पेरिस ओलंपिक में देश को बड़ी उम्मीदें : क्या पदकों का नया रिकॉर्ड बनाएगा भारतीय दल, यूपी के इन एथलीट पर भी टिकी निगाहें

क्या पदकों का नया रिकॉर्ड बनाएगा भारतीय दल, यूपी के इन एथलीट पर भी टिकी निगाहें
UPT | Paris olympics 2024

Jul 27, 2024 13:04

खेलों के महाकुंभ पेरिस ओलंपिक 2024 का भव्य उद्घाटन कल 26 जुलाई को हुआ। इस वर्ष का ओलंपिक महोत्सव फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हो रहा है। जो विश्वभर के खेल प्रेमियों...

Jul 27, 2024 13:04

New Delhi : खेलों के महाकुंभ पेरिस ओलंपिक 2024 का भव्य उद्घाटन कल 26 जुलाई को हुआ। इस वर्ष का ओलंपिक महोत्सव फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हो रहा है। जो विश्वभर के खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए एक विशेष अवसर है। उद्घाटन समारोह ने एक भव्य और रंगीन शो के साथ खेलों की इस महाकुंभ की शुरुआत की। जिसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने अपने-अपने देश का ध्वज लेकर मार्च पास्ट किया।

117 खिलाड़ियों का दल ओलंपिक में लेगा हिस्सा
भारत से इस बार ओलंपिक में 117 खिलाड़ियों का एक मजबूत दल भाग ले रहा है। ये खिलाड़ी विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और देश का मान बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भारत ने पिछले टोक्यो ओलंपिक 2021 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सात पदक जीते थे। जिसमें से दो स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य शामिल थे। इस बार भारतीय खिलाड़ियों का लक्ष्य अपने पिछले प्रदर्शन को मात देना है और पदकों की संख्या को दोहरे अंकों में पहुंचाना है। इसके लिए भारतीय खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत और तैयारी की है।

भारत की शूटिंग टीम से मेडल की उम्मीदें
पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक खेलों में भारत की शूटिंग टीम से बड़े प्रदर्शन की उम्मीदें हैं। इस बार भारत के 21 निशानेबाज पेरिस ओलंपिक में मेडल की दावेदारी पेश करेंगे। भारतीय शूटिंग टीम का हिस्सा मेंस और वुमेंस दोनों कैटेगरी में कुल 12 इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसमें मेंस कैटेगरी के 6 इवेंट्स और वुमेंस कैटेगरी के 6 इवेंट्स शामिल हैं।

मेंस कैटेगरी : इस कैटेगरी में भारत के 10 निशानेबाज मेडल के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। इन निशानेबाजों की तैयारी और उनके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे पेरिस में भारत के लिए मेडल लाने में सफल होंगे।
वुमेंस कैटेगरी : वुमेंस कैटेगरी में कुल 11 भारतीय निशानेबाज शामिल होंगे। इस कैटेगरी में भी भारत की शूटिंग टीम की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी, और टीम से उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद है।
 
बॉक्सिंग और कुश्ती से देश को उम्मीद
भारत को इस बार बॉक्सिंग और कुश्ती में दो प्रमुख खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीद है, जो राष्ट्रीय खेलों की दुनिया में अपनी शानदार क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। भारत के पास बॉक्स‍िंग में दो मेडल आने की उम्मीद है। इनमें एक उम्मीद लवलीना बोरगोहेन तो दूसरी निकहत जरीन से है। निकहत 50 किग्रा कैटगरी में भारत को गोल्ड ज‍िता सकती हैं, क्योंकि वह वर्तमान में इस कैटगरी में वर्ल्ड चैम्प‍ियन भी हैं। इसके साथ ही बता दे कि कुश्ती में भारत के लिए मेडल लाने की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। वह एश‍ियन गेम्स और वर्ल्ड चैम्प‍ियश‍िप के 53 किग्रा कैटगरी में ब्रॉन्ज मेडल‍िस्ट थीं। ऐसे में ओलंपिक में उनसे कम से कम ब्रॉन्ज मेडल की तो उम्मीद है। वहीं व‍िनेश फोगाट का पिछला साल काफी कठ‍िन रहा है, ऐसे में वह मेडल जीतकर अपने आलोचकों को भी शांत करना चाहेंगी।
 
