हाथरस सत्संग हादसा : जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका दायर, संसद में उठा मामला

जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका दायर, संसद में उठा मामला
UPT | हाथरस सत्संग हादसा

Jul 03, 2024 14:41

हाथरस में हुई भगदड़ की घटना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से मामले की जांच कराने की मांग की गई है।

Jul 03, 2024 14:41

Hathras News : हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 25 से ज्यादा घायल हुए। यह हादसा उस समय हुआ जब फुलरई मुगलगढ़ी में साकार विश्व हरि उर्फ भोलेबाबा सत्संग समाप्त करने के बाद बाहर निकल रहे थे। इस मामले में पुलिस ने सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार समेत कई नामजत पर FIR दर्ज कर ली है। मामले का जायजा लेते हुए सीएम योगी घायलों ने मिलने हाथरस के जिला अस्पताल पहुंचे। मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। 

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सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
हाथरस में हुई भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में मामले की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है। साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार से घटना के संबंध में स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट में अब तक किए गए उपायों और भविष्य में की जाने वाली सावधानियों का विवरण देने को कहा गया है। यह कदम घटना की गहन जांच और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।



CBI जांच को लेकर हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
हाथरस में हुई भगदड़ की घटना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से मामले की जांच कराने की मांग की गई है। सिकंदराराऊ के फुलराई गांव में स्वयंभू बाबा नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हुई इस दुर्घटना में 120 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई और 25 से ज्यादा घायल हुए।

अधिकारियों पर लगे लापरवाही को आरोप
एडवोकेट गौरव द्विवेदी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में जिला अधिकारियों को उनकी लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की घटनाएं लोगों का सरकार पर से विश्वास कम कर सकती हैं। याचिकाकर्ता का तर्क है कि जिला प्रशासन के पास ऐसी स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक तंत्र मौजूद था और राज्य सरकार बेहतर प्रशासन के लिए नई तकनीकों में निवेश कर रही है, फिर भी यह दुर्घटना घटी। यह याचिका घटना की गंभीरता और जांच की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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जनहित याचिका में कहा गया
लाहाबाद हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नियमित रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हैं। इन प्रयासों के बावजूद, हाथरस प्रशासन और उसके जिम्मेदार अधिकारी, जो कानून-व्यवस्था बनाए रखने और जिले के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं, विफल रहे हैं। यह विश्वास करना कठिन है कि उनकी स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) स्थिति से अनभिज्ञ थी, यह दर्शाता है कि उन्होंने जिला हाथरस में कानून-व्यवस्था के मुद्दों को अनदेखा किया हो सकता है।"

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संसद में उठा मामला
राज्यसभा में हाथरस हादसे को लेकर हंगामा हुआ है, जहां मल्लिकार्जुन खरगे ने हाथरस का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि, ऐसे सत्संग के लिए कानून बनना चाहिए।किस तरह से आयोजन हो इसका जिक्र होना चाहिए। जहां आयोजन हो वहां अस्पताल होने चाहिए। हाथरस में जो हुआ वो बहुत दर्दनाक है। साथ ही, राज्यसभा में हाथरस दुर्घटना के दौरान हुए लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए रखा गया मौन।

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