हाथरस हादसे में ग्रेटर नोएडा की प्रेमवती की मौत : बेटी बोली- मैंने मां का हाथ पकड़ा था, लेकिन भगदड़ में वह छूट गया

बेटी बोली- मैंने मां का हाथ पकड़ा था, लेकिन भगदड़ में वह छूट गया
UPT | मां की मृत्यु से बेटी का दिल टूटा

Jul 03, 2024 14:53

हाथरस में हुई दुखद घटना ने ग्रेटर नोएडा के एक परिवार को झकझोर कर रख दिया। बाबा साकार हरि के सत्संग में उमड़ी भीड़ में हुई भगदड़ में 70 वर्षीय प्रेमवती की जान चली गई। उनकी बेटी कमलेश, जो उनके साथ सत्संग में गई थी, इस त्रासदी की प्रत्यक्षदर्शी बनी। कमलेश ने बताया कि कैसे उसने अपनी मां को भीड़ में गिरते और लोगों के पैरों तले कुचलते देखा।

Jul 03, 2024 14:53

Greatar Noida News : हाथरस में एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान हुई भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। इस दुखद घटना में ग्रेटर नोएडा की रहने वाली 70 वर्षीय प्रेमवती भी शामिल थीं, जो अपनी बेटी कमलेश के साथ सत्संग में भाग लेने गई थीं। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी बन गई, बल्कि इसने समूचे समुदाय को झकझोर कर रख दिया।

कमलेश, जो इस भयावह घटना की प्रत्यक्षदर्शी थी, ने अपनी आंखों के सामने अपनी मां को खोने का दर्द बयां किया। उसने बताया कि कैसे वह और उसकी मां बाबा साकार हरि के सत्संग में शामिल हुई थीं, जो उनके लिए एक सामान्य आध्यात्मिक अनुभव होना था। लेकिन यह अनुभव एक भयानक त्रासदी में बदल गया।

मां भीड़ में गिर गईं और लोगों के पैरों तले कुचल गईं
सत्संग के समापन पर, जब श्रद्धालु बाबा के आशीर्वाद पाने के लिए आगे बढ़ रहे थे, अचानक भीड़ में उथल-पुथल मच गई। कमलेश ने बताया कि उसने अपनी मां का हाथ पकड़ा हुआ था, लेकिन भगदड़ के दौरान वह हाथ छूट गया। उसने देखा कि कैसे उसकी मां भीड़ में गिर गईं और लोगों के पैरों तले कुचल गईं। यह दृश्य इतना भयावह था कि कमलेश बेहोश हो गई।

कमलेश ने होश आने पर भयानक दृश्य देखा
जब कमलेश को होश आया, तो उसने अपने चारों ओर एक भयानक दृश्य देखा - लाशों का ढेर। इन्हीं लाशों के बीच उसने अपनी मां प्रेमवती को भी पहचाना। यह क्षण कमलेश के लिए जीवन भर का सदमा बन गया। वह इस बात से बहुत दुखी है कि वह अपनी मां को बचा नहीं पाई।

दादरी की तुलसी विहार कॉलोनी में रहती थीं प्रेमवती 
प्रेमवती दादरी की तुलसी विहार कॉलोनी में रहती थीं। उनके पति बालवीर का 2012 में निधन हो चुका था। प्रेमवती अक्सर सत्संग में जाया करती थीं और कमलेश भी कई बार उनके साथ गई थी। लेकिन इस बार की यात्रा उनके लिए आखिरी साबित हुई।

मां का पार्थिव शरीर लेने के लिए रवाना
कमलेश के भाई अनिल और रमेश अपनी मां का पार्थिव शरीर लेने के लिए हाथरस गए हैं। घर में शोक की लहर है। परिवार के सदस्य, पड़ोसी और रिश्तेदार एकत्र हो रहे हैं, कमलेश को सांत्वना दे रहे हैं। लेकिन कमलेश के लिए यह दुःख असहनीय है। वह बार-बार उस भयानक दृश्य को याद करके सिहर जाती है और रो पड़ती है।

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