भारतीय तीरंदाजों से ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद
भारत ने आर्चरी में अपनी शानदार फॉर्म को बनाए रखते हुए मेंस और वुमेंस दोनों कैटेगरी में अपने तीरंदाजों को क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाया है। यह सफलता रैंकिंग के आधार पर टीम इवेंट में क्वालिफिकेशन के साथ हासिल हुई है, जिससे भारतीय टीम अब मेंस और वुमेंस दोनों कैटेगरी के व्यक्तिगत इवेंट, टीम इवेंट और मिक्स्ड टीम रिकर्व इवेंट में प्रतिस्पर्धा करेगी। भारत के आर्चरी क्षेत्र में इस समय विशेष उम्मीदें हैं, क्योंकि देश के तीरंदाजों ने पहले ही कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में अपनी क्षमता साबित की है। तीरंदाजी के क्षेत्र में भारत की ताकत को देखते हुए, आगामी मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ियों की उत्कृष्टता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही भारत की डबल्स जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी पर भी गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने की मजबूत उम्मीदें जताई जा रही हैं। इन दोनों खिलाड़ियों की जोड़ी ने पहले कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा किया है। उनकी पूर्ववर्ती सफलता और सख्त प्रशिक्षण के चलते, यह जोड़ी टोक्यो ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल या कम से कम सिल्वर मेडल जीतने की दावेदार मानी जा रही है।
 
एथलेटिक्स टीम से गोल्ड मेडल की उम्मीदें
एथलेटिक्स के जेवलिन थ्रो, लॉन्ग जंप, रिले और स्टीपलचेज जैसे अलग-अलग 18 इवेंट में भारत के 29 एथलीट्स हिस्सा लेंगे। इनमें 18 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल हैं। कुल 18 गोल्ड मेडल दांव पर हैं। भारत को जेवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड की पूरी उम्मीद है। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को ऐतिहासिक गोल्ड मेडल दिलाया था। वो इस बार भी गोल्ड के दावेदार हैं। टोक्यो ओलंपिक के बाद से नीरज का खेल निखरा ही है। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप, डाय़मंड लीग, एशियन गेम्स में भी गोल्ड जीता। भारत के किशोर जेना भी इस बार जेवलिन थ्रो में मेडल जीत सकते हैं।
 
इन एथलीट और खेलों में यूपी की उम्मीदें
इस बार ओलंपिक में यूपी से 9 एथलीट हिस्सा लेने जा रहे हैं। यूपी के मेरठ में जन्मीं अन्नू रानी भाला फेंक में भारत की टॉप एथलीट हैं। इस खेल में वह अपना जलवा बिखेरेंगी। 10 साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू करने वाले गाजीपुर के राजकुमार पाल से यूपी को उम्मीदें हैं। झांसी के शुभंकर शर्मा भारतीय पेशेवर गोल्फर हैं। एशिया के नंबर 1 खिलाड़ी रह चुके अब पेरिस में अपना जादू दिखाएंगे। वहीं मेरठ में जन्मीं पारुल चौधरी 5000 मीटर की दौड़ में भारत की टॉप एथलीट ओलंपिक खेलेंगी। सोनभद्र के रामबाबू से पैदल चाल में पदक लाने की उम्मीदें हैं। वहीं वाराणसी के ललित उपाध्याय पेरिस में हॉकी खेलते नजर आएंगे। मेरठ की  रिदम सांगवान शूटिंग में अपना जलवा बिखेरती नजर आएंगी। यूपी के विकास सिंह पैदल चाल और मुजफ्फरनगर में जन्मी प्रियंका गोस्वामी रेस वॉक में नजर आएंगी।

मेरठ की अन्नू रानी दिखाएंगी दम
28 अगस्त 1992 को मेरठ में जन्मीं अन्नू, भाला फेंक में भारत की टॉप एथलीट हैं। उन्होंने कई बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा है और वर्तमान रिकॉर्ड 62.34 मीटर भी उन्हीं के नाम है। अन्नू ने इतिहास रचते हुए 60 मीटर से अधिक दूरी तक भाला फेंकने वाली पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया। उनकी प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें विश्व चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचाया है। पेरिस ओलंपिक में उत्तर प्रदेश के सात एथलीटों में शामिल अन्नू, अपने प्रदर्शन से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करने की उम्मीद जगा रही हैं।

