दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ा जब आतिशी ने 8वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ पांच मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया। आतिशी, दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं और वह सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं।
आतिशी बनीं दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री: एलजी ने 5 मंत्रियों को भी दिलाई शपथ, राष्ट्रीय राजधानी में राजनीति के नए युग की शुरुआत
Sep 22, 2024 00:53
Sep 22, 2024 00:53
दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित ने इस पद को संभाला था। 43 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बनने वाली आतिशी दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री भी हैं। आतिशी ने आम आदमी पार्टी की स्थापना के समय से ही पार्टी की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा और सामाजिक सुधारों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। आतिशी ने आम आदमी पार्टी के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुँचाने में एक अहम भूमिका निभाई है।
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और सत्ता का हस्तांतरण
अरविंद केजरीवाल ने बीते मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद, आम आदमी पार्टी ने आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया। आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और नई कैबिनेट का गठन किया। उनकी कैबिनेट में पहले के चार मंत्रियों- गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन को फिर से शामिल किया गया है। इसके अलावा, अनुसूचित जाति वर्ग से विधायक मुकेश अहलावत को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
राजनीतिक सफर और चुनौतियां
आतिशी का राजनीतिक सफर संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा है। 2013 में उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली और इसके बाद से ही वह पार्टी की प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल रही हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेता गौतम गंभीर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी को हराकर जीत दर्ज की। मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद 2023 में उन्हें दिल्ली सरकार में मंत्री नियुक्त किया गया। आतिशी ने शिक्षा, जल, बिजली और लोक निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभालते हुए अपनी क्षमता साबित की है। वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक मानी जाती हैं और उनके कार्यकाल में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किए गए हैं।
केजरीवाल से मुलाकात
शपथ ग्रहण से पहले आतिशी और उनकी कैबिनेट के प्रस्तावित मंत्रियों ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। यह मुलाकात केजरीवाल के आवास पर हुई, जहां उन्होंने आगामी सरकार की रूपरेखा पर चर्चा की। इसके बाद, सभी मंत्री राजनिवास पहुंचे, जहां उन्होंने उपराज्यपाल के समक्ष शपथ ग्रहण की।
जनता की सेवा को प्राथमिकता : गोपाल राय
शपथ ग्रहण से पहले आप नेता गोपाल राय ने कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली की जनता के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि सरकार में बदलाव विशेष परिस्थितियों के कारण हुआ है, और अब उनका मुख्य उद्देश्य लंबित कार्यों को पूरा करना है। राय ने कहा कि पार्टी दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई है, और वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
आप नेता दिलीप पांडे ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद भाजपा पर कड़ा निशाना साधा
आप नेता दिलीप पांडे ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद भाजपा पर कड़ा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करके पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली की जनता और न्यायालयों ने उनकी साजिशों को विफल कर दिया। पांडे ने कहा कि भाजपा की यह योजना थी कि वह संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके आप को कमजोर करेगी, लेकिन इसके विपरीत, पार्टी और भी मजबूत होकर उभरी है।
आतिशी का मुख्यमंत्री बनना दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़
आतिशी का मुख्यमंत्री बनना दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके नेतृत्व से उम्मीद की जा रही है कि वह दिल्ली के विकास और सुधारों को एक नई दिशा देंगी। आम आदमी पार्टी के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी भविष्य की ओर देख रही है, और आतिशी के नेतृत्व में वह नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए तैयार है।
यूपी के इस जिले की बहू हैं आतिशी, 2006 में हुई थी शादी
दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय तब जुड़ा जब अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपा और आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आतिशी का गहरा नाता उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और खासकर वाराणसी से भी है? आइए जानते हैं, उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनके पति प्रवीण सिंह के बारे में।
वाराणसी की बहू हैं आतिशी
आतिशी का संबंध वाराणसी से है, वह यहां की बहू हैं। उनके पति प्रवीण सिंह मिर्जापुर जिले के मझवां ब्लॉक के अनंतपुर गांव के रहने वाले हैं। प्रवीण सिंह का परिवार लंबे समय से वाराणसी के लंका क्षेत्र में निवास कर रहा है। प्रवीण सिंह पेशे से समाजसेवी हैं, जिन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की। प्रवीण ने समाज सेवा को अपना करियर चुना और ग्रामीण विकास और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में काम करना शुरू किया।
आतिशी और प्रवीण सिंह की मुलाकात और शादी
आतिशी और प्रवीण सिंह की पहली मुलाकात दिल्ली में हुई थी। दोनों की समान विचारधारा और सामाजिक सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक दूसरे के करीब ला दिया। 2006 में दोनों ने धूमधाम से शादी कर ली। शादी के बाद आतिशी दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होने से पहले बनारस में अपने ससुराल में रहा करती थीं। प्रवीण का परिवार वाराणसी के प्रतिष्ठित और बौद्धिक परिवारों में से एक माना जाता है, जिनका समाज में गहरा सम्मान है।
शैक्षिक पृष्ठभूमि
आतिशी की शैक्षिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत प्रभावशाली है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की और फिर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनकी शिक्षा और सामाजिक सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें राजनीति में आने से पहले ही एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बना दिया था। आतिशी और उनके पति ने मिलकर 2007 में मध्य प्रदेश में एक कम्यून स्थापित किया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण विकास और गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करना था।
दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री
दिल्ली की राजनीति में आतिशी का मुख्यमंत्री बनना एक महत्वपूर्ण घटना है। उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित ने इस पद को संभाला था। शीला दीक्षित दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं, जिन्होंने 1998 से 2013 तक 15 वर्षों तक यह पद संभाला था। वहीं, सुषमा स्वराज का कार्यकाल केवल 52 दिनों का रहा था। आतिशी, जो 43 वर्ष की हैं, दिल्ली की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री होंगी। ममता बनर्जी के बाद वह देश की दूसरी मौजूदा महिला मुख्यमंत्री होंगी।
आतिशी की राजनीतिक भूमिका
आतिशी, वर्तमान में दिल्ली मंत्रिमंडल में सबसे अधिक विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वह वित्त, जल, शिक्षा, लोक निर्माण, बिजली, राजस्व, योजना, सेवा, कानून, सतर्कता और अन्य प्रमुख विभागों की मंत्री हैं। आम आदमी पार्टी की स्थिरता बनाए रखने में आतिशी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर तब जब अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता जेल में थे। उन्होंने पार्टी के संचालन में अपनी कुशलता दिखाई और पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया।
जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलने की संभावना
दिल्ली की नई नामित मुख्यमंत्री आतिशी को 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने की संभावना है। दिल्ली पुलिस निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा की भी समीक्षा करेगी, क्योंकि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल, केजरीवाल को 'जेड प्लस' सुरक्षा मिली हुई है, जिसमें उन्हें एक पाली में लगभग 40 सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए जाते हैं। अब, आतिशी को भी इसी तरह की सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुरक्षा का सामना न करना पड़े।
आतिशी का मुख्यमंत्री बनना न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण
आतिशी का मुख्यमंत्री बनना न केवल दिल्ली की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके परिवार और उनके सामाजिक सुधार के सफर के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी शादी और उनका समाज सेवा में योगदान उनकी राजनीतिक यात्रा को और भी रोचक बनाता है। अब, उनके सामने दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की जिम्मेदारी है, और उनके अनुभव और कौशल के आधार पर यह उम्मीद की जा सकती है कि वह इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगी।
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