केंद्र सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है। सरकार ने एमएसपी पर जो प्रस्ताव दिया था, उसे किसानों ने अस्वीकार कर दिया है। अब किसान 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे।
सरकार से नहीं बनी बात : MSP पर किसानों ने केंद्र का प्रस्ताव ठुकराया, 21 फरवरी को दिल्ली कूच का एलान
Feb 20, 2024 15:16
Feb 20, 2024 15:16
- किसानों ने ठुकराया एमएसपी का प्रस्ताव
- 5 फसलों पर एमएसपी देने को तैयार थी सरकार
- 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे किसान
केंद्र के प्रस्ताव में क्या दिक्कत?
दरअसल केंद्र सरकार ने जिन 5 फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव किसानों को दिया है, उनमें से 4 पहले से ही बाजार में एमएसपी से अधिक कीमत पर बिक रहे हैं। किसान चाहते हैं कि उन्हें फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 'C2+50% फॉर्मूले' पर मिले। किसानों का तर्क है कि सरकार अगर सभी फसलों पर एमएसपी देती है, तो उस पर 1.75 लाख करोड़ का खर्च आएगा, जबकि सरकार 1.75 लाख करोड़ का पॉम ऑयल खरीदती है, जिससे कई लोग बीमार होते हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इस पैसे को एमएसपी के लिए खर्च करे।
दलहन पर सरकार क्यों दिखा रही इतनी दिलचस्पी?
केंद्र सरकार ने किसानों को जिन 5 फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया है, उनमें कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द शामिल है। दरअसल इसके पीछे सरकार की मंशा दालों के आयात पर आने वाले भारी खर्च को कम करना है। इसके अलावा धान की वजह से पंजाब का जलस्तर काफी खराब हो चुका है। दाल की फसल में चावल-गेहूं की अपेक्षा कम पानी की जरूरत होती है। ऐसे में सरकार का फोकस कृषि चक्रीकरण पर था, लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया।
दुनियाभर में सबसे ज्यादा दाल खाते हैं भारतीय
एक आंकड़े के मुताबिक, दुनियाभर में दाल की जितनी खपत होती है, उसका आधा केवल भारतीय ही खाते हैं। केंद्र सरकार ने केवल साल 2023 में ही 29 लाख टन मसूर, अरहर और उड़द का आयात किया है। ये आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा है।
21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे किसान
केंद्र सरकार के साथ कोई सहमति नहीं बन पाने के कारण किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच का एलान किया है। किसानों ने कहा कि 'या तो हमारी मांगें मानी जाएं या फिर हमें शांति से दिल्ली में बैठने की मंजूरी दी जाए।' इसके पहले रविवार को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई थी।
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