राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली दीवाली से पहले गैस-चैंबर बनाती नजर आ रही है। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 310 तक पहुंच गया। प्रदूषण का स्तर राजधानी दिल्ली में खतरे के लाल निशान पर पहुंच गया है।
दीवाली से पहले गैस-चैंबर बना दिल्ली-एनसीआर : ग्रैप का दूसरा चरण लागू, गाजियाबाद में स्थिति सबसे खराब, जानिए अपने इलाके का हाल
Oct 22, 2024 12:45
Oct 22, 2024 12:45
दिल्ली के बाद गाजियाबाद सबसे प्रदूषित
यह पहली बार है जब इस मौसम में दिल्ली की हवा इतनी खराब हुई है कि लोग गंभीर वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। पूरे देश में कोई अन्य ऐसा केंद्र नहीं है जहां AQI 300 से अधिक हो। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 238 प्रदूषण जांच केंद्रों के अनुसार दिल्ली के अलावा गाजियाबाद का AQI 257, नोएडा में 252, गुरुग्राम में 210, ग्रेटर नोएडा में 183 और फरीदाबाद में 165 रहा।
इन इलाकों में खतरनाक स्तर पर पहुंची हवा
दिल्ली के कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। शादीपुर में AQI 500 तक पहुंच गया जोकि वायु प्रदूषण के सबसे गंभीर स्तर को दर्शाता है। इसके अलावा आरके पुरम (493), सोनिया विहार (457), मुंडका (439), आनंद विहार (431), अशोक विहार (420) और जहांगीरपुरी (400) जैसे इलाकों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई। इन क्षेत्रों में प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार को बैठक की और मंगलवार सुबह से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू किया गया। इसके तहत विभिन्न सख्तियों का पालन किया जाएगा। पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी सीएनजी/इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं का विस्तार और खुले में बायोमास जलाने पर रोक जैसे उपाय किए जाएंगे। साथ ही रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को सर्दियों के दौरान सुरक्षा कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ठंड से बचने के लिए वे बायोमास या लकड़ी न जलाएं। इसके अलावा जिन जनरेटरों में ड्यूल फ्यूल या सर्टिफाइड एजेंसी से रेट्रोफिटिंग की गई है। उन्हें उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। 62 किलोवाट से 800 किलोवाट तक के जनरेटरों पर रोक नहीं रहेगी।
गुरुवार तक रहेगी बेहद खराब श्रेणी की हवा
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद नहीं है। सोमवार को हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पूर्व की ओर रही और इसकी गति 6 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे रही। मंगलवार और बुधवार को हवा की दिशा में थोड़ा बदलाव आएगा लेकिन गुरुवार तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। जिससे लोगों को बाहर निकलने में सावधानी बरतने की जरूरत है।
पटाखे पर नहीं दिख रहा प्रतिबंधों का असर
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए पटाखों की खरीद-बिक्री, भंडारण, इस्तेमाल आदि पर रोक लगी हुई है। इसके बावजूद पटाखे-आतिशबाजी का प्रयोग लगातार प्रयोग हो रहा है।
स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की बेहद खराब हवा में लंबे समय तक रहने से श्वसन संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। जैसे-जैसे वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इससे हृदय और फेफड़ों की समस्याएं भी बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा हवा की गुणवत्ता के खराब होने का कारण मौसम की प्रतिकूल स्थितियां भी हैं। रात में हवाओं की गति धीमी होने से प्रदूषकों का फैलाव मुश्किल हो जाता है। इस दौरान पराली जलाने जैसी गतिविधियों से प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है।
ग्रैप का दूसरा चरण लागू
आईआईटीएम के अनुसार सोमवार को उत्तर भारत में पराली जलाने की 500 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं। जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 2.881 फीसदी रही। मंगलवार तक यह बढ़कर 6.86 फीसदी तक पहुंच सकती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण में खुले में कूड़ा जलाने से 0.989 फीसदी प्रदूषण दर्ज किया गया जबकि यातायात से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 9.953 फीसदी रही। बढ़ते प्रदूषण को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार को बैठक की। ऐसे में मंगलवार सुबह आठ बजे से ग्रैप का दूसरा चरण लागू हो जाएगा। ग्रैप के नियमों के तहत सर्दियों के मौसम में बायोमास और कूड़ा-कचरा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा निर्माण और विध्वंस स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि धूल-प्रदूषण को रोका जा सके।
तापमान में गिरावट और प्रदूषण का बढ़ता खतरा
दिल्ली में तापमान में गिरावट का असर भी प्रदूषण पर पड़ रहा है। सुबह और शाम को हल्की ठंड महसूस हो रही है जबकि दिन के समय तापमान बढ़ने से गर्मी हो रही है। सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था। वहीं न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आ सकती है। जिससे प्रदूषण की समस्या और बढ़ सकती है।
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प्रदूषण का असर
दिल्ली की हवा में लगातार बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक के 300 से ऊपर रहने पर श्वसन, हृदय और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि लोग घरों से बाहर निकलने में असहज महसूस कर रहे हैं और बाहर काम करने वाले लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं लेकिन इनके परिणाम अब तक संतोषजनक नहीं रहे हैं। पटाखों की बिक्री और जलाने पर पाबंदी लगाई गई है लेकिन इसका असर जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं सड़क निर्माण, वाहन उत्सर्जन, और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी सख्त कदम उठाए जाएं हैं।
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