दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर : दिल्ली AQI 382 पहुंचा, रविवार रहा इस सीजन का सबसे बुरा दिन

दिल्ली AQI 382 पहुंचा, रविवार रहा इस सीजन का सबसे बुरा दिन
UPT | Air Pollution

Nov 04, 2024 13:16

रविवार को देश के अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता भी काफी खराब रही। दिल्ली में AQI 382 दर्ज किया गया। नोएडा का AQI 313 और  ग्रेटर नोएडा का 248 तक पहुंचा।

Nov 04, 2024 13:16

New Delhi News : वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। रविवार को दिल्ली में AQI 382 दर्ज किया गया। जबकि नोएडा शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 313 तक पहुंच गया। ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 248 तक पहुंचा।



दिल्ली का प्रदूषण सबसे ज्यादा
रविवार को देश के अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता भी काफी खराब रही। दिल्ली में AQI 382 दर्ज किया गया, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। इसके बाद बहादुरगढ़ में 335, श्रीगंगानगर में 327, सोनीपत में 321 और नोएडा में 313 AQI दर्ज किया गया। इस आंकड़े के अनुसार, देश के कई प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक बना हुआ है।

नोएडा पांचवें स्थान पर
इसके साथ ही नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पांचवें स्थान पर आ गया। यह स्थिति नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लाखों निवासियों के लिए चिंता का विषय है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो किडनी और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों के लिए प्रदूषण का स्तर बढ़ने से उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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ग्रेटर नोएडा में कुछ राहत
ग्रेटर नोएडा में स्थिति थोड़ी बेहतर रही। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 248 तक पहुंचा, जो नोएडा के मुकाबले कम है। नॉलेज पार्क के आसपास की हवा में साफ-सफाई के चलते इस क्षेत्र में लोगों को राहत मिली है और वायु प्रदूषण का प्रभाव कम देखने को मिला है। लेकिन इसके बावजूद, समग्र स्थिति चिंताजनक है और इससे लोगों की दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर के प्रभाव
वायु प्रदूषण में निरंतर वृद्धि लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण के बढ़ने से सांस संबंधी बीमारियों, जैसे अस्थमा, ब्रोन्काइटिस और अन्य श्वसन समस्याओं का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, किडनी के मरीजों के लिए भी यह स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। ऐसे में अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।

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