मेनका गांधी पर संशय : सुल्तानपुर से प्रेम शुक्ला चुनाव लड़ेंगे, भाजपा की तीसरी सूची में नाम आना तय

सुल्तानपुर से प्रेम शुक्ला चुनाव लड़ेंगे, भाजपा की तीसरी सूची में नाम आना तय
UPT | मेनका गांधी और प्रेम शुक्ला 

Mar 20, 2024 17:06

भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने दावा किया है कि सुल्तानपुर से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई…

Mar 20, 2024 17:06

Noida/Sultanpur : भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की दो लिस्ट जारी होने के बावजूद मेनका और वरुण गांधी को लेकर संशय बना हुआ है। इस बीच पार्टी सूत्रों ने दावा किया है कि सुल्तानपुर से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। तय माना जा रहा है कि भाजपा की तीसरी सूची में उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी। 

कौन हैं प्रेम शुक्ला 
प्रेम शुक्ला 2015  में भाजपा में शामिल हुए थे। तब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा में शामिल करके इन्हे राष्ट़ीय प़वक्ता की जिम्मेदारी दी थी। इससे पहले वह शिवसेना में थे और उनके मुखपत्र में संपादक की जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके अलावा पार्टी प्रवक्ता और स्टार प्रचारक भी रहे। 

सुल्तानपुर से नाता
प्रतापपुर कमैचा ब्लॉक (चांदा) के बनभोकार गांव के मूल निवासी हैं प्रेम शुक्ला। यह इलाका सुल्तानपुर की लम्भुआ विधानसभा के तहत आता है। उनकी प्राइमरी शिक्षा यहीं से हुई और उसके बाद स्नातक तक मुंबई से पढ़ाई की। फिर पत्रकारिता में कदम रखा, तब शिवसेना के संपर्क में आने से राजनीति में रुझान बढ़ा। 

आसान नहीं सियासत की राह
हालांकि राजनीति की डगर प्रेम शुक्ला के लिए नई नहीं है लेकिन सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना इतना भी आसान नहीं होगा। मेनका गांधी का टिकट कटने की स्थिति में अंदरूनी गतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। दूसरा, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि मेनका इस सीट पर दावेदारी करती हैं या नहीं। अगर मेनका ने पर्चा दाखिल किया तो लड़ाई बेहद रोचक हो सकती है।

Also Read

नौ सीटों पर हुए उपचुनाव के आज आएंगे नतीजे, सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना

23 Nov 2024 02:00 AM

लखनऊ UP ‌By-Election : नौ सीटों पर हुए उपचुनाव के आज आएंगे नतीजे, सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना

कम वोटिंग प्रतिशत ने हालांकि सभी दलों की चिंता बढ़ा दी है लेकिन भाजपा की जीती तीनों सीटों पर सबसे कम वोटिंग के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। गाजियाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मात्र 33.30 मतदान होने के कारण प्रत्याशी और उनके समर्थकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। और पढ़ें