रविवार को बिहार की राजधानी पटना से एक दुखद समाचार सामने आया। अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया है...
पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल का निधन : अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के थे सदस्य, सीएम योगी ने जताया शोक
Dec 29, 2024 15:05
Dec 29, 2024 15:05
सीएम योगी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा किया। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य, महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन अत्यंत दुःखद और सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिन्तकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य, महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन अत्यंत दुःखद और सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 29, 2024
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों…
74 वर्ष की आयु में दुनिया को कहा अलविदा
किशोर कुणाल की आयु 74 वर्ष थी। अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान लाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अनेक लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं और उनकी आखें नम थीं। आचार्य किशोर कुणाल बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के समधी भी थे।
बिहार से था गहरा नाता
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव से प्राप्त की थी और पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने। किशोर कुणाल की पहली तैनाती आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई थी और बाद में 1978 में वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने। 2000 में सेवा से रिटायर होने के बाद, किशोर कुणाल ने दरभंगा स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया। इसके बाद, वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासन से जुड़े और इसके अध्यक्ष बने। वे महावीर मंदिर न्यास के सचिव के रूप में कार्यरत थे, जो कि कई स्कूलों और अस्पतालों का संचालन करता है। महावीर ट्रस्ट ने महावीर कैंसर संस्थान और महावीर आरोग्य संस्थान की स्थापना की थी।
समाजसेवा में अहम भूमिका
किशोर कुणाल का समाजसेवा में भी अहम योगदान रहा। उन्होंने महावीर नेत्रालय की स्थापना की, जहां आंखों से जुड़ी समस्याओं का इलाज किया जाता है। इसके अलावा, वे पटना में स्थित ज्ञान निकेतन स्कूल के संस्थापक भी थे। महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार भी उनके नेतृत्व में हुआ था। उन्हें जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार के लिए किए गए कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। किशोर कुणाल ने अयोध्या विवाद के दौरान विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में भी कार्य किया था। उन्हें प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने अयोध्या विवाद पर विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता करने के लिए नियुक्त किया था। अपने पुलिस करियर के दौरान, उन्होंने बिहार में कानून और व्यवस्था स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
महावीर मंदिर के रहे सचिव
वह पटना के महावीर मंदिर के सचिव थे और उनके नेतृत्व में मंदिर का नवीनीकरण कार्य 30 अक्टूबर 1983 को शुरू हुआ था। महावीर ट्रस्ट ने कई सामाजिक कार्यों में योगदान किया है, जिनमें महावीर कैंसर संस्थान और अन्य संस्थाओं का संचालन शामिल है। उन्होंने अपने जीवन में धार्मिक और सामाजिक कार्यों के जरिए लोगों के जीवन में बदलाव लाने की कोशिश की थी।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जताया दुख
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि आचार्य कुणाल का निधन बिहार के प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। भाजपा के कई नेताओं ने भी आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर शोक जताया। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने उनके योगदान को याद किया और कहा कि उनकी कमी को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकेगा। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि वे एक प्रशासक थे, जिन्होंने पारदर्शिता के साथ काम किया और बिहार में कानून व्यवस्था को मजबूत किया।
जेडीयू ने किया याद
जदयू ने भी आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर आरोग्य संस्थान और महावीर कैंसर संस्थान जैसी कई महत्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना की। इसके अलावा, उन्होंने समाज के लिए कई काम किए, जो हमेशा याद रखे जाएंगे। उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
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