जगदीश एम. कुमार ने कहा कि इससे छात्रों के लिए अधिक अवसर उत्पन्न होंगे और भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बिठा सकेंगे।

प्लेसमेंट ड्राइव भी साल में दो बार
UGC प्रमुख ने बताया कि अब कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव भी साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इससे छात्रों को साल में दो बार रोजगार पाने का अवसर मिलेगा।
2024-25 शैक्षणिक सत्र से लागू
द्विवार्षिक प्रवेश प्रक्रिया 2024-25 शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। पहली प्रवेश साइकिल जुलाई-अगस्त में और दूसरी जनवरी-फरवरी में आयोजित की जाएगी। UGC चेयरमैन ने कहा, "अगर भारतीय विश्वविद्यालय साल में दो बार प्रवेश देंगे, तो यह उन छात्रों के लिए बहुत लाभकारी होगा जो बोर्ड परिणामों में देरी, स्वास्थ्य समस्याओं या अन्य कारणों से जुलाई-अगस्त सत्र में प्रवेश लेने से चूक जाते हैं।"

एक साल बर्बाद होने का डर नहीं
UGC का कहना है कि इस व्यवस्था से छात्रों को प्रेरणा मिलेगी और एक साल बर्बाद होने का डर खत्म हो जाएगा। अब छात्रों को एक पूरे साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
अनिवार्यता नहीं
हालांकि, द्विवार्षिक प्रवेश प्रक्रिया को अपनाना अनिवार्य नहीं है। संस्थान इसे तभी अपनाएं जब उनके पास आवश्यक बुनियादी ढांचा और प्रशासकीय क्षमता हो। यह संस्थानों के लिए एक लचीलापन है जो अपने छात्र संख्या को बढ़ाना चाहते हैं और नए कार्यक्रम पेश करना चाहते हैं।
PhD प्रवेश में बदलाव
UGC ने PhD प्रवेश के नियमों में भी बदलाव किया है। 2024-25 सत्र से PhD प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) के स्कोर स्वीकार किए जाएंगे। इससे उम्मीदवारों को एक से अधिक प्रवेश परीक्षाएं देने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लिया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। UGC का यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ अधिक समतुल्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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