लोकसभा चुनाव 2024 : 5 सीटें, सभी मुस्लिम उम्मीदवार... क्या है मायावती की रणनीति?

5 सीटें, सभी मुस्लिम उम्मीदवार... क्या है मायावती की रणनीति?
UPT | 5 लोकसभा सीटों के लिए बसपा उम्मीदवारों की घोषणा

Mar 12, 2024 17:52

बसपा ने उत्तर प्रदेश की 5 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। ये सभी प्रत्याशी मुस्लिम हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या मायावती 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अलग रणनीति पर काम कर रही है?

Mar 12, 2024 17:52

Short Highlights
  • बसपा ने उतारे 5 सीटों पर उम्मीदवार
  • सभी घोषित प्रत्याशी हैं मुस्लिम
  • विशेण रणनीति पर काम कर रही है बसपा
New Delhi : 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी ने देर से ही सही, लेकिन 5 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है। बसपा की तरफ से एक-एक कर इन नामों की घोषणा की जा रही है। पार्टी की तरफ से अब तक जिन 5 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं, वे सभी मुस्लिम प्रत्याशी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मायावती इस बार के लोकसभा चुनाव में किसी विशेष रणनीति पर काम कर रही हैं?

इन सीटों पर बसपा ने उतारे उम्मीदवार
बसपा ने जिन सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है, उनमें मुरादाबाद, अमरोहा, सहारनपुर, पीलीभीत और कन्नौज शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी ने मुरादाबाद से इरफान सैफी, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन और सहारनपुर से माजिद अली को टिकट दिया है। इसके अलावा पीलीभीत से अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू और कन्नौज से अकील अहमद को प्रत्याशी बनाया है।

सभी सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी
बसपा की तरफ से सभी 5 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है। जाहिर है कि पार्टी की कोशिश इंडिया ब्लॉक के खिलाफ मुस्लिम वोटों को प्रभावित कर अपने खाते में जोड़ने की है। बसपा ने अभी तक जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, वह उत्तर प्रदेश के रुहेलखंड क्षेत्र या उसके आस-पास की हैं। इन इलाकों में 20 से 40 फीसदी तक मुस्लिम आबादी रहती है। ये समीकरण उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों और खासकर पश्चिम यूपी की सीटों पर असर डालने के लिए काफी है।

अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है बसपा
दरअसल, मायावती ने पहले ही ये एलान कर दिया था कि बहुजन समाज पार्टी अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन इसके बावजूद ऐसी खबरें आने लगीं कि मायावती का उत्तर प्रदेश में कांग्रेस या एआईएमआईएम से गठबंधन हो सकता है। दरअसल इसके पीछे भी एक ठोस वजह है। मायावती ने पिछले लोकसभा चुनावों में भी पहले अकेले ही लड़ने का एलान किया था। लेकिन चुनाव से ठीक पहले वह अपनी धुर विरोधी माने जानी वाली पार्टी सपा के साथ जुड़ गई थी। अब एक बार फिर मायावती ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए अकेले लड़ने के संकल्प को दोहराया है।

दूसरे दलों की क्या है स्थिति?
भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश की कुल 51 सीटों के नाम हैं। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी को तीसरी बार वाराणसी से टिकट दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने भी शुक्रवार को अपनी सूची जारी की है, लेकिन इसमें उत्तर प्रदेश की एक भी सीट शामिल नहीं है।

इन सीटों पर बसपा की हुई थी जीत
साल 2019 के चुनाव में बसपा ने कांग्रेस, सपा, रालोद समेत कई दलों के गठबंधन में शामिल रहकर 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, लालगंज, घोसी, जौनपुर और गाजीपुर की सीटें शामिल थीं। लेकिन 2019 में उसे समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का फायदा मिला था। ऐसे में अकेले चुनाव लड़कर बसपा कितनी सीटों पर जीत दर्ज कर पाएगी, इस पर संशय बरकरार है।

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