मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक दोपहिया वाहन चलाते हुए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। लेकिन भारत में तो अधिकांश लोग सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं। इसलिए वे सस्ते और कमजोर हेलमेट खरीद लेते हैं...
Helmet Buying Checklist : हेलमेट खरीदते वक्त ऐसे करें क्वालिटी चेक, छोटी सी गलती भी पड़ सकती हैं भारी
May 25, 2024 13:58
May 25, 2024 13:58
बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक दोपहिया वाहन चलाते हुए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। लेकिन भारत में तो अधिकांश लोग सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं। इसलिए वे सस्ते और कमजोर हेलमेट खरीद लेते हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हेलमेट की क्वालिटी कैसी है। लेकिन ऐसी लापरवाही आपकी जान तक ले सकती है। आज जरूरत की खबर में यही जानेंगे कि हेलमेट खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्वालिटी चेक कैसे करना चाहिए।
हेलमेट खरीदते वक्त इन तीन बातों का रखें ध्यान
- सुरक्षा
- कंफर्ट
- मजबूती
- हमेशा फुल कवर हेलमेट ही खरीदें।
- शेप और साइज अपने सिर के अनुसार चुनें।
- हेलमेट पर isi मार्क जरूर चेक करें।
- हेलमेट में डार्क कलर का शीशा न लगा हो।
- हेलमेट कहीं से क्रैक न हो।
- हेलमेट की बॉडी अच्छे मटेरियल की बनी हो।
- हेलमेट कुशन हार्ड या फ्लैट नहीं होना चाहिए।
- हेलमेट का वाइजर क्लियर होना चाहिए।
- हवा, साउंड आने की जगह हो। प्रॉपर वेंटिलेशन हो।
- कुशन और ऊपरी लेयर के बीच एक, सवा इंच मोटी लेयर हो।
- तेज हवा, धूल से आंखों के बचाव के लिए कवर और ओपम व्यू हो।
- हेलमेट सिर्फ माथे के ऊपरी हिस्से को कवर करे। आंखों के विजन में बाधा न बने।
- हेलमेट को खोलने और बंद करने का सिस्टम आसन और मजबूत हो। एक बार क्लच लगाने के बाद खुले नहीं।
हेलमेट पर कितना खर्च करना है, यह आपकी जरूरत, सेफ्टी फिचर्स और क्वालिटी पर निर्भर करता है। देश में ज्यादातर अच्छे क्वालिटी के हेलमेट की कीमत 1000 रुपये से शुरू होकर 15000 रुपये तक है। हम यही सलाह देंगे कि आप शहर के भीतर बाइक चलाएं या लॉन्ग डिस्टेंस राइड करें, हेलमेट के लिए खर्च करते समय पैसों की कोताही न करें। बेस्ट क्वालिटी हेलमेट ही खरीदें।
हेलमेट खरीदते वक्त न करें यह गलती
- कभी भी फुटपाथ या सड़क किनारे से हेलमेट ना खरीदें।
- हेलमेट का मानक वजन 1.2 किलो है, इससे भारी हेलमेट न खरीदें।
- स्टाइलिश दिखने के चक्कर में सुरक्षा से समझौता न करें।
- ब्रांडेड हेलमेट का कॉपी वर्जन न खरीदें।
- महिलाओं के लिए मिलने वाला हाफ कवर हेलमेट किसी काम का नहीं है। यह कोई बचाव नहीं करता।
- हेलमेट के क्वालिटी पर फोकस करें ना की कलर और डिजाइन।
हेलमेट बनाते हुए सुरक्षा के कुछ जरूरी मानदंडों का पालन करना अनिवार्य होता है। विभिन्न देशों में अलग-अलग संस्थाएं इसे सर्टिफाइड करती हैं।
DOT- यह सबसे कॉमन सर्टिफिकेशन है, लेकिन यह सबसे सुरक्षित नहीं है। यह बेसिक सर्टिफिकेशन है। यह मानक आमतौर पर अमेरिका में इस्तेमाल होता है।
ECE- ECE यूरोपीय देशों में चलने वाला कॉमन सर्टिफिकेशन है। ECE एक यूरोपीय संस्था है। इसका सबसे कॉमन मानक ECE 22.05 है। हालांकि नया मानक ECE 22.06 है।
Snell- यह अमेरिकन संस्था है, जो हर 5 साल में अपने टेस्ट के मानकों को अपडेट करती है। snell सर्टिफाइड हेलमेट रेसिंग के लिए उपयुक्त होते हैं।
ISI- भारत में हेलमेट ISI सर्टिफिकेशन के साथ होना जरूरी है। हालांकि ISI के पास अभी तक कोई मानक टेस्ट प्रक्रिया नहीं है, लेकिन उनका एक मानदंड यह है कि हेलमेट का वजन बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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