लेडी सिंघम की छवि, लेकिन भ्रष्टाचार का आरोप : कौन हैं 2012 खनन घोटाले की आरोपी आईएएस बी. चंद्रकला?

कौन हैं 2012 खनन घोटाले की आरोपी आईएएस बी. चंद्रकला?
UPT | कौन हैं 2012 खनन घोटाले की आरोपी आईएएस बी. चंद्रकला?

Feb 29, 2024 19:07

आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला की छवि कड़क अफसर की जरूर रहीं, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान उनका नाम कई विवादों से भी जुड़ा। इसमें से 2012 का अवैध खनन घोटाला भी एक है।

Feb 29, 2024 19:07

Short Highlights
  • 2008 बैच की आईएएस हैं बी. चंद्रकला
  • अवैध खनन पट्टे जारी करने का है आरोप
  • तब हमीरपुर की डीएम थीं बी. चंद्रकला
New Delhi : उत्तर प्रदेश में हुए जिस तथाकथित खनन घोटाले की जांच के लिए सीबीआई ने अखिलेश यादव को समन भेजा है, उसमें 2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला का भी नाम शामिल है। बी. चंद्रकला वर्तमान में महिला कल्याण विभाग में सचिव के पद पर तैनात हैं। उन पर हमीरपुर की डीएम रहते खनन के अवैध पट्टे जारी करने का आरोप है। आइए आपको बी. चंद्रकला के बारे में विस्तार से बताते हैं।

शादी के बाद पास की यूपीएससी की परीक्षा
बी. चंद्रकला मूल रूप से तेलंगाना की रहने वाली हैं। उन्होंने हैदराबाद के कोटी वुमन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। ग्रेजुएशन के दौरान शादी हो जाने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और इसमें उन्हें उनके पति का बेहद सहयोग मिला। इसके बाद उन्होंने इकॉनमिक्स में मास्टर्स भी किया। 2008 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 409वीं रैंक हासिल कर कीर्तिमान हासिल किया था।

यूपी के कई जिलों की रह चुकी हैं डीएम
बी. चंद्रकला ने यूपी कैडर को चुना। शुरुआत में उनकी पोस्टिंग बतौर सीडीओ प्रयागराज में हुई। इसके बाद वह हमीरपुर की डीएम बनीं और फिर बुलंदशहर, बिजनौर और मेरठ जैसे जिलों में भी डीएम बनकर गईं। उन्हें 27 जनवरी को महिला कल्याण विभाग का सचिव बनाया गया। वह इसके पहले कृषि उत्पादक आयुक्त शाखा व सहकारी समितियों में सचिव के पद पर कार्यरत थीं।

चर्चा में रही हैं बी चंद्रकला
बी. चंद्रकला की छवि एक कड़क अंदाज वाले अधिकारी की रही है। उन्होंने 2016 में बुलंदशहर के डीएम रहने के दौरान एक 18 वर्ष के लड़के को सिर्फ इसलिए जेल भिजवा दिया था, क्योंकि उसने बिना अनुमति उनके साथ तस्वीर क्लिक कर ली थी। एक पत्रकार के साथ फोन कॉल पर अभद्रता का उनका कथित ऑडियो भी वायरल हुआ था। उनकी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह अधिकारियों को लताड़ लगाते दिखती हैं।

सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोवर्स
बी. चंद्रकला के सोशल मीडिया पर लाखों में फॉलोवर्स हैं। एक समय था, जब उनके फॉलोवर्स की संख्या अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ से भी ज्यादा हुआ करती थी। वह सोशल मीडिया पर एक्टिव आईएएस अधिकारियों में से एक थी। लेकिन लंबे समय से उन्होंने इससे दूरी बना ली है। सोशल मीडिया पर उनके हजारों फैनपेज हैं।

विदेश से चार्ज लेने वाली पहली डीएम
बी. चंद्रकला एक और काम के लिए प्रसिद्ध हैं। कहते हैं कि विदेश से चार्ज लेने वाली वह पहली डीएम हैं। दरअसल सपा सरकार के दौरान 15 अक्टूबर 2015 को बी. चंद्रकला का ट्रांसफर मथुरा के डीएम से बुलंदशहर के डीएम के तौर पर हुआ था। उस समय वह दुबई में छुट्टियां मना रहीं थीं। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने ये निर्देश दिया था कि सभी अधिकारी आदेश जारी होने की रात ही अपना चार्ज संभाल लें। उस वक्त दुबई में रहते हुए चंद्रकला ने फैक्स और ईमेल के जरिए चार्ज लिया था।

चुनाव में पक्षपात का भी लगा था आरोप
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान आईएएस बी. चंद्रकला मेरठ में डीएम के तौर पर पदस्थ थीं। उस वक्त भाजपा ने उन पर सत्ताधारी पार्टी की मदद करने का भी आरोप लगाया था। भाजपा का कहना था कि वह समाजवादी पार्टी की करीबी होने के कारण चुनाव में पक्षपात कर रही हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद बी. चंद्रकला साइडलाइन हो गई थीं।

जमीन कब्जाने का भी लगा आरोप
बी. चंद्रकला के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक आरोप भी लगा था। तब वह प्रयागराज में एसडीएम पद पर तैनात थीं। उस वक्त फूलपुर तहसील के सांवडीह गांव की एक महिला ने आरोप लगाया था कि बी. चंद्रकला ने गांव की ही एक अन्य महिला के साथ साठ-गांठ कर उसके घर के सामने की जमीन कब्जा ली थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसने सभी दस्तावेज भी एसडीएम को दिखाए थे, लेकिन फिर भी एसडीएम बी. चंद्रकला ने दूसरी महिला के पक्ष में फैसला कर दिया। सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में एसडीएम समेत अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया था।

अवैध खनन पट्टे जारी करने का आरोप
बी. चंद्रकला पर आरोप है कि उन्होंने 2012 में हमीरपुर में डीएम रहते हुए 60 मौरंग के खनन के पट्टे दिए थे, जिसमें नियमों की अनदेखी की गई थी। 2015 में इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद अदालत ने इन पट्टों को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था। आरोप है कि रोक के बावजूद अवैध खनन जारी रहा, जिसे बी. चंद्रकला का शह मिला। इसके बाद 2016 में हाइकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। तब सीबीआई ने बी. चंद्रकला, खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा एमएलसी रमेश मिश्रा व उनके भाई, खनन क्लर्क राम अवतार सिंह और राम आश्रय प्रजापति समेत कई लोगों को आरोपी बनाया था। तब खनन मंत्रालय का प्रभार तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था। सीबीआई ने चंद्रकला के आवास समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में चंद्रकला के एक लॉकर और दो बैंक खाते सीज कर दिए गए थे।

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