चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में एक समय एक युवा धावक बनने का सपना देखता था। हर शाम वह यूनिवर्सिटी के ग्राउंड में दौड़ने का अभ्यास करता था, लेकिन किस्मत ने उसके सपनों को एक अलग मोड़...
दुनिया के कई देशों में इंडियन माफिया का बोलबाला : जानें किस देश में कौन है अंडरवर्ल्ड लॉरेंस का एजेंट, ये खबर हैरान कर देगी...
Oct 21, 2024 16:30
Oct 21, 2024 16:30
स्पोर्ट्स से राजनीति की ओर बढ़ते कदम
लॉरेंस बिश्नोई की कहानी उस समय शुरू हुई जब वह इंटर की पढ़ाई कर रहा था। उसका सपना धावक बनने का था और इसी जुनून के चलते उसे लेखप्रीत और रोमी नाम के दो दोस्त मिले। ये दोस्त उसे वीकेंड पर यूनिवर्सिटी के कार्यक्रमों में ले जाते। जिससे उनकी दोस्ती गहरी होती गई। जब वह कानून की पढ़ाई के लिए 2007 में कॉलेज पहुंचा तो उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एसओपीयू (स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी) नामक एक समूह बनाया। यहीं से उसकी स्टूडेंट पॉलिटिक्स में एंट्री हुई।
पहली गोली और आपराधिक सफर की शुरुआत
लॉरेंस का अपराध की दुनिया में पहला कदम तब पड़ा जब उसका एक विरोधी गुट के साथ विवाद हुआ। इस विवाद में लॉरेंस ने गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ पहला केस दर्ज किया। यह घटना उसके आपराधिक सफर की शुरुआत थी। समय के साथ उसका नाम पुलिस रिकॉर्ड में जुड़ता चला गया और धीरे-धीरे उसने खुद को एक खतरनाक गैंगस्टर के रूप में स्थापित कर लिया।
जेल से गैंग का संचालन चला रहा लॉरेंस
आज लॉरेंस बिश्नोई का नाम बड़े अपराधों से जुड़ा हुआ है। चाहे वह पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो, करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामड़ी का मर्डर या बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने का मामला सभी में लॉरेंस का हाथ बताया जाता है। जेल में रहते हुए भी लॉरेंस बिश्नोई ने अपनी गैंग को मजबूत बनाया। उसकी गैंग का विस्तार भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक हो चुका है। साबरमती जेल से लेकर अन्य कई जेलों में बंद रहते हुए लॉरेंस ने अन्य कुख्यात अपराधियों और गैंगस्टर्स को अपने साथ मिलाया। आज उसकी गैंग में 700 से ज्यादा शूटर और 80 से अधिक गैंगस्टर शामिल हैं।
विदेशी नेटवर्क और सहयोगी
लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क अमेरिका, कनाडा, इग्लैंड और थाईलैंड जैसे देशों में भी फैला हुआ है। उसके कुछ खास सहयोगी कनाडा में गोल्डी बराड़, लेखप्रीत और सत्यवीर सन, अमेरिका में घरमान कहलोन और गुरप्यार बागापुराना और इंग्लैंड में राजा उर्फ मोंटी हैं। उसका छोटा भाई अनमोल बिश्नोई भी अमेरिका में छिपा हुआ है और सिद्धू मूसेवाला हत्या कांड में आरोपी है।
कई राज्यों में फैला नेटवर्क
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की रिपोर्ट के अनुसार, एक समय पर लॉरेंस बिश्नोई का गैंग केवल पंजाब तक सीमित था। लेकिन अब उसका नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में भी उसकी गैंग सक्रिय है। हाल ही में मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ बताया जा रहा है।
दूसरे गैंग्स का भी मिल रहा समर्थन
लॉरेंस बिश्नोई को देश के कई अन्य बड़े गैंग्स का भी समर्थन प्राप्त है। इनमें दिल्ली का हाशिम बाबा गैंग, हरियाणा का काला जठेड़ी और गोगी गैंग शामिल हैं। इसके अलावा राजस्थान का आनंदपाल गैंग, यूपी के बृजेश सिंह और धनंजय सिंह भी लॉरेंस के साथ जुड़े हुए हैं। पाकिस्तान के खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा का भी लॉरेंस बिश्नोई के साथ लिंक सामने आया है।
मुख्य गुर्गे और गैंग का संचालन
लॉरेंस बिश्नोई के कुछ खास गुर्गे गैंग को ऑपरेट करते हैं। जिनमें रोहित गोदरा, गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी, अनमोल बिश्नोई, सचिन थापन और कपिल सांगवान जैसे नाम शामिल हैं। गोल्डी बराड़ पर केवल पंजाब और हरियाणा में ही 54 से अधिक केस दर्ज हैं। अनमोल और सचिन सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी हैं।
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