'बंटोगे तो कटोगे' पर बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य : पाकिस्तान को दी चेतावनी- कहा 'आंख निकाल ली जाएगी'

पाकिस्तान को दी चेतावनी- कहा 'आंख निकाल ली जाएगी'
UPT | जगद्गुरु रामभद्राचार्य

Nov 12, 2024 15:31

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बंटोगे तो कटोगे" वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तुलसी पीठ के संस्थापक जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि देश की एकता में ही उसकी ताकत है।

Nov 12, 2024 15:31

National News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बंटोगे तो कटोगे" वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तुलसी पीठ के संस्थापक जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि देश की एकता में ही उसकी ताकत है। उन्होंने जयपुर में बयान दिया कि यदि हम एकजुट रहेंगे, तो हमारा कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि "एक अंगुली अकेली होती है तो टूट सकती है, लेकिन जब वे एकजुट होकर मुक्का बन जाती हैं, तो तोड़ने वाले के दांत टूट जाते हैं।" रामभद्राचार्य का यह बयान महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में चर्चा में रहे "बंटोगे तो कटोगे" नारे का समर्थन माना जा रहा है।

कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है,जल्द ही पाक-अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा बनेगा 
पिछले कुछ दिनों में रामभद्राचार्य ने पीओके, पाकिस्तान और कश्मीर पर अपने विचार रखे हैं, जिनमें उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत की ओर आंख उठाकर देखने वालों की आंख निकाल दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और कोई उसे भारत से अलग नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि जल्द ही पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा बनेगा और विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जाएगा।

कश्मीर में धारा-370 के हटने का स्वागत किया 
रामभद्राचार्य ने कश्मीर में धारा-370 के हटने का स्वागत किया और इसे भारत की अखंडता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने भगवान राम के कार्यों की तुलना करते हुए कहा कि भगवान राम ने देश को एक किया था, और भारत को एकजुट रखने के प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि "भारत माता को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जब तक मेरा त्रिदंड (धार्मिक चिन्ह) है, तब तक भारत को नुकसान पहुंचाने की सोच रखने वालों की आंख निकाल ली जाएगी।"

कश्मीर को भारत का मुकुट माना, बताया कि यह ऋषि कश्यप की जन्मस्थली है
रामभद्राचार्य ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भी अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत का दुर्भाग्य रहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने कश्मीर को विभाजित करने का कार्य किया। रामभद्राचार्य ने कश्मीर को भारत का मुकुट माना और बताया कि यह ऋषि कश्यप की जन्मस्थली है, जहां भगवान शिव अमरनाथ रूप में और माता वैष्णो देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने कहा कि यह भूमि भारत का गौरव है, जिसे विभाजन और धारा-370 जैसे कदमों से कमजोर करने का प्रयास किया गया।

इस प्रकार रामभद्राचार्य ने एकजुटता और अखंडता के महत्व को दोहराया और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि उसने भारत की संप्रभुता पर हमला करने का प्रयास किया तो उसे मुंह तोड़ जवाब मिलेगा। उनका संदेश भारतीय एकता, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रभक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करता है। 

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