राम मंदिर पर अमित शाह का बयान : 'हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए', गृह मंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया

'हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए', गृह मंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया
UPT | गृह मंत्री अमित शाह

Feb 10, 2024 18:22

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो लोग भारत को नहीं जानते हैं। राम करोड़ों लोगों के लिए आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए इसका प्रतीक हैं। इसीलिए उन्हें...

Feb 10, 2024 18:22

Short Highlights
  • गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो लोग भारत को नहीं जानते हैं।
New Delhi : मोदी सरकार के बजट सत्र के आखिरी दिन संसद के दोनों सदनों में राम मंदिर को लेकर चर्चा की जा रही है। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सदन में भाषण दिया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर किए गए आंदोलन और उससे जुड़े लोगों के योगदान को याद किया। साथ ही साथ राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा।

हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए : गृह मंत्री
सदन में गृह मंत्री ने कहा कि राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई है। सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आने के बाद ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना है। जो बोल रहे हैं, वह अच्छी तरह जानते हैं कि क्यों बोल रहे हैं। एक कहावत का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे जोड़ा कि हमारे गुजरात में एक कहावत है- हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए। पूरा देश जब आनंद में डूबा हुआ है, अध्यात्म में डूबा हुआ है तो भैया स्वागत कर लो। इसी में देश का भला है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि गृह मंत्री का निशाना कांग्रेस और विपक्ष की तरफ था। शाह ने आगे कहा, "राम राजनीति नहीं राष्ट्रनीति हैं।"

राम के बिना भारत की कल्पना नहीं: शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो लोग भारत को नहीं जानते हैं। राम करोड़ों लोगों के लिए आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए इसका पप्रतीक हैं। इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता। कई भाषाओं में रामायण का अनुवाद किया गया है। 

भाजपा राम पर राजनीति नहीं करती : गृह मंत्री
लोकसभा में भाषण देते हुए अमित शाह ने कहा कि 1990 में जब इस आंदोलन ने गति पकड़ी उससे पहले से ही ये भाजपा का देश के लोगों से वादा था। जब हम राम मंदिर को घोषणा पत्र में रखते है तो हम पर वोट की राजनीति करने का आरोप लगाया जाता है। हमने पालमपुर कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित करके कहा था कि राम मंदिर निर्माण को धर्म के साथ नहीं जोड़ना चाहिए, ये देश की चेतना के पुनर्जागरण का आंदोलन है।

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