गाजियाबाद के जनपद पिलखुवा में पले-बढ़े कवि और रामकथा वाचक डॉ. कुमार विश्वास फिलहाल गाजियाबाद के वसुंधरा में रहते हैं। बुधवार को अचानक भारतीय जनता पार्टी में उनके नाम की चर्चा शुरू हो गई।
सियासत : भाजपा में शामिल हो सकते हैं कुमार विश्वास, यूपी से राज्यसभा भेजने की तैयारी
Feb 07, 2024 20:55
Feb 07, 2024 20:55
यह है पूरा मामला
गाजियाबाद के जनपद पिलखुवा में पले-बढ़े कवि और रामकथा वाचक डॉ. कुमार विश्वास फिलहाल गाजियाबाद के वसुंधरा में रहते हैं। बुधवार को अचानक भारतीय जनता पार्टी में उनके नाम की चर्चा शुरू हो गई। दरअसल, भाजपा डॉ. कुमार विश्वास को अपना चेहरा बनाने की जुगत में लगी है। इससे पहले करीब एक साल पहले भाजपा कुमार विश्वास को उत्तर प्रदेश में एमएलसी की सीट ऑफर कर चुकी है, लेकिन कुमार विश्वास ने उस समय यह कहकर टाल दिया था कि वे राज्यसभा की सीट चाहते हैं। सूत्रों से मुताबिक अब खबर है कि जल्द ही कुमार विश्वास भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।
बुधवार को कुमार विश्वास रामकथा के एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए चार्टर्ड विमान से राजस्थान के सिरोही जनपद पहुंचे। जहां तीन दिवसीय कार्यक्रम वे "अपने अपने राम" नाम से रामकथा का वाचन करेंगे। कथा समाप्ति के बाद प्रबल संभावनाएं हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं।
प्रधानमंत्री की कर चुके हैं तारीफ
कुमार विश्वास भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसका इशारा वे पिछले कुछ दिनों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स के माध्यम से भी दे रहे हैं। बुधवार को रामकथा वाचक कुमार विश्वास ने राजस्थान पहुंचने पर कहा कि आज महाकवि माघ की नगरी भीनमाला में हैं और यहां "अपने अपने राम" की कथा वाचन के लिए उनका आगमन हुआ है। पुण्य वीरभूमि राजस्थान की भूमि को सादर नमन। इससे पहले वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में दिए गए भाषण की तारीफ के पुल भी बांध चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक बहुत ही अद्भुत वक्ता हैं। गुजराती होने के बाद भी जिस तरह उनका हिंदी पर अधिकार है और जिस मेधा के साथ वे अपना विषय रखते हैं, वह अविश्वसनीय है। हिंदी भाषा का विद्यार्थी होने के नाते इस प्रकार की हिंदी सुनकर मेरे कानों को सुख प्राप्त होता है।
कौन हैं कुमार विश्वास
कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के पिलखुआ में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ. चन्द्रपाल शर्मा आरएसएस डिग्री कॉलेज पिलखुआ में प्रवक्ता रह चुके हैं। उनकी माता रमा शर्मा गृहिणी हैं। वे चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। कुमार विश्वास की पत्नी का नाम मंजू शर्मा है। उनकी दो बेटियां हैं जिनका नाम कुहू और अग्रता है। कुमार विश्वास ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पिलखुआ से प्राप्त की। उनके पिता उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन वे हिंदी भाषा में आगे पढ़ना चाहते थे। उन्होंने हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर किया, जिसमें उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएचडी प्राप्त की।
जब अरविंद केजरीवाल ने नहीं दी राज्यसभा सीट
कुमार विश्वास ने अपना करियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 में शुरू किया। आज कुमार विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से एक हैं। उन्होंने अब तक हजारों कवि सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। बता दें कि वे फिल्मों में अभिनय भी कर चुके हैं उन्होंने आदित्य दत्त की फिल्म 'चाय-गरम' में अभिनय भी किया है। कुमार विश्वास 2011 में जनलोकपाल आंदोलन में अन्ना की टीम के सदस्य रहे। जिसके बाद वे राजनीति में आए और आम आदमी पार्टी में काफी समय रहे। लेकिन राज्यसभा सीट के लिए उनकी अरविंद केजरीवाल से बात बिगड़ गई और वे फिर से कविता पाठ करने लगे।
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