हरियाणा के चरखी-दादरी जिले में गोमांस खाने के संदेह में एक प्रवासी मजदूर की पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आया है। 27 अगस्त को पश्चिम बंगाल के निवासी साबिर मलिक की हत्या की गई थी।
बीफ खाने के शक में मजदूर की हत्या : गौ रक्षा दल के कार्यकर्ता ने पीट-पीटकर मार डाला, दो नाबालिग भी आरोपी
Aug 31, 2024 15:17
Aug 31, 2024 15:17
- बीफ खाने के शक में मजदूर की हत्या
- दो नाबालिग भी हत्या के आरोपी
- पश्चिम बंगाल का रहने वाला है मजदूर
गौ रक्षा दल से जुड़े हैं सारे आरोपी
पुलिस ने जानकारी दी है कि गोरक्षक दल के पांच आरोपी—अभिषेक, मोहित, रविंदर, कमलजीत, और साहिल—ने पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर साबिर मलिक को गोमांस खाने के संदेह में बुरी तरह पीटा। आरोपियों ने साबिर को खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया और वहां उसकी पिटाई की। कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों ने साबिर को दूसरी जगह ले जाकर दोबारा पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने दो किशोरों को भी गिरफ्तार किया है, जिनकी उम्र 15-17 वर्ष के बीच है।
पश्चिम बंगाल का रहने वाला है मजदूर
साबिर मलिक, जो पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के बासंती गांव का निवासी था, 15 वर्ष की उम्र में हरियाणा आया था। हाल ही में उसने अपने गांव लौटने के बाद कुछ समय बाढड़ा में काम किया। साबिर के परिवार में उसकी पत्नी, बेटी, ससुर और साला शामिल हैं, जो फिलहाल चरखी-दादरी में झोपड़ियों के पास रह रहे थे। उसकी हत्या के बाद परिवार के सदस्य शव को अपने पैतृक गांव ले गए हैं। पुलिस ने परिवार की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की है।
दो नाबालिग भी हत्या के आरोपी
पुलिस ने हत्या की घटना में शामिल गोरक्षक दल के सभी पांच सदस्यों और दो किशोरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, साबिर मलिक की हत्या के पीछे का कारण गोमांस खाने का संदेह था। आरोपी किशोरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और पुलिस ने मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है।
झुग्गियों में रहते हैं बंगाल और असम के लोग
सतनाली रोड पर स्थित झुग्गियों में पश्चिम बंगाल और असम के परिवारों का एक बड़ा समूह लंबे समय से निवास करता है, जिनमें से अधिकांश कचरा बीनने का काम करते हैं। मंगलवार को हत्या के बाद पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए झुग्गियों की सुरक्षा को सख्त करते हुए तीन वाहनों की तैनाती की है। कमांडो और जिला पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। दादरी और बाढ़ड़ा क्षेत्रों में असम और पश्चिम बंगाल के दर्जनों परिवार झुग्गियों में रह रहे हैं, जिनमें असम के परिवारों की संख्या अधिक है जबकि पश्चिम बंगाल के परिवार कम हैं। आंकड़ों के अनुसार, दादरी में करीब पचास परिवार इन झुग्गियों में निवास करते हैं। इनमें से अधिकांश लोग कचरा बीनने और कबाड़ एकत्र करने का काम करते हैं। गुप्तचर विभाग समय-समय पर इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच करता है।
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