नाम रोशन करेगी मेरठ की पारुल
15 अप्रैल 1995 को मेरठ में जन्मीं पारुल, 5000 मीटर की दौड़ में भारत की टॉप एथलीट हैं। उन्होंने कई बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा है। पेरिस ओलंपिक में उत्तर प्रदेश के सात एथलीटों में शामिल पारुल चौधरी, अपने प्रदर्शन से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करने की उम्मीद जगा रही हैं। 

निशानेबाजी में रिदम सांगवान
उत्तर प्रदेश के मेरठ की रिदम सांगवान पेरिस 2024 ओलंपिक में अपना डेब्यू करने जा रही हैं। जिले के कलिना गांव की रहने वाली रिदम सांगवान भारतीय शूटिंग के उभरते हुए सितारों में से एक हैं। अपने करियर की तेज़ी से बढ़ती यात्रा में, उन्होंने अब तक चार विश्व चैंपियनशिप खिताब और चार ISSF विश्व कप स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं।

मुजफ्फरनगर की प्रियंका से आस
उत्तर प्रदेश की बेटी प्रियंका गोस्वामी पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही है। यूपी के मुजफ्फरनगर में जन्मी प्रियंका गोस्वामी के पिता किसान हैं। बचपन से खेलों में रुची और कड़ी मेहनत के कारण सफलता आज उनके कदम चूम रही है। प्रियंका ने 2012 में जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 5000 मीटर रेस वॉक में कांस्य पदक जीतकर अपना पहला राष्ट्रीय पदक हासिल किया।

युवा गोल्फर शुभंकर करेंगे कमाल
उत्तर प्रदेश के शुभंकर शर्मा ने ओलंपिक में पहुंचकर प्रदेश का नहीं बल्कि देश का भी नाम करने जा रहे हैं। 28 साल के शुभंकर शर्मा एक भारतीय पेशेवर गोल्फऱ हैं। दिसंबर 2017 में, उन्होंने जोबर्ग ओपन में अपनी पहली टूर जीत दर्ज की। 16 साल की उम्र में वह प्रोफेशनल बन गए। शुभंकर एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, 2018 में एशिया में नंबर 1 खिलाड़ी थे। अब वह पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं।

एथलीट विकास सिंह पेश करेंगे चुनौती
उत्तर प्रदेश के विकास सिंह पेरिस में होने वाले ओलंपिक में भारत की तरफ से खेलेंगें। 20 किमी पैदल चाल एथलीट विकास सिंह से प्रदेश के अलावा पूरे भारत को उम्मीदें हैं। गरीब परिवार में जन्मे विकास सिंह काम की तलाश में यूपी में शिफ्ट हो गए। अपनी पॉकेट मनी कमाने के लिए विकास ने अपने चाचा की दुकान पर काम करना पड़ता था। उस समय उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह खेलों में इतना अच्छा प्रदर्शन करेंगे। एक दोस्त का सलाह ने उनकी पूरी जिदंगी बदल दी।

पैदल चाल में रामबाबू
सोनभद्र के राम बाबू ने स्लोवाकिया में डुडिंस्का 50 मीट में 1:20:00 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर पेरिस ओलंपिक के लिए पुरुष 20 किमी रेस क्वालीफिकेशन मानक हासिल किया। वह पेरिस ओलंपिक 2024 में हिस्सा लेंगे। रामबाबू ने एशियन गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 35 किमी पैदल चाल में भारत को कांस्य पदक दिलाया। 

हॉकी टीम में वाराणसी के ललित
1 दिसंबर 1993 को वाराणसी में जन्मे ललित उपाध्याय वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस में डीएसपी हैं। एक वक्त ऐसा भी था कि ललित के पास हॉकी खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे। उनके पिता एक साधारण सी प्राइवेट नौकरी करते थे। लेकिन आज वाराणसी के इस लाल ने अपनी काबिलियत के दम पर वह मुकाम हासिल कर दिखाया, जिससे दूसरे भी प्रेरणा ले रहे हैं।

गाजीपुर के राजकुमार भी हॉकी टीम में
गाजीपुर के राजकुमार पाल का चयन पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के लिए हुआ है। उन्होंने 10 साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। राजकुमार का बचपन काफी संघर्षों में बीता है। 12 साल की उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया था। राजकुमार की मां ने किसी तरह अपने बच्चों का पेट पाला। अब जब वह पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए खेलेंगे, तो निश्चित ही पूरे देश को उन पर गर्व होगा।

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