कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की एक अदालत में माना है कि उसकी वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश टाइम्स ने कई प्रतिष्ठित डॉक्टरों से बात की। हमें उम्मीद है कि इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आपने अंदर का डर जरूर खत्म हो जाएगा।
कोवीशील्ड को लेकर लोगों में डर : साइ़ड इफेक्ट्स को लेकर आपके हर सवाल का डॉक्टर्स से जानिए जवाब
May 01, 2024 14:40
May 01, 2024 14:40
- कोवीशील्ड को लेकर लोगों में डर
- डॉक्टर ने दिए सवालों के जवाब
- वैक्सीनेशन वाले लोगों को डरने की जरूरत नहीं
वैक्सीन का साइड इफेक्ट होना कितना सामान्य?
फिजिशियन डॉ. स्वाति चौहान बताती हैं कि 'हर वैक्सीन के थोड़े-बहुत साइड इफेक्ट होते ही हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि यह साइड इफेक्ट हर किसी में दिखलाई ही दें। ऐसी संभावना लाखों में किसी 10 आदमी को ही होती है। वहीं इसके गंभीर दुष्परिणाम इसमें से भी किसी 1 में ही होने की संभावना है। ऐसे में एस्ट्राजेनेका की खबर सुनकर घबराने की जरूरत कतई नहीं है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके अंदर वैक्सीन के साइड इफेक्ट दिखाई दे रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। लेकिन घबराने या डरने की जरूरत नहीं है।' हमने जब डॉक्टर स्वाति से पूछा कि क्या सभी वैक्सीन के साइड इफेक्ट होते हैं, तो उन्होंने बताया कि ज्यादातार वैक्सीन कई लंबे ट्रायल से होकर गुजरती हैं। लेकिन कोरोना एक महामारी थी और इसकी वैक्सीन जल्दी बनाना अपने आप में एक चुनौती थी। इसलिए इतने कम समय में बनी वैक्सीन के अगर कुछ साइड इफेक्ट हों भी, तो ये सामान्य बात है।
वैक्सीनेशन के इतने वक्त बाद भी दिखेगा साइड इफेक्ट?
इंडियन कॉउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन ने बताया कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर जो सबसे ज्यादा रिस्क था, वह पहले डोज के दौरान ही था। दूसरे डोज में यह रिस्क उससे कम और तीसरे डोज तक बिल्कुल कम हो गया। उन्होंने कहा कि अगर कोई साइड इफेक्ट होता भी, तो वह शुरुआती 2-3 महीनों में दिख जाता। ऐसे में इस बात की चिंता करना बेमानी है कि वैक्सीनेशन होने के इतने ज्यादा वक्त के बाद साइड इफेक्ट देखने को मिलेगा।
क्या होता है थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम?
एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की हाईकोर्ट में माना है कि उसकी वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानि TTS होने की संभावना है। TTS से किसी इंसान के शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है। सिर में दर्द, बोलने में कठिनाई, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, चक्कर आना आदि इस सिंड्रोम के सामान्य लक्षण हैं। आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के बाजार में आने के कुछ समय बाद ही बिट्रेन में इसका इस्तेमाल बंद हो गया था। आशंका जताई जा रही है कि ब्रिटेन में ऐसे 81 मामले सामने आए और साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर 5 में से एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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