राज्यसभा चुनाव 2024 : तीन बार सांसद रहे चौधरी तेजवीर सिंह चौथी बार पहुंचे संसद

तीन बार सांसद रहे चौधरी तेजवीर सिंह चौथी बार पहुंचे संसद
UPT | Rajya Sabha Election

Feb 27, 2024 15:21

कसभा चुनाव से पहले हर एक राजनीतिक पार्टी अपने वोटरों को साधने में जुटी है। यही नहीं सभी की नजरें यूपी की अस्सी सीटों पर है, क्योंकि सभी जानते हैं कि संसद जाने का रास्ता यूपी की जीत के बाद ही तय होता है। ऐसे में श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा की सीट महत्वपूर्ण मानी जाती है। जहां जाट वोटरों को साधने के लिए बीजेपी ने बड़ा निशाना लगाया। जो चौधरी तेजवीर सिंह की जीत के साथ ही सटीक लगता नजर आ रहा है।

Feb 27, 2024 15:21

New Delhi : लोकसभा चुनाव से पहले हर एक राजनीतिक पार्टी अपने वोटरों को साधने में जुटी है। यही नहीं सभी की नजरें यूपी की अस्सी सीटों पर है, क्योंकि सभी जानते हैं कि संसद जाने का रास्ता यूपी की जीत के बाद ही तय होता है। ऐसे में श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा की सीट महत्वपूर्ण मानी जाती है। जहां जाट वोटरों को साधने के लिए बीजेपी ने बड़ा निशाना लगाया। तीन बार के सांसद तेजवीर सिंह, जो लोकसभा टिकट के दावेदार भी थे, उनको भाजपा ने एक बार फिर मौका दिया। जिन्हें भाजपा ने राज्यसभा सदस्य पद के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिसके बाद पूर्व सांसद के खेमे में खुशी की लहर दिखाई दे रही थी। जो उनकी जीत के साथ ही दुगुनी हो गई।

भाजपा का सटीक निशाना
मथुरा में जाट वोटों को साधने के लिए भाजपा ने सटीक निशाना लगाते हुए एक तगड़ा दांव खेला। तीन बार के सांसद रहे चौधरी तेजवीर सिंह को राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया। पश्चिम यूपी में जाटों के बीच तेजवीर सिंह कि मज़बूत पकड़ है। जिसको देखते हुए उन्हें राज्यसभा सांसद के लिए प्रत्याशी बनाया गया। जबकि वह लोकसभा के लिए भी टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी को लोकसभा सीट तो चाहिए ही, साथ ही वोटर्स का साथ भी चाहिए था। जाट बेल्ट को लुभाने के लिए भाजपा ने लोकसभा का टिकट ना देकर चौधरी तेजवीर सिंह को राज्यसभा सांसद का उम्मीदवार बना दिया। ऐसे में माना जा रहा है कि तेजवीर सिंह के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद जाट वोट उनके साथ होंगे, वहीं अब दूसरा कोई भी कैंडीडेट्स बीजेपी खड़ा करती है तो वह वोटर्स भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

चौधरी तेजवीर सिंह का राजनीतिक सफर
चौधरी तेजवीर सिंह के राजनीतिक सफर की बात करें तो वर्ष 1996, 1998, 1999 में लगातार तीन बार सांसद रहे। जिसके चलते चौधरी तेजवीर सिंह की जिले की राजनीति में खासी मज़बूत पकड़ है। वह यूपी के कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष पद पर भी रहे हैं। जिसके चलते भाजपा पार्टी ने उनकी सक्रियता को देखते हुए वर्ष 2012 और 2017 में जिलाध्यक्ष भी बनाया था। बता दें कि तेजवीर सिंह ने स्नातक शिक्षा ग्रहण की है। दरअसल जिले में भाजपा जाट वोटों को जोड़ने के लिए काफ़ी समय से प्रयास कर रही थी। ऐसे में तेजवीर सिंह को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाने से जाट खेमे में भाजपा की पकड़ और भी मज़बूत होगी। बता दें कि जिले में तेजवीर दूसरे राज्यसभा सदस्य होंगे। 

एक नजर में चौधरी तेजवीर सिंह का राजनीतिक सफर

- मई 1996           : 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए
- मार्च 1998          : 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए
- अक्टूबर 1999    : 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए
- अगस्त 2018       : उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुने गए


लोकसभा में दावेदारी का बदला समीकरण
मथुरा जिले से चौधरी तेजवीर सिंह को राज्यसभा भेजने के साथ ही भाजपा में जाट समाज की एक तरह से लोकसभा में दावेदारी कमजोर हो गई है। वर्तमान सांसद हेमा मालिनी भी जाट समाज से हैं। चौधरी लक्ष्मी नारायण को कैबिनेट मंत्री बनाया गया, इसके अलावा मांट से राजेश चौधरी विधायक हैं। इनके साथ ही किशन चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष बनाए गए हैं। वहीं तेजवीर सिंह को राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसे में लोकसभा टिकट के लिए दावेदारी का समीकरण लगभग बदल गया है। अब माना जा रहा है की भाजपा किसी अन्य सदस्य को बाहर से लाकर प्रत्याशी बनाएगी या फिर किसी अन्य समाज से लोकसभा प्रत्याशी होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि ब्राह्मण और ठाकुर समाज की दावेदारी अब मजबूत हो गई है। ऐसे में भाजपा किसी मजबूत चेहरे की तलाश में है, जो लोकसभा  चुनाव में वोटर्स को साधेगा।

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