HMPV एक RNA वायरस है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी, खांसी, गले में खराश, बुखार और घरघराहट जैसे होते हैं। इस वायरस का मुख्य प्रभाव छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर होता है...
भारत में फिर लौटा कोरोना जैसा वायरस : 8 महीने की बच्ची हुई संक्रमित, जानिए क्या है लक्षण और कैसे होगी पहचान
Jan 06, 2025 12:41
Jan 06, 2025 12:41
HMPV वायरस क्या है और कैसे फैलता है?
HMPV एक RNA वायरस है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सामान्य सर्दी, खांसी, गले में खराश, बुखार और घरघराहट जैसे होते हैं। इस वायरस का मुख्य प्रभाव छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से यह वायरस फैलता है और संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या किसी वस्तु को छूने से भी यह बीमारी फैल सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद लक्षण 3 से 5 दिनों के भीतर दिखने लगते हैं। हालांकि, यह वायरस आमतौर पर हल्का प्रभाव डालता है, लेकिन गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
भारत सरकार का बयान
भारत सरकार ने इस वायरस को लेकर स्थिति को गंभीर नहीं बताया है, लेकिन एहतियात के तौर पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि चीन में बढ़ते HMPV मामलों के बावजूद भारत में इस वायरस को लेकर किसी भी असामान्य स्थिति का कोई संकेत नहीं है। सरकार का कहना है कि देश में फ्लू जैसे सामान्य वायरस के मामले बढ़ने की संभावना है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। भारतीय स्वास्थ्य अधिकारी यह भी कहते हैं कि HMPV का प्रभाव कम्युनिटी में फैलने की तुलना में अधिकतर छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों पर ही पड़ता है। इसके बावजूद, देश में इस वायरस के मामलों पर निगरानी बनाए रखने के लिए ICMR और IDSP जैसे निगरानी तंत्र सक्रिय हैं।
HMPV और कोरोना वायरस
HMPV और कोरोना वायरस दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले वायरस हैं, लेकिन इन दोनों वायरस की फैमिली अलग-अलग है। हालांकि दोनों के लक्षण जैसे खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत एक जैसे होते हैं, लेकिन HMPV का फैलाव कोरोना वायरस के मुकाबले अधिक सीमित है और इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा या वैक्सीन अभी तक विकसित नहीं हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब तक इस वायरस के संबंध में कोई औपचारिक अपडेट जारी नहीं किया है, लेकिन कुछ देशों ने WHO से चीन के मामले में अधिक जानकारी की मांग की है। भारत सरकार ने भी स्थिति को संभालने के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की बात कही है और HMPV से निपटने के लिए अस्पतालों को तैयार रहने की सलाह दी है। यह वायरस पहले ही नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में पाया जा चुका है, लेकिन यह वायरस कोविड की तरह पूरी दुनिया में फैलने की संभावना नहीं रखते हुए एक सामान्य श्वसन वायरस के रूप में अधिक माना जा रहा है।
क्या HMPV कोरोना वायरस की तरह है?
HMPV (Paramyxoviridae फैमिली) और कोरोना वायरस (Coronaviridae फैमिली) अलग-अलग परिवारों से संबंधित हैं, लेकिन दोनों में कुछ समानताएँ हैं। दोनों वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। दोनों वायरस सांस के जरिए और दूषित सतह के संपर्क से फैलते हैं। बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दोनों में समान हैं। दोनों वायरस से बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। हाथ धोने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों से इन वायरस से बचाव संभव है।
क्या HMPV वायरस कोरोना की तरह पूरी दुनिया में फैल सकता है?
HMPV एक पुराना वायरस है, जिसे सबसे पहले नीदरलैंड में 2001 में पहचाना गया था। यह वायरस चीन, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में फैल चुका है। हालांकि, यह वायरस कोरोना की तरह तेज़ी से नहीं फैलता और इसका प्रभाव कम रहता है।
क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है?
HMPV वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा या वैक्सीन नहीं है। सामान्य तौर पर इसका प्रभाव हल्का होता है और इसे घर पर आराम से प्रबंधित किया जा सकता है। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और स्टेरॉयड्स का उपयोग किया जाता है।
भारत के स्वास्थ्य अधिकारियों ने HMPV के बारे में क्या कहा है?
भारत के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने कहा है कि भारत में HMPV को लेकर किसी गंभीर स्थिति का खतरा नहीं है। यह एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है और इसके लक्षण आमतौर पर जुकाम और फ्लू जैसे होते हैं। हालांकि, एक साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में इसके लक्षण थोड़े गंभीर हो सकते हैं, लेकिन यह कोई गंभीर बीमारी नहीं मानी जाती। अस्पतालों को पूरी तरह से इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया है।
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