हिंडनबर्ग का फिर सेबी प्रमुख पर निशाना : कहा- माधबी बुच के जवाब से सब साबित हो गया, नए सवाल भी खड़े हुए

कहा- माधबी बुच के जवाब से सब साबित हो गया, नए सवाल भी खड़े हुए
UPT | हिंडनबर्ग

Aug 12, 2024 11:05

हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर फिर निशाना साधा है। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने कहा है कि माधबी बुच के जवाब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट की पुष्टि हुई है।

Aug 12, 2024 11:05

New Delhi : हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर फिर निशाना साधा है। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने कहा है कि माधबी बुच के जवाब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट की पुष्टि हुई है। फर्म का यह भी आरोप है कि सेबी ने अदाणी ग्रुप पर जनवरी 2023 में किए गए खुलासे पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना है कि यह जांच इसलिए नहीं हुई क्योंकि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। हिंडनबर्ग ने कहा कि बुच ने बरमूडा/मॉरीशस फंड में अपने निवेश की पुष्टि की है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की भी पुष्टि हुई है।

रिपोर्ट में यह खुलासे किए गए
हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उन्होंने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है। सेबी, उसकी प्रमुख बुच और उनके पति ने अदाणी की कंपनियों के प्रति नरमी बरतने के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। बुच ने दावों को निराधार बताया और कहा कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। सेबी ने कहा है कि चेयरपर्सन माधवी बुच ने समय-समय पर प्रासंगिक खुलासे किए हैं।

बुच के बयान पर क्या कहा
हिंडनबर्ग ने कहा कि बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। हिंडनबर्ग ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उन्होंने इसे हितों का एक बड़ा टकराव बताया है। अमेरिकी कंपनी ने कहा कि यह वही धन था जिसे विशेष रूप से उनकी मूल रिपोर्ट में हाइलाइट किया गया था।

सेबी प्रमुख पर कंपनियां बनाने का आरोप
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि बुच ने भारतीय इकाई और अपारदर्शी सिंगापुर इकाई सहित दो परामर्श कंपनियां स्थापित कीं। ये कंपनियां 2017 में सेबी के साथ उनकी नियुक्ति के बाद तुरंत निष्क्रिय हो गईं। उनका पदभार उनके पति ने 2019 में संभाला। हालांकि फर्म अभी भी उनके पति की नहीं बल्कि उनके खुद स्वामित्व में है। हिंडनबर्ग ने कहा कि यह इकाई फिलहाल सक्रिय है और परामर्श से कमाई कर रही है।

बुच दंपति ने ये जवाब दिया था
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद माधबी और उनके पति ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। बुच दंपती ने कहा था कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। दंपती ने कहा कि उनका जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है। बुच दंपती ने कहा कि अगर अथॉरिटी किसी डॉक्यूमेंट की मांग करती है तो वे उसे पूरा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिसके खिलाफ सेबी ने एक्शन लिया और कारण बताओ नोटिस भेजा, वो इसके जवाब में गलत आरोप लगा रहा है। 

सेबी ने भी बयान जारी किया 
सेबी ने कहा है कि चेयरपर्सन ने संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। सेबी ने बताया कि उसने अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है। जिन मामलों में जांच पूरी हुई, उनमें कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

इसलिए हो रहा विवाद
यह मामला 12 अगस्त 2024 को सामने आया है। हिंडनबर्ग रिसर्च और सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के बीच यह विवाद काफी समय से चल रहा है। हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप पर बड़े आरोप लगाए थे। तब से यह मामला लगातार चर्चा में है। सेबी और अदाणी ग्रुप दोनों ही इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं। हालांकि, हिंडनबर्ग लगातार नए सवाल उठा रहा है और अपने आरोपों पर कायम है।

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