बसपा प्रमुख की कार्यकर्ताओं को चेतावनी : कहा- 'मिशनरी सोच नहीं, तो पार्टी में जगह नहीं', मायावती का किस पर निशाना?

कहा- 'मिशनरी सोच नहीं, तो पार्टी में जगह नहीं', मायावती का किस पर निशाना?
UPT | बसपा प्रमुख की कार्यकर्ताओं को चेतावनी

Aug 31, 2024 20:17

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी के नेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के पक्षधर न बनें।

Aug 31, 2024 20:17

Short Highlights
  • बसपा प्रमुख की कार्यकर्ताओं को चेतावनी
  • मिशनरी सोच का किया समर्थन
  • कोर्ट के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
New Delhi : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी के नेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के पक्षधर न बनें। उन्होंने कहा कि पार्टी में ऐसा कोई व्यक्ति स्वीकार्य नहीं होगा जो कांग्रेस की तरह इन मुद्दों पर रुख अपनाता है। मायावती ने सोशल मीडिया पर अपने बयान में कहा कि बसपा जाति के आधार पर शोषित और उत्पीड़ित लोगों को एकजुट कर 'बहुजन समाज' बनाने के मिशन में जुटी है। ऐसे में, पार्टी के भीतर स्वार्थी विचारधारा रखने वाले लोगों की कोई जगह नहीं है। यदि कोई पार्टी को छोड़ना चाहता है या अलग किया जाता है, तो यह पार्टी और उसके मूवमेंट के हित में होगा।

राज्य सरकारों की आलोचना की
मायावती ने कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सरकारों द्वारा एससी और एसटी को बांटने की राजनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही इस मुद्दे पर अपनी रणनीति को लागू कर रही हैं, जो कि अस्वीकार्य है। मायावती ने विशेष रूप से कांग्रेस शासित राज्यों की निंदा की और कहा कि कांग्रेस की 'फूट डालो, राज करो' की रणनीति अब नहीं चलेगी। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सजग रहने की सलाह दी और कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की।

कोर्ट के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी और एसटी के लिए 'कोटा के भीतर कोटा' के आदेश पर राजनीतिक उबाल है। अदालत ने कहा था कि राज्य सरकारें अनुसूचित जातियों और जनजातियों में उप-कैटेगरीज बना सकती हैं, जिससे उन लोगों को अधिक लाभ मिलेगा जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। बसपा सुप्रीमो ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की और इसे एससी और एसटी वर्गों के बीच विभाजन का कारण बताया। मायावती ने कहा कि यह निर्णय बसपा की मानवतावादी दृष्टिकोण के खिलाफ है और पार्टी इस पर समझौता नहीं करेगी।

मिशनरी सोच का किया समर्थन
मायावती ने पार्टी के भीतर उन नेताओं को भी चेतावनी दी है जो एससी और एसटी वर्गीकरण और क्रीमी लेयर के मुद्दों पर कांग्रेस की तरह सोचते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों की बसपा में कोई जगह नहीं है, क्योंकि वे डॉ. भीमराव अंबेडकर की मिशनरी सोच के विपरीत हैं। मायावती ने पार्टी के नेताओं को अपने दृष्टिकोण को साफ करने का निर्देश दिया और कहा कि यदि पार्टी में स्वार्थी मानसिकता रखने वाले लोग खुद को अलग कर लेते हैं या उन्हें पार्टी से हटा दिया जाता है, तो यह बसपा और उसके आंदोलन के हित में होगा। मायावती के इस बयान के बाद से ही सवाल उठने लगे हैं कि आखिर उनका निशाना किसकी ओर है?

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