यति नरसिंहानंद ने जारी किया वीडियो : यूपी पुलिस पर नजर बंद करने का लगाया आरोप, कहा- हाईकोर्ट में सबूत दूंगा

यूपी पुलिस पर नजर बंद करने का लगाया आरोप, कहा- हाईकोर्ट में सबूत दूंगा
UPT | यति नरसिंहानंद

Oct 26, 2024 00:05

महंत यति नरसिंहानंद ने  बीती 29 सितंबर को भड़काऊ बयान दिया था, 21 दिनों के लापता रहने के बाद, यति नरसिंहानंद ने एक वीडियो जारी किया है...

Oct 26, 2024 00:05

Ghaziabad News : महंत यति नरसिंहानंद ने  बीती 29 सितंबर को भड़काऊ बयान दिया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले और अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके बाद नरसिंहानंद के बाद कार्रवाई की मांग तेजी से बढ़ने लगी। पुलिस ने इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया। लेकिन किसी को नहीं पता कि नरसिंहानंद कहां हैं। 21 दिनों के लापता रहने के बाद, यति नरसिंहानंद ने एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।

नरसिंहानंद ने जारी किया वीडियो
यति नरसिंहानंद ने शुक्रवार को  वीडियो जारी कर हुए अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। 21 दिनों के लापता रहने के बाद उन्होंने दावा किया कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। 4 मिनट को वीडियो में उन्होंने कहा कि  और अपनी मौत से पहले अपनी बात रखनी चाहते हैं। नरसिंहानंद ने कहा कि उन्हें मोहम्मद और उनके अनुयायियों के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा करने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट को बताना चाहते हैं कि वह पैगंबर मोहम्मद या उनके अनुयायियों को न सिर्फ सनातन, बल्कि दुनिया के गैर मुस्लिमों के प्रति भयंकर अपराधी मानते क्यों मानते हैं।



न्यायालय में साक्ष्य पेश करने की योजना
नरसिंहानंद ने आरोप लगाया कि मोहम्मद और उनके अनुयायी दूसरे धर्मों के अनुयायियों के प्रति हिंसा और बर्बरता के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामिक ग्रंथों और ऐतिहासिक साक्ष्यों का हवाला देते हुए, वह अपने विचारों को सही ठहराना चाहते हैं। इसके लिए, उन्होंने अपने समर्थकों की एक टीम बनाने की योजना बनाई है, जिसमें विदेशों से भी विशेषज्ञ शामिल होंगे। नरसिंहानंद का कहना है कि यह कदम न्याय की प्रक्रिया का एक आवश्यक हिस्सा है और उन्हें अपने साक्ष्य पेश करने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।

यूपी पुलिस की भूमिका और याचिका का प्रभाव
गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि उन्हें पुलिस की नजरबंदी से मुक्त किया जा सके। उनके अनुसार, मुंबई की एक संस्था ने उनके खिलाफ जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। हालांकि, गाजियाबाद पुलिस ने उनके नजरबंद होने से इनकार किया है।

गाजियाबाद में विवादित बयान का मामला
गाजियाबाद के लोहियानगर स्थित हिंदी भवन में 29 सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में अमर बलिदानी मेजर आसाराम व्याग सेवा संस्थान के बैनर तले डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने एक विवादित बयान दिया। कार्यक्रम में उन्होंने धर्म को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि लोग धर्म को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने देशों और राष्ट्रों की चर्चा की, यह कहते हुए कि जो अपने धर्म पर अडिग रहते हैं, उनके पास सच्चे राष्ट्र होते हैं। उनके इस बयान ने उपस्थित लोगों के बीच कई प्रश्न खड़े कर दिए, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

वीडियो वायरल के बाद मचा बवाल
नरसिंहानंद का बयान एक वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 3 अक्टूबर की रात, गाजियाबाद में सब इंस्पेक्टर त्रिवेंद्र सिंह ने नरसिंहानंद के खिलाफ थाना सिहानी गेट में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा-302 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। वहीं, महाराष्ट्र में ठाणे शहर के मुंब्रा पुलिस स्टेशन में भी नरसिंहानंद के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिसमें SDPI के मुंब्रा प्रेसिडेंट मोहम्मद दाऊद अहमद ने शिकायत की। महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में BNS की धाराएं 196, 197, 299 और 302 लगाई हैं, जो गंभीर आरोपों की श्रेणी में आती हैं।

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